अखिल भारतीय अधिवक्ता परिषद के श्रीहरि बोरिकर पहुंचे जसोलधाम:मंदिर की व्यवस्थाओं की सराहना की, श्रद्धा का विशिष्ट केंद्र बताया
अखिल भारतीय अधिवक्ता परिषद के क्षेत्रीय संगठन मंत्री श्रीहरि बोरिकर ने आज जसोलधाम स्थित श्री राणी भटियाणी मंदिर संस्थान का दौरा किया। उन्होंने लोकदेवी श्री राणीसा भटियाणीसा के दर्शन किए और मंदिर परिसर में व्याप्त आध्यात्मिक वातावरण, शांति एवं अनुशासन की सराहना की। श्री बोरिकर ने इसे श्रद्धा और आस्था का विशिष्ट केंद्र बताया। दर्शन के बाद, श्री बोरिकर ने मंदिर परिसर, धर्मशाला, यात्री सुविधाओं, स्वच्छता, सुरक्षा व्यवस्था और श्रद्धालुओं के लिए की गई अन्य व्यवस्थाओं का विस्तृत अवलोकन किया। उन्होंने संपूर्ण परिसर की सुव्यवस्थित, सुचारु एवं श्रद्धालु-अनुकूल व्यवस्थाओं पर संतोष व्यक्त किया और मंदिर संस्थान के प्रयासों की प्रशंसा की। इस अवसर पर, श्री राणी भटियाणी मंदिर संस्थान, जसोल के समिति सदस्य एवं प्रवक्ता कुंवर हरिश्चंद्र सिंह जसोल ने श्रीहरि बोरिकर का स्वागत एवं सम्मान किया। उन्हें श्री रावल मल्लीनाथ जी एवं श्री राणी रूपादे जी की पावन तस्वीर के साथ महेचा राठौड़ों के इतिहास पर आधारित एक महत्वपूर्ण पुस्तक भेंट की गई, जिसे उन्होंने स्वीकार किया। श्रीहरि बोरिकर ने इस दौरान कहा कि श्री राणीसा भटियाणीसा मंदिर सनातन संस्कृति, लोकआस्था, ऐतिहासिक परंपराओं और सामाजिक समरसता का सशक्त प्रतीक है। उन्होंने संस्थान अध्यक्ष रावल किशन सिंह जसोल के मार्गदर्शन में श्रद्धालुओं की सुविधा, आवास व्यवस्था, स्वच्छता, अनुशासन, सुरक्षा और सुचारु संचालन के लिए किए जा रहे प्रयासों को अत्यंत सराहनीय बताया। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि जसोलधाम की धर्मशाला और मंदिर परिसर में विकसित की गई व्यवस्थाएं अन्य धार्मिक स्थलों के लिए प्रेरणादायक उदाहरण हैं। श्री बोरिकर के अनुसार, सेवा, संस्कार, सामाजिक दायित्व और सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण की दिशा में मंदिर संस्थान का कार्य समाज को सकारात्मक दिशा प्रदान करता है। अंत में, श्रीहरि बोरिकर ने मंदिर संस्थान के समिति प्रबंधन, पदाधिकारियों, कर्मचारियों एवं सेवाभावी कार्यकर्ताओं के समर्पण, अनुशासन और कार्यकुशलता की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि ऐसे संगठित और सेवा-भाव से किए गए प्रयासों से हमारी धार्मिक-सांस्कृतिक धरोहर सुरक्षित रहती है और उसकी गरिमा आने वाली पीढ़ियों तक बनी रहती है।