पर्यटकों के लिए बनेगा आकर्षण:फूलों की घाटी चीरवा की तरह संवारेंगे जयसमंद झील की पाल
वन विभाग जयसमंद झील की पाल और रोड को चीरवा की फूलों की घाटी की तर्ज पर विकसित करेगा। इसके लिए बस स्टैंड से लेकर पाल तक रोड के दोनों तरफ फूलों के पौधे लगाए जाएंगे। इससे यह रोड पर्यटकों के बीच आकर्षण का केंद्र बनेगा। इसके साथ ही पाल पर सेल्फी प्वाइंट भी तैयार किए जाएंगे। प्रोजेक्ट के लिए जिला प्रशासन की ओर से डीएमएफटी से 1 करोड़ रुपए बजट आवंटित किया जाएगा। इस प्रोजेक्ट में करीब 3 किमी का इको ट्रेल भी बनाया जाएगा। यह पाल से लेकर रूठी रानी महल तक बनेगा। इससे वाहन आसानी से महल तक आ-जा सकेंगे। हवा महल के लिए भी रास्ते की मरम्मत की जाएगी। शौचालय की मरम्मत होगी। छतरियों पर रंग-रोगन किया जाएगा। थीम बेस्ड लाइटें लगाई जाएंगी। रूठी रानी महल तक जाने के लिए चौड़ा होगा रास्ता रूठी रानी महल तक रास्ता तो बना हुआ है, लेकिन यह बीच-बीच में संकरा है। इससे वाहनों को घाट सेक्शन में घुमाने में दिक्कत होती है। महल से झील और सेंचुरी का विहंगम नजारा दिखाई देता है। इससे पर्यटक सफारी की जगह इस रूट पर जाना ज्यादा पसंद करते हैं। दूसरी ओर, रूठी रानी और हवा महल हेरिटेज भवन होने से इनकी मरम्मत एएसआई करवाएगा।
वन विभाग जयसमंद झील की पाल और रोड को चीरवा की फूलों की घाटी की तर्ज पर विकसित करेगा। इसके लिए बस स्टैंड से लेकर पाल तक रोड के दोनों तरफ फूलों के पौधे लगाए जाएंगे। इससे यह रोड पर्यटकों के बीच आकर्षण का केंद्र बनेगा। इसके साथ ही पाल पर सेल्फी प्वाइंट भ
.
प्रोजेक्ट के लिए जिला प्रशासन की ओर से डीएमएफटी से 1 करोड़ रुपए बजट आवंटित किया जाएगा। इस प्रोजेक्ट में करीब 3 किमी का इको ट्रेल भी बनाया जाएगा। यह पाल से लेकर रूठी रानी महल तक बनेगा। इससे वाहन आसानी से महल तक आ-जा सकेंगे। हवा महल के लिए भी रास्ते की मरम्मत की जाएगी। शौचालय की मरम्मत होगी। छतरियों पर रंग-रोगन किया जाएगा। थीम बेस्ड लाइटें लगाई जाएंगी।
रूठी रानी महल तक जाने के लिए चौड़ा होगा रास्ता
रूठी रानी महल तक रास्ता तो बना हुआ है, लेकिन यह बीच-बीच में संकरा है। इससे वाहनों को घाट सेक्शन में घुमाने में दिक्कत होती है। महल से झील और सेंचुरी का विहंगम नजारा दिखाई देता है। इससे पर्यटक सफारी की जगह इस रूट पर जाना ज्यादा पसंद करते हैं। दूसरी ओर, रूठी रानी और हवा महल हेरिटेज भवन होने से इनकी मरम्मत एएसआई करवाएगा।