अरावली की पहाड़ियां बचाने को लेकर आगे आए दिव्यांगजन:रैली निकालकर की सरंक्षण की मांग, राज्यपाल के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा
अरावली की पहाड़ियां बचाने को लेकर सीकर जिले के दिव्यांगजनों ने एकजुट होकर रैली निकाली और राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा। दिव्यांग हाथों के सहारे चढ़कर कलेक्ट्रेट ऑफिस पहुंचे। कलेक्टर मुकुल शर्मा तुरंत दफ्तर से बाहर निकलकर ज्ञापन लेने आए और दिव्यांगों से कहा कि ऊपर आने की मुसीबत मत उठाया करो, आप लोगों की समस्याएं सुनने मैं नीचे ही आ जाऊंगा। इसके बाद दिव्यांगों ने कलेक्टर को राज्यपाल के नाम अरावली संरक्षण का ज्ञापन सौंपा। अरावली को राजस्थान की “जान” बताते हुए इसके संरक्षण की मांग दिव्यांगों ने अरावली को राजस्थान की “जान” बताते हुए इसके संरक्षण की मांग की। दिव्यांगों ने ज्ञापन के जरिए कहा कि अरावली पर्वतमाला से ही प्रदेश का पर्यावरण संतुलित रहता है। अरावली के कारण ही राजस्थान में अत्यधिक गर्मी, भीषण सर्दी, बाढ़ जैसी आपदाएं नहीं आती और वर्षा का संतुलन बना रहता है। अरावली को नुकसान होगा तो राजस्थान की जनता को फल-फूल, वनस्पति, जड़ी-बूटी आदि का बड़े पैमाने पर नुकसान होगा। भू माफिया और खनन माफिया अरावली को पहुंचा रहे नुकसान दिव्यांगों ने आरोप लगाया कि भू-माफिया और खनन माफिया लगातार अरावली को नुकसान पहुंचा रहे हैं। हाईकोर्ट का 100 मीटर संबंधी नियम पूरी तरह गलत है, क्योंकि माफिया इसी नियम का हवाला देकर अरावली को नष्ट कर रहे हैं। दिव्यांगों ने राज्यपाल से की सख्त कदम उठाने की अपील दिव्यांगों ने राज्यपाल से अरावली को भू-माफिया और खनन माफिया से बचाने के लिए सख्त कदम उठाने की अपील की है।
अरावली संरक्षण को लेकर ज्ञापन देने के लिए दिव्यांगजन सीकर जिला कलेक्ट्रेट में पहुंचे।
अरावली की पहाड़ियां बचाने को लेकर सीकर जिले के दिव्यांगजनों ने एकजुट होकर रैली निकाली और राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा। दिव्यांग हाथों के सहारे चढ़कर कलेक्ट्रेट ऑफिस पहुंचे।
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कलेक्टर मुकुल शर्मा तुरंत दफ्तर से बाहर निकलकर ज्ञापन लेने आए और दिव्यांगों से कहा कि ऊपर आने की मुसीबत मत उठाया करो, आप लोगों की समस्याएं सुनने मैं नीचे ही आ जाऊंगा। इसके बाद दिव्यांगों ने कलेक्टर को राज्यपाल के नाम अरावली संरक्षण का ज्ञापन सौंपा।
अरावली को राजस्थान की “जान” बताते हुए इसके संरक्षण की मांग
दिव्यांगों ने अरावली को राजस्थान की “जान” बताते हुए इसके संरक्षण की मांग की। दिव्यांगों ने ज्ञापन के जरिए कहा कि अरावली पर्वतमाला से ही प्रदेश का पर्यावरण संतुलित रहता है। अरावली के कारण ही राजस्थान में अत्यधिक गर्मी, भीषण सर्दी, बाढ़ जैसी आपदाएं नहीं आती और वर्षा का संतुलन बना रहता है।