ट्रोमा सेंटर में हाथ लगने पर उत्तेजित हो गया डॉक्टर, कर्मचारियों ने मरीज को पीटा
भास्कर इनसाइट पीबीएम हॉस्पिटल के ट्रोमा सेंटर में सोमवार देर रात एक मरीज के साथ मारपीट हो गई। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, लेकिन लिखित में कोई शिकायत नहीं मिलने के कारण मारपीट करने वाले डॉक्टर और कर्मचारियों के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं हो पाई है। देराजसर निवासी भीखी देवी बेटे गोपालराम को इलाज के लिए सोमवार रात ट्रोमा सेंटर लेकर आई थी। गोपाल के सीने में दर्द हो रहा था। महिला ने ड्यूटी डॉक्टर से गुहार करते हुए उनके हाथ लगा दिया। इससे डॉक्टर ने उत्तेजित होकर महिला को हाथ लगाने पर डांट दिया। मां का अपमान बेटे से देखा नहीं गया। उसने डॉक्टर के मुंह पर हाथ रख कहा, ऐसे कैसे बोल रहे हो। बस फिर क्या था। गोपाल पर वहां मौजूद कुछ कर्मचारियों और डॉक्टर ने हाथ खोल लिए। एक कर्मचारी बाल पकड़कर उसे कैजुअल्टी से बाहर ले आया। तब तक चौकी से पुलिसकर्मी भी पहुंच गए। वायरल वीडियो में मरीज के सिर के बाल पकड़े हुए और उसके गाल पर थप्पड़ मारते हुए एक कर्मचारी नजर आ रहा है। पुलिस कर्मी ने उसे छुड़ाया। पूरा घटनाक्रम जानने के बाद मरीज को डॉक्टर से माफी मंगवाई। उसके बाद उसका इलाज कर घर भेज दिया गया। बेटे का इलाज करने को कहा था, मारपीट करने लगे देराजसर निवासी भीखी देवी का कहना है कि बेटे के सीने में दर्द हो रहा था। डॉक्टर के थोड़ा हाथ लगा कर इलाज करने को कहा तो मुझे डांट दिया। बेटे से सहन नहीं हुआ। उसने डॉक्टर के मुंह पर हाथ रख कहा, इयां काईं करो हो। गोपाल ने बताया कि इतनी सी बात मुझे मारना शुरू कर दिया। ट्रोमा सेंटर और बच्चा अस्पताल में हुई मारपीट की घटनाओं को देखते हुए अब सभी इमरजेंसियों पर सीनियर डॉक्टरों की ड्यूटी लगाने की तैयारी की जा रही है। पीबीएम में मेडिसिन, हार्ट, ट्रोमा, बच्चा अस्पताल में इमरजेंसी चौबीस घंटे चलती है। यहीं पर आए दिन विवाद होते हैं। इनमें रात के समय सीनियर डॉक्टरों की ड्यूटी रहेगी। अधीक्षक डॉ. बीसी घीया ने सभी एचओडी से कैलेंडर बनाने को कहा है। इसके अलावा अधीक्षक ने मंगलवार को बच्चा अस्पताल का निरीक्षण भी किया। उन्होंने सीसीटीवी कैमरे देखे और क्षतिग्रस्त छत की मरम्मत कराने के निर्देश दिए। मरीजों की भीड़ को देखते हुए सर्जरी के वार्ड में बच्चों को भर्ती करने को कहा गया है। अधीक्षक ने बताया कि नई यूनिट बनाने के लिए प्रिंसिपल से बात की जाएगी। एनएमसी को भी प्रस्ताव भेजे जाएंगे। सभी इमरजेंसी में सीनियर डॉक्टर लगाए जाएंगे दो दिन पहले भी हुई थी घटना, ठंडा पड़ा मामला ट्रोमा सेंटर में रविवार की शाम को एक मरीज ने इलाज के दौरान उसके अटेंडेंट ने डॉक्टर के हाथ लगा दिया। इस बात से डॉक्टर उत्तेजित हो गया। दोनों के बीच विवाद बढ़ गया। सूचना मिलने पर एक सीनियर डॉक्टर मौके पर पहुंचे। दोनों पक्षों को समझा कर मामला शांत किया। मरीज के परिजनों को माफी मांगनी पड़ी। दरअसल ट्रोमा सेंटर में रात के समय कोई सीनियर डॉक्टर नहीं रहता। रेजिडेंट डॉक्टरों के भरोसे काम चलता है। आए दिन होने वाली मारपीट की घटनाओं के कारण रेजिडेंट भी खुद को असुरक्षित महसूस करने लगे हैं। यही वजह है कि जरा सी बात उन्हें बर्दाश्त नहीं हो पाती। उधर बच्चा अस्पताल में भी डॉक्टर के साथ मारपीट की मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है।