एकीकृत स्वास्थ्य प्रबंधन:हर मरीज का ई-हेल्थ रिकॉर्ड बनेगा, प्रदेश के किसी भी सरकारी अस्पताल में एक क्लिक पर खुलेगी स्वास्थ्य कुंडली
प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं में बड़ा बदलाव होने जा रहा है। राज्य सरकार की ओर से लागू एकीकृत स्वास्थ्य प्रबंधन प्रणाली (आईएचएमएस) से अब हर मरीज का ई-हेल्थ रिकॉर्ड (आभा आईडी) बनेगा। इसे हॉस्पिटल में सहेजा जाएगा। एक क्लिक करते ही रोगी की पूरी स्वास्थ्य कुंडली खुलकर सामने आ जाएगी। इस योजना में हर सरकारी हॉस्पिटल को जोड़ा जाएगा। ताकि, रोगी आभा आईडी के जरिये प्रदेश के किसी भी हॉस्पिटल में अपने पुराने रिकाॅर्ड के साथ उपचार ले सके। इसमें रोगी की बीमारी, किस डॉक्टर ने क्या दवा लिखी इसकी जानकारी होगी। जिले में 45 अस्पतालों को योजना से जोड़ा जा रहा है। इसके लिए सरकार की ओर से 1.21 करोड़ रुपए का बजट स्वीकृत किया गया है। आरएनटी मेडिकल कॉलेज में प्रारंभिक प्रयोग शुरू किया जा चुका है। पंजीकरण से लेकर, जांच-भर्ती और डिस्चार्ज तक ये रहेगी प्रक्रिया उप-जिला व सैटेलाइट का बजट भींडर (उप-जिला) 11,44,800 मावली (उप-जिला) 9,93,600 बड़गांव (सैटेलाइट) 6,93,600 वल्लभनगर (सैटेलाइट) 6,62,400 ब्लॉक-वार अस्पतालों में ये बजट मावली (6 हॉस्पिटल) 14,50,800 शहर (11 हॉस्पिटल) 23,96,400 झाड़ोल 7,42,800 ऋषभदेव 4,84,800 फायदा...फाइलों का बोझ नहीं, कतारों से मुक्ति
प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं में बड़ा बदलाव होने जा रहा है। राज्य सरकार की ओर से लागू एकीकृत स्वास्थ्य प्रबंधन प्रणाली (आईएचएमएस) से अब हर मरीज का ई-हेल्थ रिकॉर्ड (आभा आईडी) बनेगा। इसे हॉस्पिटल में सहेजा जाएगा। एक क्लिक करते ही रोगी की पूरी स्वास्थ्य कु
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पंजीकरण से लेकर, जांच-भर्ती और डिस्चार्ज तक ये रहेगी प्रक्रिया
- पंजीकरण : मरीज मोबाइल एप या अस्पताल के काउंटर पर पंजीकरण करवा सकेगा। आभा आईडी पंजीकरण के समय आयुष्मान भारत हेल्थ अकाउंट, आईडी दिखानी होगी।
- ओपीडी : डॉक्टर के कमरे के बाहर या ओपीडी काउंटर पर कम्प्यूटर ऑपरेटर मरीज का विवरण सिस्टम में दर्ज करेगा।
- डेटा : डॉक्टर के कंप्यूटर स्क्रीन पर मरीज की फाइल खुद-ब-खुद खुलेगी। डॉक्टर पूरी पर्ची को सिस्टम में ही दर्ज करेगा, इसमें बीमारी के लक्षण और दवाएं शामिल रहेंगी।
- डिजिटल रिकॉर्ड : डॉक्टर के मरीज की आईडी खोलते ही पुरानी बीमारियों, पिछली जांच रिपोर्ट और पहले दी गई दवाओं की जानकारी मिलेगी। इससे गलत इलाज की आशंका खत्म होगी।
- जांच और रिपोर्ट : डॉक्टर सिस्टम से ही खून या अन्य जांच का डिजिटल पर्चा जनरेट करेंगे। रिपोर्ट सीधे डॉक्टर के सिस्टम पर और मरीज के मोबाइल एप पर पहुंचेगी। जिसे वह खुद खोलकर देख सकेगा।
- दवा वितरण : डॉक्टर द्वारा लिखी गई दवाएं सीधे फार्मेसी के कंप्यूटर पर पहुंचेंगी। फार्मासिस्ट सिस्टम में एंट्री कर दवा देगा। जिससे स्टॉक की रियल-टाइम निगरानी होगी।