झालावाड़ में 'गाजर घास मुक्त' अभियान शुरू:स्वास्थ्य और पर्यावरण समस्याओं की रोकथाम के लिए पहल
झालावाड़ जिले में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने 'गाजर घास मुक्त स्वस्थ झालावाड़ अभियान' का शुभारंभ किया है। इस अभियान का उद्देश्य त्वचा एलर्जी, दमा, नेत्र रोग और पर्यावरणीय समस्याओं की रोकथाम करना है, जो गाजर घास के कारण बढ़ रही हैं। अभियान की शुरुआत सीएमएचओ डॉ. साजिद खान ने की। सीएमएचओ डॉ. साजिद खान ने बताया कि गाजर घास केवल एक सामान्य खरपतवार नहीं है, बल्कि यह जनस्वास्थ्य, कृषि और पर्यावरण के लिए एक गंभीर चुनौती है। इसके संपर्क और परागकणों से त्वचा रोग, श्वसन एलर्जी, दमा तथा नेत्र संबंधी समस्याएं उत्पन्न होती हैं। यह भूमि की उपजाऊ क्षमता को भी प्रभावित करती है। गाजर घास के दुष्प्रभाव, बचाव के उपाय गिनाए उन्होंने गाजर घास के उन्मूलन के लिए जन-जागरूकता और सामूहिक प्रयासों को आवश्यक बताया। अभियान के तहत जिला सीपीआर नोडल अधिकारी एवं जिला अस्पताल के त्वचा रोग विशेषज्ञ डॉ. शुभम पाटीदार के तकनीकी मार्गदर्शन में आमजन को गाजर घास के दुष्प्रभावों, बचाव के उपायों और इसे सुरक्षित रूप से हटाने की जानकारी दी जाएगी। इसके लिए जागरूकता सामग्री का वितरण, परामर्श सत्र और सामुदायिक स्तर पर विभिन्न गतिविधियां संचालित की जाएंगी। लोगों का जागरूक करने की अपील डॉ. साजिद खान ने जिले के नागरिकों से अपील की है कि वे अपने घरों, खेतों, कॉलोनियों और आसपास के क्षेत्रों से गाजर घास को सुरक्षित तरीके से हटाएं तथा अन्य लोगों को भी इसके प्रति जागरूक करें। उन्होंने कहा कि यह अभियान 'इलाज से पहले बीमारी की जड़ पर प्रहार' के संदेश के साथ स्वस्थ, सुरक्षित और गाजर घास मुक्त झालावाड़ के निर्माण की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।
झालावाड़ जिले में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने 'गाजर घास मुक्त स्वस्थ झालावाड़ अभियान' का शुभारंभ किया है। इस अभियान का उद्देश्य त्वचा एलर्जी, दमा, नेत्र रोग और पर्यावरणीय समस्याओं की रोकथाम करना है, जो गाजर घास के कारण बढ़ रही हैं। अभियान की शुरु
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सीएमएचओ डॉ. साजिद खान ने बताया कि गाजर घास केवल एक सामान्य खरपतवार नहीं है, बल्कि यह जनस्वास्थ्य, कृषि और पर्यावरण के लिए एक गंभीर चुनौती है। इसके संपर्क और परागकणों से त्वचा रोग, श्वसन एलर्जी, दमा तथा नेत्र संबंधी समस्याएं उत्पन्न होती हैं। यह भूमि की उपजाऊ क्षमता को भी प्रभावित करती है।
गाजर घास के दुष्प्रभाव, बचाव के उपाय गिनाए उन्होंने गाजर घास के उन्मूलन के लिए जन-जागरूकता और सामूहिक प्रयासों को आवश्यक बताया। अभियान के तहत जिला सीपीआर नोडल अधिकारी एवं जिला अस्पताल के त्वचा रोग विशेषज्ञ डॉ. शुभम पाटीदार के तकनीकी मार्गदर्शन में आमजन को गाजर घास के दुष्प्रभावों, बचाव के उपायों और इसे सुरक्षित रूप से हटाने की जानकारी दी जाएगी। इसके लिए जागरूकता सामग्री का वितरण, परामर्श सत्र और सामुदायिक स्तर पर विभिन्न गतिविधियां संचालित की जाएंगी।