जयपुर पुलिस की पहल:शराब के नशे में मिले तो गाड़ी जब्त कर ई-रिक्शा से घर भेजेगी पुलिस ...ताकि न्यू ईयर हैप्पी रहे
जयपुर में नए साल की रात सिर्फ जश्न की नहीं, बल्कि कड़ी पुलिस निगरानी की भी होगी। इसका मकसद नशे में वाहन चलाने, आपसी विवाद और सड़क हादसों को रोकना है। क्लब बाउंसरों के साथ पुलिस बल भी तैनात रहेगी। पुलिस का कहना है कि यह सख्ती कानून-व्यवस्था के साथ-साथ आमजन की सुरक्षा के लिए जरूरी है। कोई भी ज्यादा नशे में मिला तो उसका वाहन जब्त कर ई-रिक्शा या अन्य वाहन से भेजा जाएगा। पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, बीते तीन वर्षों में जयपुर के 49 क्लबों पर 173 बार कार्रवाई की गई। इनमें सबसे ज्यादा 108 कार्रवाई जयपुर ईस्ट जिले में हुई, जबकि साउथ जिले में 22 बार पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ा। इन्हीं मामलों के आधार पर कई क्लबों के लाइसेंस रद्द करने की अनुशंसा भी की गई थी। इस बार नए साल से पहले ही क्लब क्षेत्रों का माइक्रो-मैप तैयार कर लिया गया है और संवेदनशील स्थानों पर अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया जा रहा है। पुलिस का थ्री-लेयर प्लान; ट्रैफिक पुलिस को 300 जवान अलग दिए आपको क्या करना चाहिए क्लब संचालकों के लिए सख्त निर्देश वैले पार्किंग सुविधा वाले क्लब संचालकों को कार पार्क करते समय यह सुनिश्चित करना होगा कि वापस जाते समय वाहन कौन चलाएगा। यदि इस संबंध में जानकारी नहीं ली गई और नियमों का उल्लंघन हुआ, तो संचालकों पर भी कार्रवाई तय है। ज्यादा नशे में हुए तो कार से नहीं जाने देंगे स्पेशल कमिश्नर राहुल प्रकाश ने बताया कि क्लबों के नीचे पुलिस तैनात रहेगी। नशे में वाहन चलाकर जाने वालों को रोका जाएगा। जरूरत पड़ने पर ई-रिक्शा की व्यवस्था कराई जाएगी और वाहन को क्लब परिसर में ही पार्क रहने दिया जाएगा। यदि नशे में वाहन चलाता पाया तो कार्रवाई होगी। ड्रिंक एंड ड्राइव पर इस बार जीरो टॉलरेंस
जयपुर में नए साल की रात सिर्फ जश्न की नहीं, बल्कि कड़ी पुलिस निगरानी की भी होगी। इसका मकसद नशे में वाहन चलाने, आपसी विवाद और सड़क हादसों को रोकना है। क्लब बाउंसरों के साथ पुलिस बल भी तैनात रहेगी। पुलिस का कहना है कि यह सख्ती कानून-व्यवस्था के साथ-साथ
.
पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, बीते तीन वर्षों में जयपुर के 49 क्लबों पर 173 बार कार्रवाई की गई। इनमें सबसे ज्यादा 108 कार्रवाई जयपुर ईस्ट जिले में हुई, जबकि साउथ जिले में 22 बार पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ा। इन्हीं मामलों के आधार पर कई क्लबों के लाइसेंस रद्द करने की अनुशंसा भी की गई थी। इस बार नए साल से पहले ही क्लब क्षेत्रों का माइक्रो-मैप तैयार कर लिया गया है और संवेदनशील स्थानों पर अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया जा रहा है।