डंपर की टक्कर से बाइक सवार युवक की मौत:मजदूरी के बाद घर लौट रहा था; परिवार में अकेला कमाने वाला था
अलवर में तेज रफ्तार डंपर ने बाइक सवार मजदूर को टक्कर मार दी। हादसे में मजदूर की मौत हो गई। वह परिवार में इकलौता कमाने वाला था। हादसा उद्योग नगर थाना क्षेत्र के गांव गूंदपुर में सोमवार शाम का है। काम के बाद घर लौट रहा था मालाखेड़ा थाना क्षेत्र के हल्दीना गांव पप्पू बंजारा (40) पुत्र मानसिंह सोमवार शाम करीब 7 बजे काम खतम कर बाइक से अपने गांव हल्दीना लौट रहा था। इस दौरान गूंदपुर गांव के पास तेज गति से आ रहे एक डंपर ने उसकी बाइक को चपेट में ले लिया। हादसा इतना भीषण था कि पप्पू बंजारा की मौके पर ही मौत हो गई। घटना की सूचना पर उद्योग नगर थाना पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम करवाया। पुलिस ने डंपर को जब्त कर लिया और ड्राइवर मौके से फरार हो गया, जिसकी तलाश की जा रही है। परिवार में अकेला कमाने वाला था मजदूर पप्पू बंजारा चार बच्चों का पिता था और अपने परिवार का एकमात्र सहारा भी। उसके पिता की करीब 12 साल पहले मृत्यु हो चुकी थी, जिसके बाद से पप्पू ही अपने चार छोटे भाइयों और बच्चों का पालन-पोषण कर रहा था। पप्पू की मौत के बाद परिवार में कमाने वाला कोई नहीं बचा है। उसके सभी भाई और बच्चे नाबालिग हैं। घटना के बाद गांव में शोक का माहौल है और परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।
अलवर जिले के उद्योग नगर थाना क्षेत्र अंतर्गत गांव गूंदपुर में सोमवार शाम एक दर्दनाक सड़क हादसे में बाइक सवार मजदूर की मौत हो गई। मृतक परिवार में इकलौता कमाने वाला था,परिवार का रो-रो कर बुरा हाल है। मालाखेड़ा थाना क्षेत्र के हल्दीना गांव निवासी 40 वर्षीय पप्पू बंजारा पुत्र मानसिंह उद्योग नगर थाना क्षेत्र में मजदूरी कर अपने परिवार का पालन-पोषण करता था। सोमवार शाम करीब 7 बजे काम खतम कर बाइक से अपने गांव हल्दीना लौट रहा था। इसी दौरान गूंदपुर गांव के पास तेज गति से आ रहे एक डंपर ने उसकी बाइक को चपेट में ले लिया। हादसा इतना भीषण था कि पप्पू बंजारा की मौके पर ही मौत हो गई। घटना की सूचना मिलते ही उद्योग नगर थाना पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्ट मार्टम की कार्रवाई शुरू की। पुलिस ने डंपर को जब्त कर लिया है, जबकि चालक मौके से फरार हो गया, जिसकी तलाश की जा रही है। मृतक पप्पू बंजारा चार बच्चों का पिता था और अपने परिवार का एकमात्र सहारा भी। उसके पिता की करीब 12 वर्ष पहले मृत्यु हो चुकी थी, जिसके बाद से पप्पू ही अपने चार छोटे भाइयों और बच्चों का पालन-पोषण कर रहा था। पप्पू की मौत के बाद परिवार में कमाने वाला कोई नहीं बचा है, क्योंकि उसके सभी भाई और बच्चे अभी नाबालिग हैं। घटना के बाद गांव में शोक का माहौल है और परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।