पाली में व्यापारियों ने कलेक्ट्रेट पर किया प्रदर्शन:बोले- सालभर मेले चलते रहते हैं, बाजार में ग्राहक नहीं आ रहे
पाली शहर में सालभर लगने वाले मेलों से हो रहे नुकसान के विरोध में मंगलवार को व्यापारियों का आक्रोश सड़क पर दिखाई दिया। समस्त पाली व्यापारी एकता संघ के तत्वावधान में सैकड़ों व्यापारी रैली के रूप में कलेक्ट्रेट पहुंचे, जहां उन्होंने जमकर नारेबाजी की। इसके बाद जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर शहर में लगातार लगने वाले मेलों को बंद करवाने की मांग की। रामलीला मैदान सहित कई जगह सालभर लगते हैं मेले व्यापारियों ने ज्ञापन में बताया कि पाली शहर के रामलीला मैदान, अणुव्रत नगर और मंथन टॉकीज क्षेत्र में पूरे साल मेले लगते रहते हैं। इन मेलों के कारण स्थानीय बाजारों में ग्राहकों की संख्या घट रही है, जिससे शहर के स्थायी व्यापारियों को भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है। 5 हजार स्थायी दुकानदारों पर पड़ रहा सीधा असर संघ के पदाधिकारियों ने बताया कि पाली में करीब 5 हजार स्थायी दुकानें हैं, जो नियमित रूप से किराया, बिजली बिल, कर्मचारियों की सैलरी और जीएसटी सहित अन्य करों का भुगतान करती हैं। ये व्यापारी दिन-रात मेहनत कर शहर की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाते हैं, लेकिन मेलों में बिना बिल बिकने वाला सस्ता माल ग्राहकों को भ्रमित कर स्थानीय बाजार को चौपट कर रहा है। मंदी में बढ़ी व्यापारियों की परेशानी व्यापारियों का कहना है कि मौजूदा मंदी के दौर में कई दुकानदार बैंक लोन, बच्चों की स्कूल फीस और दुकान का किराया चुकाने में असमर्थ हो गए हैं। हालात ऐसे बन गए हैं कि कई दुकानों पर ताले लगने की नौबत आ गई है। बिना लाइसेंस खाद्य सामग्री और असुरक्षित झूले ज्ञापन में यह भी बताया गया कि मेलों में बिना लाइसेंस खाद्य पदार्थों की बिक्री की जा रही है, जिससे बीमारियां फैलने का खतरा बना रहता है। वहीं झूलों और अन्य सवारियों में सुरक्षा के कोई पुख्ता इंतजाम नहीं होते, जिससे कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। यह स्थिति न केवल स्थानीय व्यापार को नुकसान पहुंचा रही है, बल्कि आमजन की सुरक्षा और शहर के विकास के लिए भी खतरा बन रही है। व्यापारियों ने सभी मेलों की गहन जांच कराने, वाणिज्य कर विभाग द्वारा कर अनुपालन सुनिश्चित करने और भविष्य में नियमों का पालन किए बिना किसी भी मेले को अनुमति नहीं देने की मांग की है। व्यापारियों का कहना है कि इससे एक ओर स्थानीय व्यापार को राहत मिलेगी, वहीं सरकार को भी करोड़ों रुपए का राजस्व प्राप्त हो सकेगा। ज्ञापन सौंपने के दौरान बड़ी संख्या में व्यापारी मौजूद रहे और सभी ने एक स्वर में अपनी मांगों पर त्वरित कार्रवाई की मांग की।