'मेरे भाई को पुलिस ने पीट-पीटकर मार डाला':युवक बोला- कार्रवाई नहीं हुई तो सुसाइड कर लूंगा, घर से उठाकर ले गए थे
" मेरे भाई ने किसी से लड़ाई नहीं की थी, फिर भी पुलिस वाले उसको उठाकर ले गए। बाद में मैंने पता किया तो पता चला कि पुलिस वाले मेरे भाई को मारपीट कर हॉस्पिटल में फेंक गए हैं। उन पुलिस वालों पर अगर कार्रवाई नहीं हुई तो मैं अस्पताल में ही सुसाइड कर लूंगा। दो पुलिस वालों को मैं जानता हूं।" यह कहना है झालावाड़ के कच्ची बस्ती निवासी रवि का, 18 दिसंबर को उसके छोटे भाई अनिल की पुलिस हिरासत में टांग टूट गई थी। रविवार को कोटा में इलाज के दौरान अनिल ने दम तोड़ दिया। परिवार का आरोप है कि पुलिस ने बेरहमी से पीट-पीटकर अनिल का पैर तोड़ दिया, जिसके कारण उसकी जान चली गई। परिवार ने दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। वहीं, झालावाड़ पुलिस आरोपों को सिरे से खारिज कर रही है। पुलिस का दावा है कि अनिल गिरफ्तारी से बचने के लिए भाग रहा था और इसी दौरान फिसलकर गिरने से उसके पैर में चोट आई थी। अब 4 पॉइंट में समझिए पूरा मामला 1. पुलिस पर मारपीट का आरोप अनिल (20) के बड़े भाई रवि ने बताया कि करीब 10 दिन पहले कोतवाली थाना पुलिस अनिल को घर (कच्ची बस्ती जेल रोड) से पकड़कर ले गई थी। चाकूबाजी के एक झूठे मामले में फंसाकर पुलिस ने बेरहमी से पीटा, जिससे उसकी एक टांग टूट गई। उसे गंभीर अवस्था में झालावाड़ जिला अस्पताल में भर्ती कराया, जहां से हालत बिगड़ने पर कोटा के मेडिकल कॉलेज अस्पताल रेफर कर दिया गया। रविवार को इलाज के दौरान अनिल की मौत हो गई। 2. मजदूरी करता था मेरा भाई, पुलिस ने झूठे केस में फंसाया रवि ने बताया- मेरा भाई मजदूरी करता था। 5 से 6 पुलिस वालों ने उसके साथ मारपीट की, उन सभी पुलिस वालों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। कॉलोनी में झगड़ा हुआ था। किसी दूसरे युवक ने चाकू मारे थे, लेकिन सामने वाले ने मेरे भाई के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करवा दी। जबकि चाकू मारने के मुख्य आरोपी ने खुद मना किया था कि अनिल ने चाकू नहीं मारे, इसके बावजूद भी पुलिस ने गलत कार्रवाई की और आज उसकी मौत हो गई। 3. पुलिस ने घर से उठाया, थाने में होने से किया इनकार अनिल की मां ने बताया कि कई पुलिसकर्मी घर पहुंचे, दरवाजा खुलवाया और उनके छोटे बेटे अनिल को अपने साथ ले गए। जब परिजन थाने पहुंचे तो पुलिस ने अनिल के वहां होने से इनकार कर दिया। बाद में उन्हें पता चला कि अनिल के साथ मारपीट हुई है और उसकी टांग तोड़ दी गई है। मां का कहना है कि अनिल का नाम सिर्फ एक मामूली झगड़े में दर्ज किया गया था, लेकिन इसके बावजूद उसके साथ अमानवीय व्यवहार किया गया। 4. गिरने से लगी चोट, पुलिस ने अस्पताल पहुंचाया झालावाड़ एसपी अमित बुडानिया ने परिजनों के आरोपों को गलत बताया है। एसपी ने कहा- अनिल 18 दिसंबर को दर्ज चाकूबाजी के मामले में आरोपी था। पुलिस जब उसे पकड़ने गई तो वह हाथ छुड़ाकर भागने लगा, इसी दौरान गिरने से उसकी टांग में फ्रैक्चर हो गया। पुलिस ने किसी तरह की मारपीट नहीं की है। पुलिस ने ही उसे थाने नहीं ले जाकर सीधे अस्पताल पहुंचाया, परिजनों को सूचना दी और बड़े भाई की मौजूदगी में इलाज शुरू कराया गया। शव को मॉर्च्युरी में रखवाया गया है और मेडिकल बोर्ड से पोस्टमॉर्टम कराया जाएगा। अस्पताल परिसर और मॉर्च्युरी पर अतिरिक्त पुलिस जाप्ता तैनात किया गया है।