देश के हर जिले में बनेगी नवग्रह वाटिका; सूर्य ग्रह वाले आक, बुधवाले अपमार्ग और गुरु के जातकों के लिए पीपल की पूजा फायदेमंद
प्रखर प्रज्ञा-सजल श्रद्धा पर अर्पित की पुष्पांजलि हरिद्वार देव संस्कृति विश्वविद्यालय के कुलपति एवं गायत्री परिवार के युवा मनीषी डॉ. चिन्मय पंड्या शनिवार को एक दिवसीय प्रवास पर जयपुर पहुंचे। पंड्या ने शक्तिपीठ के सामने वंदनीया माताजी भगवती देवी शर्मा जन्म शताब्दी स्मृति वन का शिलान्यास किया। इस मौके पर पंड्या ने घोषणा की कि गायत्री परिवार इस तरह के स्मृति वन देश के सभी जिलों में विकसित करेगा, ताकि नवग्रह वाटिका में लोग अपनी राशि के पेड़ व पौधों के समक्ष बैठकर जप-तप, ध्यान एवं साधना कर सकें। उन्होंने सांगानेर की वाटिका स्थित गायत्री शक्तिपीठ में वेदमाता गायत्री और युग ऋषि पं. श्रीराम शर्मा और भगवती देवी शर्मा के समाधि स्थल प्रखर प्रज्ञा-सजल श्रद्धा पर पुष्पांजलि अर्पित की। डॉ. चिन्मय पंड्या का गायत्री शक्तिपीठ वाटिका के व्यवस्थापक रणवीर सिंह चौधरी, राजस्थान के मुख्य ट्रस्टी ओमप्रकाश अग्रवाल, सतीश भाटी, डॉ. प्रशांत भारद्वाज ने अभिनंदन किया। धार्मिक के साथ वैज्ञानिक दृष्टि से भी अच्छी परंपरा ज्योतिषाचार्य डॉ. महेन्द्र मिश्रा ने बताया कि ग्रहों की शांति के लिए र| धारण किए जाते हैं, उसी प्रकार संबंधित ग्रहों के पौधों पर जल चढ़ाने, उनके पास बैठकर जप-तप एवं हवन करने से ग्रह दोषों का निवारण होता है। शास्त्रों में वर्णित यह परंपरा धार्मिक के साथ-साथ वैज्ञानिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। नवग्रहों के पौधे पर्यावरण संतुलन एवं संरक्षण में भी भूमिका निभाते हैं। स्मृति वन में बनाई जाएगी राशि आधारित वाटिका स्मृति वन में नक्षत्र वाटिका, नवग्रह वाटिका एवं राशि आधारित वाटिका का निर्माण किया जाएगा। कल्पवृक्ष, कदम, पुत्रजीवा, बहेड़ा, गुलर, अमलताश, अर्जुन, पारिजात, कदली फल, बादाम, मौलश्री, शमीवृक्ष, बूबना, अंजीर सहित अनेक प्रजातियों के पौधे लगाए जाएंगे, जो भविष्य में विशाल वृक्षों का रूप लेंगे। शास्त्रों में इन पौधों को मंगलकारी माना गया है। 9 ग्रहों के लिए अलग-अलग पौधे यहां सभी 9 ग्रहों, 12 राशियों एवं 27 नक्षत्रों के अनुरूप पौधरोपण किया जाएगा। नवग्रहों के लिए सूर्य ग्रह हेतु आक, चंद्र के लिए गुलर, मंगल के लिए खेर, बुध के लिए अपमार्ग, गुरु के लिए पीपल, शुक्र के लिए पलाश, शनि के लिए शमी, राहु के लिए दुर्वा तथा केतु के लिए दरभा के पौधे लगाए जाएंगे।