भरतपुर में सिनपिनी को बनाया गया ग्राम पंचायत:लंबे समय से थी मांग, मिठाई खिलाकर मनाई खुशी
भरतपुर जिले के सिनपिनी गांव के लोग अलग ग्राम पंचायत बनाने की मांग कर रहे थे। कल रात एक आदेश जारी करते हुए मुठौता ग्राम पंचायत से सिनपिनी ग्राम पंचायत को अलग कर दिया गया। जिसको लेकर लोगों में काफी खुशी है। आज गांव के लोगों ने कलेक्ट्रेट पर के दूसरे को मिठाई खिलाई। साथ ही सीएम और विधायक का आभार व्यक्त किया। सिनपिनी ग्राम पंचायत अलग हुई कुंवर सिंह निवासी तातामड़ गांव ने बताया कि आज हमारे संघर्ष की जीत हुई है। 15 दिन पहले कलेक्टर को हमने ज्ञापन था कि ग्राम पंचायत मुठौता से सिनपिनी को अलग किया जाए। लोगों में काफी भ्रम था कि एक आदेश में सिनपीनी पंचायत अलग थी लेकिन नोटिफिकेशन में नहीं थी। अब सिनपिनी को अलग ग्राम पंचायत बनाया गया है। छोटी ग्राम पंचायत होने से विकास की संभावना ज्यादा इसको लेकर विधायक जगत सिंह और मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा का सभी लोग आभार व्यक्त कर रहे हैं। कल रात को सिनपिनी ग्राम पंचायत को अलग करने के आदेश जारी किए हैं। इस खुशी में ग्राम पंचायत के सभी लोग कलेक्टर कमर चौधरी का धन्यवाद करने के लिए पहुंचे हैं। अब दोनों पंचायतों का अच्छा विकास हो सकेगा। अब दोनों पंचायत छोटी हो गई। इससे विकास होने के ज्यादा संभावना है।
भरतपुर जिले के सिनपिनी गांव के लोग अलग ग्राम पंचायत बनाने की मांग कर रहे थे। कल रात एक आदेश जारी करते हुए मुठौता ग्राम पंचायत से सिनपिनी ग्राम पंचायत को अलग कर दिया गया। जिसको लेकर लोगों में काफी खुशी है। आज गांव के लोगों ने कलेक्ट्रेट पर के दूसरे को
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सिनपिनी ग्राम पंचायत अलग हुई
कुंवर सिंह निवासी तातामड़ गांव ने बताया कि आज हमारे संघर्ष की जीत हुई है। 15 दिन पहले कलेक्टर को हमने ज्ञापन था कि ग्राम पंचायत मुठौता से सिनपिनी को अलग किया जाए। लोगों में काफी भ्रम था कि एक आदेश में सिनपीनी पंचायत अलग थी लेकिन नोटिफिकेशन में नहीं थी। अब सिनपिनी को अलग ग्राम पंचायत बनाया गया है।
छोटी ग्राम पंचायत होने से विकास की संभावना ज्यादा
इसको लेकर विधायक जगत सिंह और मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा का सभी लोग आभार व्यक्त कर रहे हैं। कल रात को सिनपिनी ग्राम पंचायत को अलग करने के आदेश जारी किए हैं। इस खुशी में ग्राम पंचायत के सभी लोग कलेक्टर कमर चौधरी का धन्यवाद करने के लिए पहुंचे हैं। अब दोनों पंचायतों का अच्छा विकास हो सकेगा। अब दोनों पंचायत छोटी हो गई। इससे विकास होने के ज्यादा संभावना है।