अरावली की पहाड़ियों के फैसले के बाद ईंट भट्टा सीज:उदयपुर में खान विभाग की पहली कार्रवाई, अवैध खनन पर ड्रोन से होगी निगरानी
अरावली पर्वतमाला के संरक्षण को लेकर राज्य सरकार की ओर से सोमवार को अवैध खनन के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी गई है। उदयपुर जिले के वल्लभनगर में सबसे पहली कार्रवाई की गई है। उदाखेड़ा में खान विभाग की टीम ने कार्रवाई करते हुए एक ईंट भट्टा सीज किया। साथ ही अब ड्रोन की मदद से अवैध खनन पर लगातार निगरानी रखी जाएगी। इसके लिए कलेक्टर ने संबंधित विभागों की मीटिंग लेकर सख्त निर्देश दिए, ताकि अवैध गतिविधियों पर पूरी तरह अंकुश लगाया जा सके। ईंट भट्टे को सीज कर संबंधित मालिक के मांगे दस्तावेज खान विभाग के एएमई आसिफ मोहम्मद ने बताया कि कार्रवाई में वहां पर ईंटों का स्टॉक कर रखा था जिसको सीज किया गया और अब संबंधित मालिक से दस्तावेज मांगे गए है। इसके बाद आगे नियमानुसार कार्रवाई की प्रक्रिया पूरी की जाएगी। इधर, जिला प्रशासन ने उदयपुर सहित अरावली विस्तार वाले सभी जिलों में 29 दिसंबर से अवैध खनन, निर्गमन और भंडारण के खिलाफ विशेष संयुक्त अभियान शुरू हुआ। आगामी 15 जनवरी तक चलने वाले इस अभियान में जीरो टॉलरेंस नीति के तहत सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। अभियान की प्रभावी क्रियान्विति को लेकर जिला कलेक्टर नमित मेहता और पुलिस अधीक्षक योगेश गोयल ने सोमवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से अधिकारियों की बैठक लेकर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए हैं। अरावली के संरक्षण को लेकर सरकार पूरी तरह कटिबद्ध बैठक में जिला कलेक्टर नमित मेहता ने कहा कि अरावली पर्वतमाला के संरक्षण को लेकर राज्य सरकार पूरी तरह कटिबद्ध है। मुख्यमंत्री खुद इस अभियान की मॉनिटरिंग कर रहे हैं। ऐसे में सभी संबंधित अधिकारी पूरी गंभीरता और जवाबदेही के साथ काम करते हुए कार्रवाई करें। कलेक्टर ने सभी उपखंड स्तरीय टीमों को प्रभावी निगरानी के लिए DMFT(डिस्ट्रिक्ट मिनरल फाउंडेशन ट्रस्ट फंड) से वाहन उपलब्ध कराने, खनि अभियंता को खनन लीज और उनके क्षेत्रफल, अवैध खनन की दृष्टि से संवेदनशील स्थलों की पूरी जानकारी उपखंड मजिस्ट्रेट को उपलब्ध कराने के लिए पाबंद किया। संयुक्त टीमें करेगी कार्रवाई जिला कलेक्टर की अध्यक्षता वाली कमेटी अभियान की मॉनिटरिंग करेगी। वहीं उपखंड मजिस्ट्रेट की अध्यक्षता में बनी स्पेशल टास्क फोर्स अपने-अपने क्षेत्रों में सतत निगरानी रखते हुए अवैध खनन, निर्गमन, परिवहन की गतिविधियों के खिलाफ कार्रवाई करेगी। टीमों में खनन, राजस्व, वन, पुलिस और परिवहन विभाग के अधिकारी-कार्मिक शामिल रहेंगे। इसके अलावा जिला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक भी संयुक्त टीमों के साथ औचक निरीक्षण करेंगे। ड्रोन सर्वे से होगी निगरानी अवैध खनन स्थलों की पहचान और सतत निगरानी के लिए ड्रोन सर्वे का उपयोग किया जाएगा, ताकि किसी भी प्रकार की अवैध गतिविधि पर तुरंत कार्रवाई सुनिश्चित हो सके।