ब्यावर में बांग्लादेश के विरोध में प्रदर्शन:महिला मंडल ने भारत माता सर्किल पर जलाया पुतला
श्रीमद् भागवत (प्रभात फेरी) परिवार महिला मंडल ने सोमवार सुबह भारत माता सर्किल पर बांग्लादेश और यूनुस सरकार का पुतला दहन किया। यह प्रदर्शन बांग्लादेश में हिंदू समुदाय के साथ कथित बर्बरता और नरसंहार के विरोध में किया गया। भारत माता सर्किल पर आयोजित इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में महिलाएं और पुरुष शामिल हुए। प्रदर्शनकारियों ने बांग्लादेश और यूनुस सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इसके बाद शहर के मुख्य बाजारों से होते हुए पुतले की अंतिम यात्रा निकाली गई, जिसमें नारेबाजी जारी रही। पुतला दहन के दौरान प्रदर्शनकारियों ने पुतले पर चप्पल-जूते बरसाकर अपना विरोध जताया। उन्होंने भारत सरकार से मांग की कि बांग्लादेश के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए और वहां रह रहे हिंदू परिवारों को सुरक्षा प्रदान की जाए। संयोजक संजय घीया ने इस अवसर पर बताया कि एक समय बांग्लादेश में लगभग 20 प्रतिशत हिंदू आबादी थी, जो अब घटकर एक प्रतिशत से भी कम रह गई है। उन्होंने यह भी कहा कि ऐसी ही स्थिति पाकिस्तान और अन्य देशों में भी देखी जा रही है। घीया ने मांग की कि वहां रह रहे सभी हिंदू परिवारों को सुरक्षित भारत लाया जाए, उन्हें बसाया जाए और रोजगार उपलब्ध कराया जाए। महिला मंडल ने चेतावनी दी कि यदि सरकार शीघ्र ठोस कार्रवाई नहीं करती है, तो भारत की महिलाओं को बांग्लादेश भेजने की अनुमति दी जाए। उनका उद्देश्य वहां रह रहे हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करना होगा।
श्रीमद् भागवत (प्रभात फेरी) परिवार महिला मंडल ने सोमवार सुबह भारत माता सर्किल पर बांग्लादेश और यूनुस सरकार का पुतला दहन किया। यह प्रदर्शन बांग्लादेश में हिंदू समुदाय के साथ कथित बर्बरता और नरसंहार के विरोध में किया गया।
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भारत माता सर्किल पर आयोजित इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में महिलाएं और पुरुष शामिल हुए। प्रदर्शनकारियों ने बांग्लादेश और यूनुस सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इसके बाद शहर के मुख्य बाजारों से होते हुए पुतले की अंतिम यात्रा निकाली गई, जिसमें नारेबाजी जारी रही।
पुतला दहन के दौरान प्रदर्शनकारियों ने पुतले पर चप्पल-जूते बरसाकर अपना विरोध जताया। उन्होंने भारत सरकार से मांग की कि बांग्लादेश के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए और वहां रह रहे हिंदू परिवारों को सुरक्षा प्रदान की जाए। संयोजक संजय घीया ने इस अवसर पर बताया कि एक समय बांग्लादेश में लगभग 20 प्रतिशत हिंदू आबादी थी, जो अब घटकर एक प्रतिशत से भी कम रह गई है। उन्होंने यह भी कहा कि ऐसी ही स्थिति पाकिस्तान और अन्य देशों में भी देखी जा रही है।
घीया ने मांग की कि वहां रह रहे सभी हिंदू परिवारों को सुरक्षित भारत लाया जाए, उन्हें बसाया जाए और रोजगार उपलब्ध कराया जाए। महिला मंडल ने चेतावनी दी कि यदि सरकार शीघ्र ठोस कार्रवाई नहीं करती है, तो भारत की महिलाओं को बांग्लादेश भेजने की अनुमति दी जाए। उनका उद्देश्य वहां रह रहे हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करना होगा।