एसडीओ कोर्ट:राजस्व अदालतों में मुकदमों की सुनवाई के पैटर्न में बड़ा बदलाव; घर बैठे मुकदमे दायर कर सकेंगे
सरकार ने राजस्व अदालतों में मुकदमों की सुनवाई के पैटर्न में बड़ा बदलाव किया है। अब घर बैठे ही मुकदमे इन अदालतों में दायर किए जा सकेंगे। पक्षकार और वकील ऑनलाइन पैरवी भी कर सकेंगे। प्रदेश में 100 एसडीओ कोर्ट से यह व्यवस्था सोमवार से लागू हो गई। नई व्यवस्था के तहत प्रतिदिन की सुनवाई, केस की प्रोसीडिंग-स्टेटस और तारीख पर सुनवाई व कार्रवाई तथा फैसला ऑनलाइन देखा जा सकेगा। इससे मुकदमों की सुनवाई प्रक्रिया में पारदर्शिता आएगी। आमजन एवं अधिवक्ताओं को राजस्व वाद के ऑनलाइन आवेदन की सुविधा मिलेगी। राजस्व मुकदमे के लिए पेपरलेस सुविधा उपलब्ध होगी। नोटिस तामील एवं मिसल में लगने वाले समय में कमी आएगी। एसएसओ आईडी के जरिए पक्षकार और अधिवक्ता www.gov.in पोर्टल पर लॉगिन कर सकेंगे। यहां से आरआरसीएमएस पर जाकर अप्लाई कर सकेंगे। वाद दर्ज करने का फॉर्मेट खुलेगा। इसके लिए सरकार ने राजस्व कोर्ट के मैनुअल में बदलाव किया है। अब तक राजस्व मुकदमों की सुनवाई सामान्यीकृत न्यायालय प्रबंधन प्रणाली पैटर्न पर हो रही थी। अब इसके स्थान पर राजस्थान रेवेन्यू कोर्ट मॉडर्नाइजेशन सिस्टम लागू कर दिया गया है। राजस्व अदालतों में कंप्यूटर, प्रिंटर और स्कैनर पर 11 करोड़ और एनआईसी द्वारा सॉफ्टवेयर तैयार करने पर 50 लाख रुपए खर्च हो चुके हैं। राजस्व मंडल ने सभी कलेक्टरों को आरआरसीएमएस पोर्टल को प्रथम फेज में एसडीओ स्तर पर लागू करने के निर्देश जारी कर दिए हैं। नई व्यवस्था करने से पहले 3 महीने करवाई गई टेस्टिंग आरआरसीएमएस को राजस्व न्यायालयों में लागू करने से पहले 1 नवंबर से राज्य के सभी जिला स्तर के उपखंड न्यायालयों में टेस्टिंग शुरू कर दी गई थी। टेस्टिंग रिपोर्ट के आधार पर सभी जिलों के 100 एसडीओ कोर्ट में इसे लागू करने का निर्णय किया गया है। अप्रैल 2026 से नई व्यवस्था पूरे राज्य में 1700 राजस्व अदालतों में लागू होगी। ई-फाइलिंग, ई-नोटिस जारी हो सकेंगे ई-कोर्ट सिस्टम में मुकदमों की ई-फाइलिंग होगी। संबंधित पक्षकार को ई-नोटिस जारी होने के बाद फाइल ऑनलाइन ही चलेगी। मुकदमों की वर्चुअल सुनवाई होगी। अधीनस्थ अदालतों से मुकदमों की फाइल ई-तलबी से मंगवाई जाएंगी। कामकाज में पारदर्शिता आएगी। अर्जेंट हियरिंग, किसी पक्षकार की मौत होने की जानकारी, वारिसान को जोड़ने सहित अन्य जानकारी दोनों पक्षों को ऑनलाइन मिल सकेगी। मुकदमा दायर करने के दौरान दस्तावेजों की कमी की जानकारी भी ऑनलाइन मिल सकेगी।