सलमान ख़ान की 'बैटल ऑफ़ गलवान' फ़िल्म से चीन का सरकारी मीडिया क्यों हुआ नाराज़
चीन के चर्चित सरकारी अख़बार ग्लोबल टाइम्स ने एक लेख प्रकाशित किया है जिसमें इस फ़िल्म पर ‘तथ्यों को तोड़-मरोड़कर’ पेश करने का आरोप लगाया गया है.
सलमान ख़ान की 'बैटल ऑफ़ गलवान' फ़िल्म से चीन का सरकारी मीडिया क्यों हुआ नाराज़

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इमेज कैप्शन, सलमान ख़ान की फ़िल्म 'बैटल ऑफ़ गलवान' का एक दृश्य
एक घंटा पहले
एक्टर सलमान ख़ान की नई फ़िल्म 'बैटल ऑफ़ गलवान' की चीन के सरकारी मीडिया ने निंदा की है.
चीन के चर्चित सरकारी दैनिक अख़बार ग्लोबल टाइम्स ने एक लेख प्रकाशित किया है जिसमें इस फ़िल्म पर 'तथ्यों को तोड़-मरोड़कर' पेश करने का आरोप लगाया गया है.
17 अप्रैल 2026 को रिलीज़ होने जा रही 'बैटल ऑफ़ गलवान' फ़िल्म को साल 2020 में लद्दाख़ की गलवान घाटी में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुई झड़प पर केंद्रित बताया जा रहा है.
सलमान ख़ान और चित्रांगदा सिंह इस फ़िल्म में केंद्रीय भूमिका में हैं जबकि इस फ़िल्म का डायरेक्शन अपूर्व लाखिया ने किया है.
27 दिसंबर को सलमान ख़ान के जन्मदिन पर इस फ़िल्म का टीज़र रिलीज़ किया गया था.
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इमेज कैप्शन, चीन ने जून 2020 में चीनी और भारतीय सैनिकों के बीच हुए विवाद की एक तस्वीर जारी की थी (फ़ाइल)
मई 2020 में दोनों देशों के सैनिकों के बीच पूर्वी लद्दाख़ के पैंगोंग त्सो झील के नॉर्थ बैंक में झड़प हुई थी.
इसमें दोनों ही तरफ़ के दर्जनों सैनिक घायल हो गए थे. इसके बाद 15 जून को गलवान घाटी में एक बार फिर दोनों देशों के सैनिकों के बीच झड़प हुई.
इस झड़प को लेकर 16 जून को भारतीय सेना का बयान सामने आया था, जिसमें 20 भारतीय जवानों की मौत की बात कही गई थी. हालांकि, चीन ने तब तक अपने जवानों की मौत की बात नहीं कही थी.

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इमेज कैप्शन, भारत और चीन के बीच अब तक पूरी तरह से सीमांकन नहीं हुआ है क्योंकि कई इलाक़ों के बारे में दोनों के बीच मतभेद हैं
ग्लोबल टाइम्स के लेख में क्या कहा गया?
इस लेख में लिखा गया है, "सलमान ख़ान को चीनी दर्शक बजरंगी भाईजान के लीड एक्टर के तौर पर जानते हैं. चीन में इंटरनेट पर अकसर उनका ऐसे किरदार निभाने के लिए मज़ाक उड़ाया जाता है जिनकी कहानी बेहद साधारण होती है और वो अजेय लगते हैं."
"इस फ़िल्म में सलमान ख़ान ने कर्नल बिक्कुमाला संतोष बाबू का रोल निभाया है. भारतीय मीडिया ने दावा किया था कि 2020 के गलवान घाटी संघर्ष में उन्होंने तथाकथित अहम भूमिका निभाई जिसके कारण इसने बॉलीवुड का ध्यान खींचा."
इस लेख में एक चीनी विशेषज्ञ ने कहा, "बॉलीवुड फ़िल्में ज़्यादातर मनोरंजन पर आधारित, भावनाओं से भरी कहानी दिखाती हैं, लेकिन कोई भी बढ़ा-चढ़ाकर पेश की गई फ़िल्मी कहानी इतिहास को फिर से नहीं लिख सकती या चीन के संप्रभु क्षेत्र की रक्षा करने के पीएलए के संकल्प को नहीं हिला सकती."
गलवान घाटी में हुई झड़प में मौतों का आंकड़ा चीन ने कभी भी साफ़ नहीं किया लेकिन कई महीने बाद फ़रवरी, 2021 में चीन ने गलवान घाटी झड़प में मरने वाले अपने चार सैनिकों को मरणोपरांत मेडल देने की घोषणा की थी.
ग्लोबल टाइम्स से चीन के सैन्य विशेषज्ञ सॉन्ग ज़ॉन्गपिंग ने कहा है, "राष्ट्रवादी भावना जगाने के लिए भारत का फ़िल्मों, ख़ासकर बॉलीवुड प्रोडक्शन का इस्तेमाल करना कोई हैरानी की बात नहीं है, यह एक गहरी जड़ें जमा चुकी सांस्कृतिक और राजनीतिक परंपरा को दिखाता है."
उन्होंने कहा कि फ़िल्में घटनाओं को कितना भी ड्रामैटिक या बढ़ा-चढ़ाकर दिखाएं, वे गलवान घाटी घटना के मूल तथ्यों को नहीं बदल सकतीं.
"बेहद मुश्किल पहाड़ी हालात में, चीनी सैनिक लगातार अपनी ड्यूटी निभाते हैं और चुनौतियों का सामना करते हैं, जिससे जनता में भरोसा बढ़ता है. यह घटना चीनी समाज में बहुत ज़्यादा असर डालती है, जो राष्ट्रीय इच्छाशक्ति और सैन्य भावना की व्यावहारिक पहचान को दिखाती है."

इमेज कैप्शन, बी. संतोष बाबू को साल 2021 में मरणोपरांत महावीर चक्र से सम्मानित किया गया था
गलवान घाटी पर क्या कहते रहे हैं दोनों देश
चीन के इंस्टीट्यूट ऑफ़ इंटरनेशनल स्टडीज़ में डिपार्टमेंट ऑफ़ एशिया-पैसिफ़िक स्टडीज़ के डायरेक्टर लेन चियनशुए ने ग्लोबल टाइम्स से कहा, "फ़िल्म की थीम और टाइमिंग सही नहीं है, क्योंकि ऐसे समय में जब हाल ही में चीन-भारत के रिश्तों में नर्मी आई है तब यह सिर्फ़ एकतरफ़ा कहानी दिखाती है और दुश्मनी की भावना को बढ़ावा देती है."
ग्लोबल टाइम्स के लेख पर भारतीय विदेश मंत्रालय की ओर से अभी तक किसी तरह की प्रतिक्रिया को नहीं देखा गया है.
हालांकि, गलवान घाटी में झड़पों को लेकर दोनों देशों के यही दावे हैं कि उनके क्षेत्र में अतिक्रमण किया जा रहा था.
'सेना के सूत्रों' का हवाला देते हुए भारत की सरकारी समाचार सेवा 'प्रसार भारती न्यूज़ सर्विसेज़' ने ट्वीट किया था, "चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के 45 से भी ज़्यादा जवान मारे गए हैं. गलवान में हालात सामान्य करने के लिए मेजर जनरल स्तर की बातचीत चल रही है. भारत का कोई सैनिक लापता नहीं है."
भारत सरकार ने इस संघर्ष में मारे जाने वाले 16वीं बिहार रेजिमेंट के कर्नल संतोष बाबू को जनवरी 2021 में मरणोपरांत महावीर चक्र से सम्मानित किया था.
महावीर चक्र के साइटेशन में बताया गया था, "कर्नल संतोष बाबू को 15 जून, 2020 को अपनी टीम 16वीं बिहार रेजिमेंट का नेतृत्व करते हुए ऑपरेशन स्नो लेपर्ड के तहत दुश्मन के सामने ऑब्जर्वेशन पोस्ट स्थापित करने की ज़िम्मेदारी दी गई थी. अपनी टुकड़ी को समझाते हुए और उन्हें संगठित करते हुए कर्नल बाबू ने ये काम पूरा किया."
"लेकिन अपने पोस्ट को बचाते हुए उन्हें दुश्मन की ओर से भारी विरोध का सामना करना पड़ा. दुश्मन ने जानलेवा और नुकीले हथियारों एवं ऊंचाई से पत्थरबाज़ी की. दुश्मन सैनिकों की हिंसक और आक्रामक कार्रवाई से प्रभावित हुए बिना कर्नल बाबू सर्विस को अपने से पहले स्थान देने की सच्ची भावना का उदाहरण देते हुए भारतीय सैनिकों को पीछे धकेले जाने का विरोध करते रहे. इस दौरान वह गंभीर रूप से घायल हो गए, लेकिन अपनी अंतिम साँस तक अपनी टुकड़ी का नेतृत्व करते रहे."
गलवान घाटी की घटना के बाद दोनों देशों के रिश्ते और भी ख़राब हो गए थे. हालांकि दोबारा से कई स्तर पर बातचीत की प्रक्रिया शुरू हुई और बीते साल से रिश्ते सामान्य होने की ओर हैं.

वीडियो कैप्शन, गलवान में चीन से लड़ते हुए मारे गए भारतीय सैनिक के परिवार का दर्द
भारत में सोशल मीडिया पर कैसी है चर्चा
दूसरी ओर 'बैटल ऑफ़ गलवान' का टीज़र शनिवार को जारी होने के बाद भारत में सोशल मीडिया पर चर्चा तेज़ हो गई थी.
तीन दिन के अंदर ही इस फ़िल्म के टीज़र को यूट्यूब पर दो करोड़ से ज़्यादा व्यूज़ मिल चुके हैं.
एक्स पर मधुर नाम के यूज़र ने लिखा, "ये नारे अलग-अलग लगते हैं- 'बिरसा मुंडा की जय, बजरंग बली की जय, भारत माता की जय. सलमान तलवार (जो मेरे लिए तलवार की तरह है) के साथ... सीधे-सीधे रोंगटे खड़े करते हैं."
रोहित जायसवाल ने एक्स पर लिखा, "सलमान ख़ान की अगली (फ़िल्म) बैटल ऑफ़ गलवान की ताक़त. कुछ भारतीयों को ट्रोल करने दो क्योंकि उनमें देशभक्ति की समझ की कमी है. जहां सबसे ज़्यादा ज़रूरत थी, वहां असर हुआ है. चीन हिल गया है."
सुनील यादव ने लिखा, "बिना किसी शक के बैटल ऑफ़ गलवान का सब्जेक्ट फ़ायर नहीं वाइल्ड फ़ायर है."
बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित.