तलवार और साफा क्षत्रिय की पहचान और गौरव है : स्वामी रामेश्वरानंद
बीकानेर| क्षत्रियता की पहचान साफा और तलवार से ही होती है, यही हमारे लिए गौरव का विषय है, आज के समय में बच्चियों को अपनी आत्मरक्षा करना आना बहुत जरूरी है और युवाओं को हमारी पारंपरिक मर्यादा का प्रतीक साफा भी बांधना आना बहुत जरूरी है। यह उद्गार आज क्षत्रिय सभा एवं ट्रस्ट बीकानेर संभाग द्वारा आयोजित साफा प्रशिक्षण एवं मानवाधिकार सामाजिक कल्याण संघ बीकानेर की ओर से आत्म रक्षा प्रशिक्षण शिविर के समापन अवसर पर स्वामी रामेश्वरानंद महाराज, अधिष्ठाता ब्रह्म गायत्री सेवा आश्रम, सागर ने अपने उद्बोधन में व्यक्त किए। स्वयं की रक्षा करने के लिए यदि हथियार भी उपयोग में लाना पड़े तो पीछे नहीं हटना चाहिए, विशिष्ट अतिथि के रूप में पूर्व आईजी, बीएसएफ, पुष्पेंद्र सिंह राठौड़ ने व्यक्त किए। समारोह में उपस्थित अतिथियों का स्वागत सभा के अध्यक्ष करण प्रताप सिंह सिसोदिया ने करते हुए शिविर की उपादेयता पर प्रकाश डाला। प्रशिक्षण शिविर के समापन अवसर पर प्रशिक्षणार्थियों द्वारा सीखे गए हुनर लाठी चलाना, तलवार चलाना, त्रिशूल चलाना एवं साफा बांधने का प्रत्यक्ष रूप से प्रदर्शन किया। शिविर में आयोजन कर्ता संदीप सिंह राठौड़ एवं उषा कंवर एवं प्रशिक्षक के रूप में जोधपुर से आई मंजू राठौर का अतिथियों द्वारा अभिनंदन किया गया। इस अवसर पर इस शिविर में करीब 75 आत्मरक्षा एवं 55 साफा प्रशिक्षण में प्रशिक्षणार्थियों ने भाग लिया। समारोह में सभी प्रश्न प्रशिक्षणार्थियों को उपहार एवं प्रशस्ति पत्र प्रदान किए गए।
बीकानेर| क्षत्रियता की पहचान साफा और तलवार से ही होती है, यही हमारे लिए गौरव का विषय है, आज के समय में बच्चियों को अपनी आत्मरक्षा करना आना बहुत जरूरी है और युवाओं को हमारी पारंपरिक मर्यादा का प्रतीक साफा भी बांधना आना बहुत जरूरी है।
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यह उद्गार आज क्षत्रिय सभा एवं ट्रस्ट बीकानेर संभाग द्वारा आयोजित साफा प्रशिक्षण एवं मानवाधिकार सामाजिक कल्याण संघ बीकानेर की ओर से आत्म रक्षा प्रशिक्षण शिविर के समापन अवसर पर स्वामी रामेश्वरानंद महाराज, अधिष्ठाता ब्रह्म गायत्री सेवा आश्रम, सागर ने अपने उद्बोधन में व्यक्त किए। स्वयं की रक्षा करने के लिए यदि हथियार भी उपयोग में लाना पड़े तो पीछे नहीं हटना चाहिए, विशिष्ट अतिथि के रूप में पूर्व आईजी, बीएसएफ, पुष्पेंद्र सिंह राठौड़ ने व्यक्त किए।
समारोह में उपस्थित अतिथियों का स्वागत सभा के अध्यक्ष करण प्रताप सिंह सिसोदिया ने करते हुए शिविर की उपादेयता पर प्रकाश डाला। प्रशिक्षण शिविर के समापन अवसर पर प्रशिक्षणार्थियों द्वारा सीखे गए हुनर लाठी चलाना, तलवार चलाना, त्रिशूल चलाना एवं साफा बांधने का प्रत्यक्ष रूप से प्रदर्शन किया। शिविर में आयोजन कर्ता संदीप सिंह राठौड़ एवं उषा कंवर एवं प्रशिक्षक के रूप में जोधपुर से आई मंजू राठौर का अतिथियों द्वारा अभिनंदन किया गया। इस अवसर पर इस शिविर में करीब 75 आत्मरक्षा एवं 55 साफा प्रशिक्षण में प्रशिक्षणार्थियों ने भाग लिया। समारोह में सभी प्रश्न प्रशिक्षणार्थियों को उपहार एवं प्रशस्ति पत्र प्रदान किए गए।