स्कूल गेम्स फेडरेशन ऑफ इंडिया:जिला-स्टेट चैंपियनशिप संपन्न, स्कूलों में अभी नहीं पहुंची स्पोर्ट्स किट
स्कूल गेम्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (SGFI) के जिला और राज्य स्तरीय टूर्नामेंट खत्म हो गए हैं। यहां तक कि 50% से ज्यादा नेशनल स्तर के टूर्नामेंट भी पूरे हो चुके हैं, लेकिन राजस्थान के सरकारी स्कूलों में अभी तक न तो किट पहुंची है और न ही किट का पैसा पहुंचा है। ऐसे में कैसे हमारे खिलाड़ी अच्छा परफॉर्म करेंगे। शिक्षा विभाग की इस तरह की लापरवाही के बारे में जब मंत्री मदन दिलावर से पूछा तो उन्होंने कहा, ‘मुझे इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। मैं दौरे पर हूं, पूछकर बताता हूं।’ उल्लेखनीय है कि पिछले साल जो किट स्कूलों में भेजी गई थी वह भी काफी घटिया स्तर की थी, इसकी भी जांच चल रही है। इस बारे में भास्कर ने श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़ और डीडवाना कुचामन के कई स्कूलों के शारीरिक शिक्षकों के भी बात की। सभी ने एक ही बात कही कि इस साल न तो स्कूलों किट आई और न ही किट का पैसा ही आया। इनमें खोखो कोच, हैंडबॉल कोच और एथलेटिक्स कोच के साथ-साथ राजस्थान एकीकृत शारीरिक शिक्षक संघ के एक पदाधिकारी भी शामिल हैं। हर स्कूलों में एक सी किट क्यों भेजी जानी चाहिए इन लोगों का कहना है कि एक तो किट आई ही नहीं। पिछले साल सभी स्कूलों को एक सी किट भेज दी। स्कूलों में अलग-अलग गेम होते हैं तो किट भी स्कूल की जरूरत के अनुसार और पीटीआई से पूछकर भेजी जानी चाहिए। "प्रदेश के सरकारी स्कूलों में खेल सामग्री और बुनियादी खेल सुविधाओं का अभाव सीधे-सीधे शिक्षा विभाग की लापरवाही, उदासीनता और भ्रष्ट कार्यप्रणाली को दर्शाता है। जमीनी स्तर पर बच्चे संसाधनों के बिना जूझ रहे हैं, जबकि काग़ज़ों में खेल बजट और योजनाएं पूरी दिखाई जाती हैं।” -दानवीर सिंह भाटी, पूर्व कप्तान राजस्थान बास्केटबॉल टीम किस स्तर के स्कूल के लिए कितनी राशि तय शिक्षा मंत्री को इसकी जानकारी ही नहीं "मुझे इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। मैं अभी दौरे पर हूं, पता करने के बाद ही कुछ बता पाऊंगा।" -मदन दिलावर, शिक्षा मंत्री
स्कूल गेम्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (SGFI) के जिला और राज्य स्तरीय टूर्नामेंट खत्म हो गए हैं। यहां तक कि 50% से ज्यादा नेशनल स्तर के टूर्नामेंट भी पूरे हो चुके हैं, लेकिन राजस्थान के सरकारी स्कूलों में अभी तक न तो किट पहुंची है और न ही किट का पैसा पहुंचा ह