पूर्व कांग्रेस-विधायक पर कोर्ट के आदेश की अवहेलना का आरोप:बोले- माइनिंग एरिया का पानी खाली कराए बिना सर्वे करवाया, पक्षकार को सूचना नहीं दी
सवाई माधोपुर की बौंली तहसील के बडागांव सरवर क्षेत्र में स्थित एक खनन पट्टे को लेकर कोर्ट के आदेशों की अवहेलना का मामला सामने आया है। खनन पट्टाधारी कांग्रेस के पूर्व विधायक प्रशांत बैरवा पर प्रकाश सामोता ने आरोप लगाया है कि उन्होंने न्यायालय के निर्देशों के विपरीत जाकर अवैध तरीके से माइंस का ड्रोन सर्वे करवा लिया। संबंधित पक्षकार को इसकी कोई सूचना नहीं दी गई। ड्रोन से चोरी-छिपे सर्वे कराने का आरोप जानकारी के अनुसार, न्यायालय द्वारा पारित आदेशों में स्पष्ट रूप से निर्देशित किया गया था कि माइंस क्षेत्र में भरे हुए पानी को पहले पंप आदि के माध्यम से बाहर निकाला जाए। उसके बाद ही निष्पक्ष एवं वास्तविक स्थिति दर्शाने वाला ड्रोन सर्वे कराकर उसे खनन विभाग, सवाई माधोपुर में प्रस्तुत किया जाए। आरोप है कि प्रशांत बैरवा ने इन आदेशों का पालन नहीं किया। न तो माइंस में भरे पानी को विधिवत निकाला गया और न ही संबंधित शिकायतकर्ता प्रकाश सामोता को सूचित किया गया। इसके विपरीत, चोरी-छिपे माइंस का ड्रोन सर्वे करवा लिया गया, जिसे अब खनन विभाग के सामने प्रस्तुत करने की तैयारी की जा रही है। फिर से सर्वे करवाने की मांग जानकारी के अनुसार, यह ड्रोन सर्वे अवैध खनन पर लगाई गई भारी पेनल्टी में राहत पाने के उद्देश्य से कराया गया है। यदि बिना पानी निकाले ड्रोन सर्वे कराया जाता है, तो माइंस की वास्तविक गहराई, खुदाई और खनन की वास्तविक स्थिति स्पष्ट रूप से सामने नहीं आ पाती, जिससे रिपोर्ट भ्रामक हो सकती है। इसलिए शिकायतकर्ता ने फिर से ड्रोन सर्वे करवाने की मांग की है।
सवाई माधोपुर की बौंली तहसील के बडागांव सरवर क्षेत्र में स्थित एक खनन पट्टे को लेकर कोर्ट के आदेशों की अवहेलना का मामला सामने आया है। खनन पट्टाधारी कांग्रेस के पूर्व विधायक प्रशांत बैरवा पर प्रकाश सामोता ने आरोप लगाया है कि उन्होंने न्यायालय के निर्देशों के विपरीत जाकर अवैध तरीके से माइंस का ड्रोन सर्वे करवा लिया, जबकि संबंधित पक्षकार को इसकी कोई सूचना नहीं दी गई। जानकारी के अनुसार, न्यायालय द्वारा पारित आदेशों में स्पष्ट रूप से निर्देशित किया गया था कि माइंस क्षेत्र में भरे हुए पानी को पहले पंप आदि के माध्यम से बाहर निकाला जाए, उसके पश्चात ही निष्पक्ष एवं वास्तविक स्थिति दर्शाने वाला ड्रोन सर्वे कराकर उसे खनन विभाग, सवाई माधोपुर में प्रस्तुत किया जाए, लेकिन आरोप है कि प्रशांत बैरवा ने इन आदेशों का पालन नहीं किया। न तो माइंस में भरे पानी को विधिवत निकाला गया और न ही संबंधित शिकायतकर्ता प्रकाश सामोता को सूचित किया गया। इसके विपरीत, चोरी-छिपे माइंस का ड्रोन सर्वे करवा लिया गया, जिसे अब खनन विभाग के सामने प्रस्तुत करने की तैयारी की जा रही है। अवैध खनन की पेनल्टी से बचने की कोशिश? सूत्रों की मानें तो यह कथित फर्जी ड्रोन सर्वे अवैध खनन पर लगाई गई भारी पेनल्टी में राहत पाने के उद्देश्य से कराया गया है। यदि बिना पानी निकाले ड्रोन सर्वे कराया जाता है, तो माइंस की वास्तविक गहराई, खुदाई और खनन की वास्तविक स्थिति स्पष्ट रूप से सामने नहीं आ पाती, जिससे रिपोर्ट भ्रामक हो सकती है। इसलिए शिकायतकर्ता ने फिर से ड्रोन सर्वे करवाने की मांग की है।