भाजपा प्रदेशाध्यक्ष बोले- डोटासरा की पर्ची जाने वाली है:प्रदेशाध्यक्ष पद का भी पता नहीं क्या होगा; अब पैसा खाने को नहीं मिल रहा तो मरोड उठ रहे
भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ का कहना है कि अब कांग्रेस का जमाना गया। महात्मा गांधी ने कहा था कि कांग्रेस को समाप्त कर दो, क्योंकि देश की आजादी के लिए उस वक्त कांग्रेस के नेतृत्व में आंदोलन था, ऐसे में जब देश आजाद हो गया तो फिर कांग्रेस की जरूरत कहां थी? लेकिन गांधी के कहने के बावजूद राजनैतिक रोटियां सेंकने के लिए कांग्रेस को बनाए रखा। उन्होंने कहा- उस समय की कांग्रेस दो बैलों की जोड़ी वाली थी, वह खत्म हो गई। फिर गाय-बछड़े वाली कांग्रेस आई तो वह भी खत्म हो गई और फिर हाथ का पंजा वाली कौनसी कांग्रेस आ गई? बोले- डोटासरा कहीं से पर्ची आने का इंतजार कर रहे हैं राठौड़ ने रविवार को दौसा में मीडिया से बातचीत की। उन्होंने पीसीसी अध्यक्ष गोविंद डोटासरा द्वारा बार-बार दिए जा रहे पर्ची सरकार वाले बयान पर कहा कि डोटासरा कहीं से पर्ची आने का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन उनकी पर्ची कहां से आएगी। पर्ची तो जाने वाली है, वो आ रहा है। प्रदेश अध्यक्ष पद का भी पता नहीं क्या होगा। सवालों के जवाब में उन्होंने कहा कि डोटासरा पर आरोप नहीं लगे थे क्या? वे शिक्षा मंत्री थे और तत्कालीन सीएम अशोक गहलोत ने उनकी मौजूदगी में मास्टरों से पूछा था कि ट्रांसफरों में पैसे लिए जा रहे हैं क्या, तब सभी ने खुल्लम-खुल्ला कहा था कि हां सबसे पैसे लिए जा रहे हैं। ऐसे में वो ईमानदारी की बात करेंगे तो कैसे काम चलेगा और फिर पर्ची-पर्ची करते रहते हैं। पेपरलीक करने वाले जेलों में बंद हैं प्रदेशाध्यक्ष ने कहा कि कांग्रेस सरकार के वक्त ईआरसीपी के लिए जल शक्ति मंत्री ने राज्य सरकार को वार्ता के लिए बुलाया, लेकिन मंत्री नहीं गया और सचिव को भी नहीं भेजा। कितने पेपर लीक हुए थे, सबको गिरफ्तार किया तो फिर किस मुंह से शुचिता की बात करते हैं। पेपर लीक वाले आज भी जेलों में बंद हैं, उसके बाद कोई पेपर लीक नहीं हुआ। हमने काम किया है और आगे भी जनहित के काम करते रहेंगे। बिचौलिया के पेट में उठ रहे मरोड उन्होंने कहा- राजीव गांधी कहते थे कि हम एक रुपया भेजते हैं तो नीचे तक 15 पैसे ही पहुंचते हैं। 85 पैसे बिचौलिया खा जाते थे। जबकि अब एक भी रुपया नहीं खा सकते, क्योंकि से पैसा सीधा खाते में जाता है। इससे बिचौलिया के पेट में मरोड उठ रहे हैं, खाने को नहीं मिल रहा। इसलिए अनर्गल आरोप लगाकर पर्ची-पर्ची करते रहते हैं। राजनीति में हमेशा सकारात्मक विरोध होना चाहिए।