पीबीएम अस्पताल का मामला:बच्चा अस्पताल में बेड नहीं मिलने पर रेजिडेंट डॉक्टर को पीटा, मरीज की फाइल भी ले गए
पीबीएम बच्चा अस्पताल में शुक्रवार देर रात एक बालिका को बेड नहीं मिलने की बात पर खूब हंगामा हुआ। परिजनों ने ड्यूटी पर तैनात रेजिडेंट डॉक्टर के साथ मारपीट की और मरीज के साथ उसकी मेडिकल फाइल भी ले गए। इस मुद्दे पर गुस्साए रेजिडेंट डॉक्टर्स एक बार हड़ताल पर जाने को तैयार हो गए थे। वरिष्ठ चिकित्सकों के समझाने पर माने। रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन ने शनिवार को एसपी मेडिकल कॉलेज की अतिरिक्त प्राचार्य डॉ. रेखा आचार्य से आरोपियों के खिलाफ पुलिस थाने में मुकदमा दर्ज कराने की मांग की है। घटना शुक्रवार रात 11 बजे बाद की है। मुक्ता प्रसाद के चार लोग 13 साल की बच्ची को लेकर इमरजेंसी में आए थे। ड्यूटी पर तैनात रेजिडेंट डॉक्टर विकास ने बच्ची को देखा और भर्ती कर लिया। वार्ड में सभी 40 बेड भरे हुए थे। ज्यादातर बेड पर दो-दो बच्चों को लिटा रखा था। परिजनों ने अलग बेड की मांग की, जिस पर डॉक्टर ने असमर्थता जाहिर कर दी। इस बात को लेकर गर्मा-गर्मी हो गई। परिजनों का कहना था कि जब बेड खाली ही नहीं है तो मरीज को भर्ती क्यों किया। डॉक्टर ने समझाने का प्रयास किया तो बात मारपीट तक जा पहुंची। एक महिला ने डॉक्टर पर हाथ उठा लिया। कॉलर पकड़ ली। दोनों के बीच धक्का-मुक्की शुरू हो गई। वार्ड में अफरा-तफरी मच गई। वार्ड में भर्ती अन्य बीमार बच्चे और उनके परिजन दहशत में आ गए। स्टाफ के अन्य लोगों को आते देख बच्ची को लेकर चले गए। डॉक्टरों का कहना है कि वे महिला रेजिडेंट डॉक्टर के हाथ से मरीज की मेडिकल फाइल भी छीन ले गए। डॉक्टरों ने घटना की सूचना देर रात पुलिस चौकी पर दे दी। शनिवार सुबह अतिरिक्त प्राचार्य डॉ. रेखा आचार्य को ज्ञापन सौंपकर सुरक्षा के इंतजाम करने सहित आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने की मांग की है। उन्होंने एसपी ऑफिस में भी ज्ञापन दिया है। डॉक्टर-मरीज के बीच आए दिन विवाद, सुरक्षा की व्यवस्था नहीं पीबीएम में डॉक्टर और मरीज के परिजनों के बीच आए दिन विवाद होता है। बच्चा अस्पताल में पहले भी ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं। कहने को कैंपस में 250 सुरक्षा गार्ड हैं, लेकिन ऐसी घटनाओं के दौरान दूर खड़े तमाशा देखते हैं। बच्चा अस्पताल में रात के समय चार गार्ड रहते हैं। पुरुषों के अंदर जाने पर रोक है। केवल महिलाओं को ही प्रवेश दिया जाता है। उसके बाद भी रात को बच्ची के साथ एक महिला के अलावा तीन पुरुषों को रोका नहीं गया। यह भी पता चला है कि बच्ची के परिजन भाजपा के एक वरिष्ठ नेता का नाम बार-बार ले रहे थे। "अस्पताल में मरीजों की संख्या अधिक है। ऐसे में परिजनों को संयम रखना चाहिए। बच्चा अस्पताल की घटना की जांच के लिए कमेटी बनाई जाएगी।" — डॉ. संजीव बुरी, कार्यवाहक अधीक्षक, पीबीएम "रेजिडेंट डॉक्टर्स पिटने के लिए नहीं हैं। हम मरीज का इलाज करते हैं। अधीक्षक आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराएं, वरना सामूहिक अवकाश जैसे कदम उठाने पड़ेंगे।" — डॉ. सचिन देसाई, अध्यक्ष, आरडीए बच्चा अस्पताल में रोज 800 मरीज आ रहे, सभी बेड फुल बुखार, सर्दी, जुकाम, खांसी यानी वायरल के प्रकोप बढ़ने के कारण बच्चा अस्पताल के आउटडोर में इन दिनों रोज करीब 800 मरीज आ रहे हैं। चार यूनिट हैं। हर यूनिट में 40 बेड हैं। सभी फुल रहते हैं। एक बेड पर दो-दो बच्चों को सुलाना पड़ रहा है। इससे संक्रमण का खतरा बना रहता है। कार्यवाहक एचओडी डॉ. मुकेश बेनीवाल का कहना है कि इन दिनों मरीज ज्यादा आ रहे हैं। बच्ची के परिजनों को स्थिति बताने के साथ ही रेजिडेंट ने कहा था कि एक बार बेड शेयर कर लें। इलाज शुरू होने के बाद दूसरी जगह शिफ्ट कर देंगे, लेकिन परिजन नहीं माने और मारपीट पर उतारू हो गए। सीसीटीवी कैमरे देखे जा रहे हैं।