पाली में जुटे प्रदेशभर के राजपूत समाज के युवा:आवासीय शिविर में रहकर सीख रहे अनुशसान के साथ जीवन जीने की कला
पाली में श्रीक्षत्रिय युवक संघ की ओर से गुमटी-करेला रोड स्थित रणबांकुरे एकेडमी में 25 से 31 दिसम्बर तक माध्यमिक प्रशिक्षण आवासीय शिविर चल रहा है। इसमें पाली, जालोर, सिरोही, ब्यावर, डीडवाना, नागौर सहित प्रदेश भर से आए 135 राजपूत समाज के युवा हिस्सा ले रहे हैं। कैंप में एक्सपर्ट जीवन को सार्थक बनाने और अनुशसान में रहते हुए जीवन जीने के गुर सिखा रहे हैं। आवासीय शिविर में मंगलवार को शिविर संचालक अर्जुन सिंह देलदरी ने कहा- राजस्थान महापुरुषों की जन्मभूमि है। जिनके जीवन से हमें बहुत कुछ सीखने को मिलता है। इसलिए हमें अपने अन्दर आई कमजोरियों को दूर करके खुद की आत्मशक्ति को बढ़ाना होगा। महापुरुषों के इतिहास से करवाया रूबरू शिविर संचालक अर्जुन सिंह देलदरी ने कहा- इतिहास हमारा शिक्षक है। उससे प्रेरणा लेकर इस मार्ग पर आगे बढ़ सकते हैं और देश दुनिया के लिए उपयोगी व्यक्ति बन सकते हैं। शिविर में युवाओं को सुबह 5 बजे जगाया जाता है। इसके बाद प्रेरक गीत सुनाया जाता है। इसके बाद कई तरह के खेल उन्हें खिलवाए जाते हैं ताकि फिट रह सकें। स्कूल के निदेशक झुझार सिंह ने बताया- आज सभी शिविरार्थियों ने गाजण माता, ओम बन्ना मंदिर के दर्शन करवाया गया। वहां के इतिहास के बारे में बताया। इसके साथ ही वहां तन सिंह रचित चालण रो वर दे प्रार्थना की। पाली प्रान्त प्रमुख हीर सिंह लोडता ने कहा- आज सोजत पाली शहर और अन्य शाखाओं के लोगों का एकेडमी में स्नेह मिलन आयोजन किया गया। जिसमें संघ के सम्भाग प्रमुख मोहब्बत सिंह धींगाणा ने सभी परिचय कराया। उन्होंने बताया कि इस शिविर के बाद उच्च प्रशिक्षण शिविर बाड़मेर में आयोजित होगा। इस कार्यक्रम में राजपूत सभा भवन के कोषाध्यक्ष नाथू सिंह गोठन,शंकर सिंह ढुंढा, एडवोकेट प्रेमसिंह जाडन, भंवर सिंह साठिका, विरेन्द्र पाल सिंह देणोक , परबत सिंह, नरेंद्र सिंह बधाल अभयसिंह, भगवान सिंह करणसिंह लोडता, जैतारण के मण्डल प्रमुख लक्ष्मण सिंह रायरा, गजेन्द्र सिंह सारंगवास, हुकम सिंह लाडपुरा बलराज सिंह धधेडी, जब्बर सिंह गुड़ा पृथ्वीराज ईश्वर सिंह आखर सहित कई स्वयंसेवकों के अभिभावक मौजूद रहे। आवासीय शिविर में यह रहता है शेड्यूल आवासीय शिविर में सभी सुबह 5 बजे उठते हैं। 15-20 मिनट जागरण करते हैं। साढ़े 6 बजे प्रार्थना होती है। सुबह 9 से साढ़े 10 बजे तक गेम्स होते हैं। साढे़ 12 बजे भोजन होता है। दोपहर 3 से शाम 5 बजे तक बौद्धिक कार्यक्रम होते हैं। इसमें एक्सपर्ट शिविरार्थियों को महापुरुषों और राजस्थान के इतिहास के बारे में बताते हैं। इसके साथ ही जीवन कैसे जीना चाहिए इसके बारे में भी जानकारी देते है। शाम छह बजे प्रार्थना होती। इसके बाद भोजन होता है। कुछ समय रेस्ट के बाद रात 9 से 10 बजे तक विनोद सभा होती है। जिसमें शिविरार्थी अपने गीत-डांस आदि का हुनर दिखाते हैं। उसके बाद रात साढ़े 10 बजे सभी शिविरार्थी सोने चले जाते है। यह रोज का उनका रूटीन शिविर में रहता है।