जालोर में ग्रामीणों ने लेपर्ड आने की सूचना दी:वन-विभाग बोला- ये जरख या कुत्ते के पगमार्क; तेंदुआ होने की अफवाह फैला रहे
आहोर उपखण्ड के देबावास गांव में मंगलवार को लेपर्ड के पगमार्क मिले हैं। इसके साथ ग्रामीणों ने बताया कि लेपर्ड ने एक नीलगाय का शिकार किया। जिसके बाद पगमार्क ग्रामीणों ने सुरक्षित कर जालोर वन विभाग को सूचना दी। देबावास के सरपंच प्रतिनिधि माधुसिंह बालावत ने बताया कि मंगलवार की दोपहर को गांव की एक महिला ने लेपर्ड देखा और ग्रामीणों को सूचना दी। उसके बाद उन्होंने जालोर वन विभाग को सूचना दी। ग्रामीणों ने बताया कि सोमवार की रात को एक नीलगाय का शिकार किया गया था। खेतों में जाने से डर रहे किसान ग्रामीणों ने बताया कि लेपर्ड देबावास से सराणा गांव की ओर जाता देखा गया है। लेपर्ड की सूचना पर ग्रामीणों में भय का माहौल बना हुआ हैं। शाम होने के बाद किसान खेतों में जाने से भी डर रहे हैं। क्षेत्रीय वन अधिकारी भागीरथ सिंह ने बताया कि ग्रामीणों व माधुसिंह की सूचना पर टीम को भेज कर पगमार्क की जांच कि गई हैं। हालांकि जांच में यह लेपर्ड के नहीं होना पाया गया है। टीम के अनुसार पगमार्क जरख व किसी कुत्ते के हो सकते हैं। अधिकारियों ने बताया कि कुछ लोग अफवाह भी फैला रहे हैं।
आहोर उपखण्ड के देबावास गांव में मंगलवार को लेपर्ड के पगमार्क मिले हैं। इसके साथ ग्रामीणों ने बताया कि लेपर्ड ने एक नीलगाय का शिकार किया। जिसके बाद पगमार्क ग्रामीणों ने सुरक्षित कर जालोर वन विभाग को सूचना दी।
.
देबावास के सरपंच प्रतिनिधि माधुसिंह बालावत ने बताया कि मंगलवार की दोपहर को गांव की एक महिला ने लेपर्ड देखा और ग्रामीणों को सूचना दी। उसके बाद उन्होंने जालोर वन विभाग को सूचना दी। ग्रामीणों ने बताया कि सोमवार की रात को एक नीलगाय का शिकार किया गया था।
खेतों में जाने से डर रहे किसान
ग्रामीणों ने बताया कि लेपर्ड देबावास से सराणा गांव की ओर जाता देखा गया है। लेपर्ड की सूचना पर ग्रामीणों में भय का माहौल बना हुआ हैं। शाम होने के बाद किसान खेतों में जाने से भी डर रहे हैं।
क्षेत्रीय वन अधिकारी भागीरथ सिंह ने बताया कि ग्रामीणों व माधुसिंह की सूचना पर टीम को भेज कर पगमार्क की जांच कि गई हैं। हालांकि जांच में यह लेपर्ड के नहीं होना पाया गया है। टीम के अनुसार पगमार्क जरख व किसी कुत्ते के हो सकते हैं। अधिकारियों ने बताया कि कुछ लोग अफवाह भी फैला रहे हैं।