अलवर में संविदाकर्मियों ने काली पट्टी बांधकर प्रदर्शन किया:वेतन बढ़ोतरी की मांग, उग्र आंदोलन और कार्य बहिष्कार की दी चेतावनी
संविदा प्लेसमेंट संघर्ष समिति की ओर से सोमवार को सरकारी विभागों में कार्यरत संविदा कर्मियों ने काली पट्टी बांधकर विरोध प्रदर्शन किया। यह प्रदर्शन संविदा कर्मियों को नियमित करने और वेतन बढ़ोतरी की मांग को लेकर किया गया। संघर्ष समिति से जुड़े पदाधिकारी यश जोशी ने बताया कि राज्य के विभिन्न सरकारी विभागों में लंबे समय से प्लेसमेंट एजेंसियों के माध्यम से संविदा कर्मी कार्यरत हैं, लेकिन सरकार की ओर से उन्हें अब तक नियमित नहीं किया गया है। दूसरे राज्यों में समान कार्य करने वालों को मिल रहा लाभ उन्होंने कहा कि संविदा कर्मी कई सालों से विभागीय कार्यों की जिम्मेदारी निभा रहे हैं, इसके बावजूद उन्हें न तो परमानेंट किया जा रहा है और न ही न्यूनतम वेतनमान का लाभ मिल रहा है। जबकि अन्य राज्यों में समान कार्य करने वाले संविदा कर्मियों को न्यूनतम वेतन और बेहतर सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं। यश जोशी ने आरोप लगाया कि सरकार की अनदेखी के चलते संविदा कर्मियों का आर्थिक और मानसिक शोषण हो रहा है। संघर्ष समिति ने चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगों पर शीघ्र सकारात्मक निर्णय नहीं लिया गया, तो आने वाले दिनों में आंदोलन को और तेज किया जाएगा। इसके तहत विभागों में दो घंटे का कार्य बहिष्कार भी किया जा सकता है, जिसकी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी।
संविदा प्लेसमेंट संघर्ष समिति की ओर से सोमवार को सरकारी विभागों में कार्यरत संविदा कर्मियों ने काली पट्टी बांधकर विरोध प्रदर्शन किया। यह प्रदर्शन संविदा कर्मियों को नियमित करने और वेतन बढ़ोतरी की मांग को लेकर किया गया। संघर्ष समिति से जुड़े पदाधिकारी यश जोशी ने बताया कि राज्य के विभिन्न सरकारी विभागों में लंबे समय से प्लेसमेंट एजेंसियों के माध्यम से संविदा कर्मी कार्यरत हैं, लेकिन सरकार की ओर से उन्हें अब तक नियमित नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि संविदा कर्मी वर्षों से विभागीय कार्यों की जिम्मेदारी निभा रहे हैं, इसके बावजूद उन्हें न तो स्थायित्व दिया जा रहा है और न ही न्यूनतम वेतनमान का लाभ मिल रहा है। जबकि अन्य राज्यों में समान कार्य करने वाले संविदा कर्मियों को न्यूनतम वेतन और बेहतर सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं। यश जोशी ने आरोप लगाया कि सरकार की अनदेखी के चलते संविदा कर्मियों का आर्थिक और मानसिक शोषण हो रहा है। संघर्ष समिति ने चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगों पर शीघ्र सकारात्मक निर्णय नहीं लिया गया, तो आगामी दिनों में आंदोलन को और तेज किया जाएगा। इसके तहत विभागों में दो घंटे का कार्य बहिष्कार भी किया जा सकता है, जिसकी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी।