मानव जीवन में आध्यात्मिक अष्टांग योग की महत्ती आवश्यकता: मिश्रा
डूंगरपुर| मानव-जीवन में आध्यात्मिक अष्टांग योग की महती आवश्यकता है। इसके अभाव में समस्त सांसारिक प्रगति व्यर्थ है। व्यास आश्रम, दामड़ी में आध्यात्मिक अष्टांग योग शिविर में बड़ी संख्या में देश भर से श्रद्धालु हिस्सा ले रहे है। यहां लखनऊ से पहुंचे प्रांजल मिश्रा ने बताया कि व्यास-आश्रम, दामड़ी आध्यात्मिक अष्टांग योग के मूल, असली व प्राचीन स्वरुप को जीवित करने की पुरजोर चेष्टा कर रहा है। शिविर के पांचवे दिन लखनऊ से भारती मिश्रा, बैंगलुरू से अर्चना शुक्ला, जयपुर से डा़ॅ ममता मिश्रा, रतनलाल कटारा, प्रफुल्ल पाटीदार, राहुल पाटीदार, आशीष सुथार, महेश सुथार, पूर्वांश यादव, लोचन सुथार, सीमा द्विवेदी, भव्य पंचाल, दिव्य सुथार, लता सुथार, शिवानी सुथार, भुवन पाटीदार आदि अनेक साधक-साधिकाओं ने भाग लिया। ब्रह्मर्षि पं.विद्याशंकर व्यास गोर ने इस योग के आठों अंगों को विस्तार से समझाया तथा प्राणायाम करवाया।
डूंगरपुर| मानव-जीवन में आध्यात्मिक अष्टांग योग की महती आवश्यकता है। इसके अभाव में समस्त सांसारिक प्रगति व्यर्थ है। व्यास आश्रम, दामड़ी में आध्यात्मिक अष्टांग योग शिविर में बड़ी संख्या में देश भर से श्रद्धालु हिस्सा ले रहे है। यहां लखनऊ से पहुंचे प्रा
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शिविर के पांचवे दिन लखनऊ से भारती मिश्रा, बैंगलुरू से अर्चना शुक्ला, जयपुर से डा़ॅ ममता मिश्रा, रतनलाल कटारा, प्रफुल्ल पाटीदार, राहुल पाटीदार, आशीष सुथार, महेश सुथार, पूर्वांश यादव, लोचन सुथार, सीमा द्विवेदी, भव्य पंचाल, दिव्य सुथार, लता सुथार, शिवानी सुथार, भुवन पाटीदार आदि अनेक साधक-साधिकाओं ने भाग लिया। ब्रह्मर्षि पं.विद्याशंकर व्यास गोर ने इस योग के आठों अंगों को विस्तार से समझाया तथा प्राणायाम करवाया।