ढाका पुलिस का दावा, 'उस्मान हादी की हत्या के मुख्य अभियुक्त भारत भाग गए'
बांग्लादेश के छात्र नेता शरीफ़ उस्मान हादी की मौत के बाद राजधानी ढाका के कई इलाक़ों में हिंसा भड़क गई थी. घटना के बाद भारत और बांग्लादेश के संबंधों में तनाव बढ़ गया है.
ढाका पुलिस का दावा, 'उस्मान हादी की हत्या के मुख्य अभियुक्त भारत भाग गए'

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इमेज कैप्शन, ढाका मेट्रोपोलिटन पुलिस की प्रेस कॉन्फ़्रेंस
5 घंटे पहले
ढाका मेट्रोपोलिटन पुलिस ने दावा किया है कि इंकलाब मंच के संयोजक उस्मान हादी की हत्या के दोनों प्रमुख अभियुक्त मैमनसिंह की हलुआघाट सीमा से होकर भारत भाग गए हैं.
बीबीसी बांग्ला के मुताबिक़ पुलिस ने दावा किया है कि अभियुक्त फ़ैसल करीम मसूद और आलमगीर शेख़ ने भारत पहुंचने के बाद पहले पूर्वोत्तर राज्य मेघालय में शरण ली.
हालांकि इस पूरे मामले पर भारत या मेघालय सरकार की ओर से कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है.
ढाका मेट्रोपोलिटन पुलिस के अतिरिक्त आयुक्त एसएन मोहम्मद नज़रूल इस्लाम ने रविवार को एक प्रेस कॉन्फ़्रेंस में इसकी जानकारी दी.
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इससे पहले पुलिस अधिकारी दावा करते रहे थे कि उनको इस बात की पक्की जानकारी नहीं है कि इस घटना के मुख्य अभियुक्त कहां हैं.
पुलिस अधिकारियों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "उस्मान हादी की हत्या सुनियोजित थी. इस मामले में हमलावरों को भारत भागने में मदद करने वालों समेत कुल 11 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. इनमें से छह लोगों ने अपना अपराध कबूल कर लिया है."
पुलिस ने बताया कि इस मामले में आगामी सात से दस दिनों के भीतर आरोपपत्र दायर कर दिया जाएगा.
ढाका पुलिस के अतिरिक्त आयुक्त इस्लाम ने बताया, "घटनास्थल पर मौजूद लोगों से मिली जानकारी, सीसीटीवी फुटेज के विश्लेषण और तकनीक की मदद से घटना के दिन ही फै़सल करीम मसूद और उसके मददगार मोटरसाइकिल चालक आलमगीर शेख़ की शिनाख़्त कर ली गई थी."
उन्होंने खुफिया पुलिस से मिली जानकारी के हवाले से बताया कि हादी पर गोली चलाने वाले करीम मसूद के पिता हुमायूं कबीर, मां हासी बेगम, पत्नी शाहिदा परवीन सामिया, साले वाहिद अहमद सिपू, महिला मित्र मारिया अख्तर लीमा, मोहम्मद कबीर और नुरुज्जमां नोमानी समेत 11 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है.
इस घटना में इस्तेमाल दो विदेशी पिस्तौलों के अलावा मैगजीन, 52 राउंड गोली और खाली कारतूस भी बरामद कर लिए गए हैं.
इसके साथ ही मोटरसाइकिल और उसकी नकली नंबर प्लेट भी बरामद की गई है.
पुलिस के अतिरिक्त आयुक्त ने बताया कि जांच से मिली जानकारी, खुफिया एजेंसियों की रिपोर्ट और गिरफ्तार लोगों के बयान से पता चला है कि इस घटना के बाद करीम मसूद और आलमगीर ढाका से आमीन बाज़ार गए. उसके बाद वे दोनों मानिकगंज के कलामपुर गए थे.
पुलिस का दावा है कि वहां से एक निजी कार के ज़रिए दोनों अभियुक्त मैमनसिंह के हलुआघाट पहुंचे.
इस्लाम ने बताया कि मैमनसिंह के हलुआघाट से पहले ही एक फिलिंग स्टेशन पर फ़िलिप और संजय नामक दो लोग दोनों अभियुक्तों का इंतजार कर रहे थे.
फ़िलिप ने उनको सीमा पार कराने के बाद मेघालय में पुत्ती नामक एक व्यक्ति को सौंप दिया था. पुत्ती ने उनको सामी नामक एक टैक्सी ड्राइवर के हवाले कर दिया.
उन्होंने बताया कि सामी ने दोनों अभियुक्तों को मेघालय के तूरा शहर में पहुंचा दिया.
अतिरिक्त आयुक्त नजरूल इस्लाम ने बताया, "हमने अनौपचारिक माध्यम से मेघालय पुलिस के साथ संपर्क किया था. उन्होंने इस बीच पुत्ती और सामी को गिरफ्तार कर लिया है. छह लोगों ने अपना अपराध कबूल करते हुए बयान दर्ज कराए हैं जबकि चार लोगों ने धारा 164 के तहत गवाही दी है."
जांचकर्ताओं ने पहले क्या कहा था?

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इमेज कैप्शन, शरीफ उस्मान हादी की 18 दिसंबर को मौत हो गई थी
इससे पहले 22 दिसंबर को उस्मान हादी की हत्या के मामले में जांच कर रही एजेंसी डिटेक्टिव ब्रांच ने कहा था कि उसे अभी ये नहीं पता कि हत्या के मुख्य अभियुक्त देश में हैं या नहीं.
डिटेक्टिव ब्रांच (डीबी) के प्रमुख शफीकुल इस्लाम ने बीबीसी बांग्ला को बताया था कि उन्हें अभी भी मालूम नहीं है कि शरीफ़ उस्मान हादी की हत्या के मामले में मुख्य अभियुक्त फैसल करीम मसूद और उनके सहयोगी आलमगीर शेख बांग्लादेश से भागकर किसी दूसरे देश में शरण ले चुके हैं या नहीं.
तब इंक़लाब मंच ने हादी के हत्यारों को पकड़ने के लिए सरकार को 24 घंटे का अल्टीमेटम दिया था.
बांग्लादेश के छात्र नेता शरीफ़ उस्मान हादी की मौत के बाद राजधानी ढाका के कई इलाक़ों में 18 दिसंबर को हिंसा भड़क गई थी.
प्रदर्शनकारियों ने 20 दिसंबर को कहा था, 'अगर गृह मामलों के सलाहकार मोहम्मद जहांगीर आलम चौधरी और मुख्य सलाहकार के विशेष सहायक ख़ुदा बख्श चौधरी 21 दिसंबर की शाम तक इस मुद्दे पर जानकारी देने में विफल रहते हैं तो उन्हें 24 घंटे के भीतर इस्तीफ़ा देना होगा.'
डिटेक्टिव ब्रांच के प्रमुख इस्लाम ने बीबीसी बांग्ला को बताया था, "हमने घटना को अंजाम देने वाले व्यक्ति और घटना को अंजाम देने में इस्तेमाल किए गए हथियार और मोटरसाइकिल बरामद कर लिए हैं. कई अभियुक्तों को गिरफ्तार भी कर लिया गया है. उनसे पूछताछ के बाद, अब हम अन्य अभियुक्तों के बारे में जानकारी जुटाने की कोशिश कर रहे हैं."
पुलिस ने क्या कहा था?

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वहीं, पुलिस अधिकारियों का कहना है कि अभियुक्त फैसल करीम मसूद और उनके सहयोगी आलमगीर शेख प्रतिबंधित छात्र लीग की राजनीति में शामिल थे.
पुलिस ने कहा कि हादी की हत्या के मामले में अब तक एक दर्जन लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है, जिनमें मुख्य अभियुक्त के परिवार के कई सदस्य भी शामिल हैं.
तब पुलिस ने दावा किया था कि उनके लिए कानूनी रूप से देश से भागना संभव नहीं था क्योंकि उनके पासपोर्ट पहले ही ब्लॉक कर दिए गए थे.
लेकिन जांच में जुटी पुलिस के पास इस बात की कोई साफ जानकारी नहीं थी कि हत्या के मामले में मुख्य अभियुक्त अवैध रूप से सीमा पार करके किसी दूसरे देश में चले गए हैं या नहीं.
किसे गिरफ्तार किया गया है?
शरीफ़ उस्मान हादी की हत्या के मामले में 13 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है.
गिरफ्तार किए गए लोगों में मुख्य अभियुक्त फैसल करीम मसूद के पिता, माता, पत्नी और साले शामिल हैं. इसके अलावा, मसूद की प्रेमिका को भी गिरफ्तार किया गया है.
जांच अधिकारियों को पता चला कि मसूद ने हादी को गोली मारने से पहले अपने मोबाइल फोन पर अपनी पत्नी, प्रेमिका और साले से कई बार बात की थी.
उन तीनों को पूछताछ के लिए दो चरणों में नौ दिनों के लिए रिमांड पर भेजा गया है.
इसके अलावा, हमले से पहले और बाद में अलग-अलग तरीकों से सहयोग करने के आरोप में आठ और लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
इंक़लाब मंच ने दिया था ये अल्टीमेटम

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इमेज कैप्शन, इंकलाब मंच हादी की हत्या के मामले में लगातार सरकार से सवाल कर रहा है
शरीफ़ उस्मान हादी 12 दिसंबर को ढाका में हुई गोलीबारी में गंभीर रूप से घायल हो गए थे. उन्हें बेहतर इलाज के लिए सिंगापुर भेजा गया था. लेकिन 18 दिसंबर को इलाज के दौरान उनकी मृत्यु हो गई.
शनिवार को हादी को ढाका विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय कवि काजी नजरुल इस्लाम की समाधि के बगल में दफनाया गया.
इसी दौरान इंक़लाब मंच ने उस्मान हादी के हत्यारों को पकड़ने के लिए सरकार को 24 घंटे का अल्टीमेटम दिया था.
बीबीसी बांग्ला के अनुसार, उस्मान हादी के अंतिम संस्कार के दौरान हुई सभा मे इंकलाब मंच के सचिव अब्दुल्ला अल जाबेर ने सरकार से पूछा, "आपने उस्मान हादी के हत्यारों को पकड़ने के लिए क्या किया?"
उन्होंने कहा कि 'अगर इस मुद्दे को सामने नहीं लाया गया तो गृह मामलों के सलाहकार मोहम्मद जहांगीर आलम चौधरी और मुख्य सलाहकार के विशेष सहायक ख़ुदा बख्श चौधरी को 24 घंटे के भीतर इस्तीफ़ा देना होगा.'
इस दौरान उस्मान हादी के भाई अबू बक्र सिद्दीक़ी ने शनिवार को अंतिम संस्कार से पहले हुई प्रार्थना सभा के दौरान पूछा, "राजधानी में दिनदहाड़े उस्मान हादी को गोली मारने के बाद उनके हत्यारे कैसे फरार हो गए?"
उन्होंने कहा, "सात-आठ दिन बीत जाने के बाद भी हत्यारों को पकड़ना क्यों संभव नहीं हो पाया है? उन्होंने यह भी मांग की कि उस्मान हादी के हत्यारों पर जल्द से जल्द मुक़दमा चलाया जाए."
उन्होंने कहा, "शरीफ़ उस्मान हादी मेरे भाइयों में सबसे छोटा था और आज हमें उसका शव ले जाना पड़ रहा है."
कौन थे हादी उस्मान?

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इमेज कैप्शन, शरीफ़ उस्मान हादी छात्र नेता थे
पिछले साल अगस्त में बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख़ हसीना के ख़िलाफ़ उग्र छात्र आंदोलन के प्रमुख चेहरों में से एक थे.
वह शेख़ हसीना विरोधी इंकलाब मंच के सदस्य थे. फ़रवरी में होने वाले चुनावों के लिए वो भी संभावित उम्मीदवार थे और हमले के समय ढाका-8 सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर प्रचार कर रहे थे.
इंकलाब मंच पिछले साल जुलाई में हुए बांग्लादेश छात्र आंदोलन के दौरान चर्चा में आया था.
इस समूह को कट्टरपंथी संगठन कहा गया है और यह अवामी लीग को कमजोर करने की कोशिशों में आगे रहा है.
छात्र आंदोलन में भूमिका के बावजूद, यूनुस सरकार ने इस मंच को भंग कर दिया था और राष्ट्रीय चुनाव लड़ने पर रोक लगा दी थी.
हालांकि, मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस, सलाहकार परिषद के सदस्यों, विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं और कार्यकर्ताओं सहित बड़ी संख्या में लोग शनिवार को दोपहर आयोजित उनके अंतिम संस्कार में शामिल हुए.
बांग्लादेश के अख़बार दैनिक ट्रिब्यून के अनुसार, मोहम्मद यूनुस ने कहा, "हादी, आप कभी भुलाए नहीं जाएंगे. कोई भी आपको भूल नहीं पाएगा. पीढ़ियों तक आप हमारे साथ रहेंगे. आज हम यहां ये वादा करने आए हैं कि जिस चीज़े के लिए आप खड़े रहे, उसे हम पूरा करेंगे. सिर्फ़ हम नहीं बल्कि बांग्लादेश की जनता ये ज़िम्मेदारी लेगी."
बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित.