ईआरसीपी घोषित भूमि की सरकार ने मांगी डीएलएसी व बाजार दरें, मौका देखा, अतिक्रमण हटा कब्जा देंगे
भास्कर संवाददाता | हनुमानगढ़ जल संसाधन विभाग की लखूवाली में स्थित 25 हेक्टेयर भूमि ईआरसीपी (पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना निगम) को हस्तांतरित की जा चुकी है। अब यह भूमि सरकार रीको को डीएलसी या बाजार भाव पर देगी। इससे अर्जित होने वाली राशि ईआरसीपी के निर्माण में खर्च की जाएगी। सहायक शासन सचिव जल संसाधन विभाग राजस्थान की ओर से अधिशाषी अभियंता सूरतगढ़ ब्रांच जल संसाधन खंड प्रथम सूरतगढ़ को उप महाप्रबंधक पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना निगम घोषित करते हुए उक्त हस्तांतरित भूमि का अभिरक्षक (कस्टोडियन) नियुक्त कर दिया गया है। रीको के अधिकारी इस भूमि का मुआयना कर चुके हैं। रीको के अधिकारियों द्वारा भूमि से अतिक्रमण हटाने का आग्रह किया गया है। सरकार द्वारा नियुक्त कस्टोडियन की ओर से भूमि पर अवैध रूप से निर्माण करवाने वाले लोगों को नोटिस जारी किए जा चुके हैं। नोटिस की समय अवधि पूरी होने के बाद अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की जाएगी। विभागीय सूत्रों के अनुसार यह भूमि रीको को डीएलसी दर पर देने की संभावना है। इसका उद्देश्य औद्योगिक विकास को बढ़ावा देना और वर्षों से खाली पड़ी भूमि का सदुपयोग करना है। इससे रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। भूमि खाली होने की वजह से इस पर लोगों से अतिक्रमण कर लिए थे। वर्षों से काबिज होने का दावा करते हुए कोर्ट की शरण भी ले रहे हैं। इंदिरा गांधी नहर का निर्माण 1960 के दशक में हुआ था। उस समय जल संसाधन विभाग द्वारा 25 हेक्टेयर भूमि पर आरसीपी कॉलोनी विकसित की गई थी। लखूवाली हेड पर सहायक अभियंता का मुख्यालय भी है। बेलदार व मेट सहित अन्य कार्मिक यहां स्थाई रूप से निवास भी करते थे। धीरे-धीरे इस भूमि पर कंटीली झाड़ियां उग गई और लोग अतिक्रमण करने लगे। जल संसाधन विभाग की ओर से न कोई प्रभावी कार्रवाई की गई और न ही कभी अतिक्रमण हटाने की जहमत उठाई गई। एक-आध बार विभाग की ओर से खानापूर्ति के रूप में सिर्फ नोटिस दिए गए। अब रावतसर मेगा हाइवे और पीलीबंगा रोड पर 60 से अधिक दुकानें बनी हुई है। यहां पूरा मार्केट विकसित हो गया और इनकी कीमतें भी करोड़ों में पहुंच चुकी है। हालांकि अतिक्रमण करने वाले लोग अब डीएलसी दर के अनुसार राशि चुकाने को भी तैयार है। अब पूरा प्रकरण सरकार स्तर पर पहुंच गया है। ऐसे में अतिक्रमण करने वाले लोगों को राज्य सरकार स्तर से ही राहत मिल सकती है। गांव लखूवाली में सिंचाई विभाग की आरसीपी कॉलोनी में वर्षों से काबिज दुकानदार व ग्रामीण सोमवार को भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष बलवीर बिश्नोई के नेतृत्व में मुख्य अभियंता से मिले। इस दौरान मुख्य अभियंता को ज्ञापन देकर वर्षों से निवास करने का तर्क देते हुए यह भूमि कलमजन कर अराजीराज घोषित करवाने की मांग की। बलवीर बिश्नोई ने कहा कि जब इंदिरा गांधी नहर का निर्माण हुआ था तब यहां के लोगों का बड़ा सहयोग रहा था। ऐसे में इन लोगों को हटाना सरासर अन्याय है। मुख्य अभियंता ने कहा कि यह भूमि ईआरसीपी की घोषित हो चुकी है। ऐसे में उच्च स्तर से ही रिलीफ मिल सकती है। हमारे हाथ में किसी भी तरह का अधिकार नहीं है। इस दौरान ज्ञापन देने आए लोगों ने यह भी कहा कि वे डीएलसी दर से राशि भी जमा करवाने को तैयार हैं। अगर दुकान-मकान टूटे तो वे सड़कों पर आ जाएंगे। इसके बाद प्रभावित लोग पूर्व जिलाध्यक्ष बलवीर बिश्नोई व भाजपा नौरंगदेसर के मंडल अध्यक्ष लूणाराम के नेतृत्व में जिला कलेक्टर से भी मिले। कलेक्टर से भी इस भूमि को अराजीराज भूमि घोषित करवाने की मांग की गई। हनुमानगढ़. मुख्य अभियंता को ज्ञापन देते ग्रामीण।