वसीयत का विवाद:बेटियों का कोर्ट में दावा- पिता अरविंद सिंह शराब पीने के आदी व मानसिक विकृत थे
मेवाड़ के पूर्व राजपरिवार के दिवंगत सदस्य अरविंद सिंह मेवाड़ की अंतिम वसीयत को लेकर चल रहे नए कानूनी विवाद में चौंकाने वाले तथ्य सामने आ रहे हैं। अरविंद सिंह की छोटी बेटी पद्मजा व बड़ी बेटी भार्गवी कुमारी ने कोर्ट में पेश किए दस्तावेजों में अपने पिता को शराब पीने का आदी व मानसिक रूप से पूरी तरह अस्वस्थ बताया है। दोनों पुत्रियों ने मुंबई हाईकोर्ट में दायर याचिका में इन्हीं को आधार बनाते हुए अंतिम वसीयत को चुनौती दी है। पद्मजा-भार्गवी ने कोर्ट में दावा किया है कि उनके पिता शराब पीने के आदी होने के कारण सोचने-समझने व विवेकपूर्ण निर्णय लेने की स्थिति में ही नहीं थे। बहनों के इस आरोप पर भाई डॉ. लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि संपत्ति के लालच में मेरी ही बहनें इतना गिर गईं कि उन्होंने पिता को ही शराब का आदी व मानसिक रूप से विकृत बता दिया। इससे मेरे मन को बहुत गहरा आघात लगा है। लक्ष्यराज ने कहा कि लालन-पालन कर काबिल बनाने वाले देवतुल्य पिता की गरिमा को इस तरह से ठेस पहुंचाने वालों को परमेश्वर श्रीएकलिंगनाथजी कभी माफ नहीं करेंगे। दूसरी ओर, दैनिक भास्कर ने भार्गवी कुमारी और पद्मजा कुमारी से उनके इन दावों पर सवाल किया तो उन्होंने नो-कमेंट कहा। बता दें, पूर्व राजपरिवार के सदस्य अरविंद सिंह मेवाड़ का देवलोकगमन 16 मार्च 2025 को हो गया था। इससे पहले उन्होंने 7 फरवरी को वसीयत बनाकर उपपंजीयक कार्यालय में पंजीकृत कराई थी। इसमें स्व-अर्जित संपत्तियों का एकमात्र उत्तराधिकारी पुत्र लक्ष्यराज सिंह को नामित किया। बता दें कि इस मामले में दिल्ली हाईकोर्ट में आगामी 12 जनवरी को सुनवाई होगी। लक्ष्यराजसिंह बोले- बहनों ने पिता की गरिमा को ठेस पहुंचाई अरविंद सिंह मेवाड़ के पुत्र लक्ष्यराज सिंह ने हाईकोर्ट ने शपथ-पत्र पेश करते हुए कहा है कि पिता मानसिक रूप से पूरी तरह स्वस्थ थे। बहन पद्मजा कुमारी व भार्गवी कुमारी ने अगस्त 2024 व दिसंबर 2024 में कुछ कंपनियों के शेयर पिता स्व. अरविंद सिंह को गिफ्ट दिए, जिसे मेरे जीवित पिता ने स्वीकार कर गिफ्ट डीड पर स्वीकृति के हस्ताक्षर किए। इसके बाद जनवरी 2025 को दोनों बहनों (भार्गवी-पद्मजा) ने पिता अरविंद सिंह के कहने पर जिन चार कंपनियों में दोनों पुत्रियां निदेशक बनाई गई थीं, उन कंपनियों के निदेशक पदों से भार्गवी-पद्मजा ने पिता अरविंद सिंह के जीवनकाल में ही इस्तीफा दे दिया था। बेटियों ने पिता की स्व अर्जित संपत्तियों में मांगा है हिस्सा अरविंद सिंह मेवाड़ की दोनों बेटियों ने कोर्ट में उनकी स्व अर्जित संपत्तियों पर दावा किया है। उनकी स्व अर्जित संपत्तियों में शिकारबाड़ी की भूमि, मुंबई स्थिति मेवाड़ हाउस के छठे माले का आधा हिस्सा, मुंबई में ही स्थित दार्जिलिया हाउस सहित आदि संपत्तियां शामिल हैं। बता दें कि अरविंद सिंह मेवाड़ का निधन इसी साल 16 मार्च को हुआ था। इसी के 15 दिन बाद वसीयत पर विवाद की शुरुआत हो गई थी। मुंबई-जोधपुर हाईकोर्ट के केस दिल्ली हाईकोर्ट ट्रांसफर, 12 को सुनवाई मेवाड़ के पूर्व राजपरिवार के दिवंगत सदस्य अरविंद सिंह मेवाड़ की स्व-अर्जित संपत्तियों को लेकर छोटी बेटी पद्मजा और बड़ी बेटी भार्गवी कुमारी ने सुप्रीम कोर्ट तक में चुनौती दी है। सुप्रीम कोर्ट ने जोधपुर-मुंबई हाईकोर्ट में वसीयत से संबंधित लंबित सभी मामलों को दिल्ली हाईकोर्ट स्थानांतरित कर सभी पक्षकारों को 12 जनवरी 2026 को दिल्ली हाईकोर्ट में उपस्थित होने के निर्देश दिए हैं। अरविंद सिंह के पुत्र डॉ. लक्ष्यराज सिंह ने इसी वसीयत के आधार पर राजस्थान हाईकोर्ट, जोधपुर में प्रशासन पत्र जारी कराने के लिए याचिका दायर की थी। एक ही वसीयत से जुड़े मुकदमे अलग-अलग हाईकोर्ट में लंबित होने पर उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में मुंबई हाईकोर्ट में लंबित प्रकरण को जोधपुर स्थानांतरित करने की अर्जी लगाई। इसके विपरीत पद्मजा व भार्गवी ने जोधपुर हाईकोर्ट में चल रहे मामले को मुंबई भेजने की मांग की थी।