झल्लारा में उद्यानिकी किसानों को मिली ट्रेनिंग:ड्रिप, पॉलीहाउस और जैविक खेती की आधुनिक तकनीकें सिखाई
सलूम्बर के झल्लारा पंचायत समिति सभागार में राष्ट्रीय बागवानी मिशन योजना के तहत एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। यह प्रशिक्षण झल्लारा और लसाडिय़ा ब्लॉक के उद्यानिकी किसानों के लिए था। इसमें 50 से अधिक किसानों के साथ कृषि और उद्यान विभाग के अधिकारी-कर्मचारियों ने भाग लिया। उद्यान विभाग सलूम्बर के उपनिदेशक ने बताया कि प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य उद्यानिकी फसलों में नवीनतम तकनीकों को अपनाकर उत्पादन बढ़ाना और किसानों की आय में वृद्धि करना है। कार्यक्रम में सब्जी, मसाला और कंद वर्गीय फसलों के उन्नत उत्पादन, जल संरक्षण तथा विभिन्न अनुदान योजनाओं पर विशेष रूप से चर्चा की गई। कृषि अनुसंधान अधिकारी वर्षा मीणा ने किसानों को उद्यानिकी फसलों में जल बचत के लिए ड्रिप, मिनी स्प्रिंकलर, फव्वारा और रेनगन जैसी आधुनिक सिंचाई प्रणालियों के उपयोग की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने इन प्रणालियों पर मिलने वाले अनुदान के बारे में भी बताया। कृषि अनुसंधान अधिकारी श्याम सिंह ने किसानों को सब्जी, मसाला और कंद वर्गीय फसलों की उन्नत उत्पादन तकनीकों से अवगत कराया। सहायक निदेशक उद्यान डॉ. सीमा जगडावत ने विभागीय योजनाओं में उपलब्ध अनुदान, पीएम कुसुम योजना, पॉलीहाउस और शेडनेट हाउस के माध्यम से अधिकतम उत्पादन प्राप्त कर आय बढ़ाने की तकनीकों की जानकारी साझा की। सहायक निदेशक उद्यान विमला कुमारी मीणा ने प्याज भंडारण और नर्सरी उत्पादन तकनीकों पर विस्तार से प्रकाश डाला। कृषि अधिकारी उद्यान भावना तेंवर ने सब्जी उत्पादन के साथ-साथ वर्मीकंपोस्ट यूनिट की स्थापना और उसके लाभों के बारे में जानकारी दी। इस अवसर पर मालपुरा निवासी प्रगतिशील किसान भेरा बेटा धुला ने किसानों के साथ जैविक खेती के अपने अनुभव साझा किए और प्राकृतिक खेती के लाभों पर बात की। कार्यक्रम का संचालन झल्लारा ब्लॉक समन्वयक नटवरलाल अहारी ने किया। इस दौरान कृषि पर्यवेक्षक माहेश्वरी छावड़ा, महेंद्र डिंडोर, राखी पंडिया, वरिष्ठ कृषि पर्यवेक्षक गौतम लाल मीणा और कृषि पर्यवेक्षक विक्रम सिंह राठौड़ उपस्थित रहे। प्रदान संस्था (NGO) के कार्मिक हितेश शर्मा ने भी प्रशिक्षण में भाग लिया।