निकाय चुनावों में ओबीसी आरक्षण पर आयोग ने मांगे सुझाव:कहा- वर्गीकरण अधिकार क्षेत्र में नहीं, फिर भी रिपोर्ट का हिस्सा बनाएंगे
अलवर जिला परिषद सभागार में ओबीसी आयोग की ओर से जनसुनवाई कार्यक्रम आयोजित हुआ। ओबीसी आयोग के सदस्यों ने राजनीति से दूर रहकर ओबीसी वर्ग(अन्य पिछड़ा वर्ग) से सुझाव मांगे। इस दौरान आयोग के सदस्यों ने विभिन्न समाजों के प्रतिनिधियों से वन-टू-वन संवाद किया। जनसुनवाई में अलवर शहर और जिले के लगभग सभी समाजों के प्रतिनिधि शामिल हुए। उन्होंने अपने-अपने समाज से जुड़े राजनीतिक प्रतिनिधित्व और आरक्षण संबंधी मुद्दों पर खुलकर चर्चा की। इसे लेकर उन्होंने आयोग को लिखित ज्ञापन सौंपे। निकाय चुनावों में ओबीसी को उचित आरक्षण मिले ओबीसी आयोग के सदस्य प्रोफेसर राजीव सक्सेना ने बताया कि ओबीसी वर्ग की जिन जातियों को राजनीतिक प्रतिनिधित्व मिलना चाहिए, उनके लिए आयोग हर जिले में जाकर सुझाव एकत्र कर रहा है। नगर निगम, नगर पालिका और पंचायत समिति जैसे निकाय चुनावों में ओबीसी को उचित आरक्षण मिले, इसी उद्देश्य से आयोग संभाग और जिलों का दौरा कर रहा है। सभी समाजों से मिले सुझाव-ज्ञापन आयोग के लिए जरूरी उन्होंने बताया कि जनसुनवाई में सैन समाज, सैनी समाज, अहीर, जाट, मेवाती, मिरासी सहित विभिन्न समाजों के प्रतिनिधियों ने अपनी समस्याएं और सुझाव रखे। सभी समाजों से मिले सुझाव और ज्ञापन आयोग के लिए अत्यंत जरूरी है और इन्हें रिपोर्ट में शामिल करने का पूरा प्रयास किया जाएगा। ओबीसी वर्ग के अंदर वर्गीकरण की मांग भी उठी जनसुनवाई के दौरान यह भी सामने आया कि कई ओबीसी जातियां ऐसी हैं, जिनकी जनसंख्या ज्यादा होने के बावजूद उन्हें आरक्षण का लाभ नहीं मिल पाया है। इसके अलावा ओबीसी वर्ग के अंदर वर्गीकरण की मांग भी उठी। प्रोफेसर सक्सेना ने स्पष्ट किया कि वर्गीकरण आयोग के अधिकार क्षेत्र में नहीं आता, फिर भी इन बिंदुओं को रिपोर्ट का हिस्सा बनाया जाएगा। जल्द ही राज्य सरकार को सौंपी जाएगी रिपोर्ट उन्होंने कहा कि सभी जिलों और संभागों से प्राप्त सुझावों और भावनाओं को एकत्र कर एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार की जाएगी, जिसे शीघ्र ही राज्य सरकार को सौंपा जाएगा। उन्होंने बताया कि यह पहली बार है जब सरकार ने ऐसा आयोग गठित किया है, जो जनता के बीच जाकर सीधे ओबीसी समाज से संवाद कर उनकी बात सुन रहा है।