सीकर के खाटूश्यामजी में मंदिर मार्ग बंद करने का विरोध:पुजारी-सेवक महासंघ ने मुख्यमंत्री को लिखा पत्र, कार्रवाई नहीं होने पर आंदोलन की चेतावनी
सीकर जिले के खाटूश्यामजी में श्याम मंदिर जाने वाले प्रमुख मार्ग को बंद किए जाने को लेकर विवाद गहरा गया है। पुजारी-सेवक महासंघ (रजि.) ने इस संबंध में मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर कड़ा विरोध जताया है और प्रशासनिक कार्रवाई पर सवाल खड़े किए हैं। सालों से श्रद्धालुओं के लिए खुले रास्ते को बंद करने का विरोध पुजारी-सेवक महासंघ की ओर से भेजे गए पत्र में बताया गया कि 29 दिसंबर 2025 को एसडीएम मोनिका सामोर और ईओ ओमप्रकाश ने खसरा नंबर 2481 स्थित मंदिर मार्ग को आम रास्ता मानते हुए बंद करवाने की कार्रवाई की है। आरोप है कि यह रास्ता वर्षों से श्रद्धालुओं के लिए उपयोग में लिया जा रहा है और बिना किसी कानूनी प्रक्रिया के इसे बंद करना गलत है। आरोप-अधिकारियों ने जेसीबी लगाकर बंद कराया रास्ता पत्र में कहा गया है कि यह मार्ग श्याम मंदिर आने वाले लाखों श्रद्धालुओं की आस्था से जुड़ा हुआ है। रास्ता बंद होने से दर्शनार्थियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। महासंघ ने आरोप लगाया कि प्रशासनिक अधिकारियों ने मौके पर जेसीबी लगाकर रास्ता बंद कराया, जबकि मामला न्यायालय में विचाराधीन है। पुजारी-सेवक महासंघ ने मांग की है कि नगर पालिका खाटूश्यामजी के प्रशासन, एसडीएम और ईओ के इस कदम के विरुद्ध कार्रवाई की जाए तथा मंदिर मार्ग को तुरंत खुलवाया जाए। महासंघ ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द समाधान नहीं हुआ तो पुजारी-सेवक महासंघ बड़ा आंदोलन करेगा।
सीकर कलेक्ट्रेट में खाटूश्यामजी एसडीएम की कार्रवाई का विरोध जताने के लिए पुजारी-सेवक महासंघ के पदाधिकारी व सदस्य पहुंचे।
सीकर जिले के खाटूश्यामजी में श्याम मंदिर जाने वाले प्रमुख मार्ग को बंद किए जाने को लेकर विवाद गहरा गया है। पुजारी-सेवक महासंघ (रजि.) ने इस संबंध में मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर कड़ा विरोध जताया है और प्रशासनिक कार्रवाई पर सवाल खड़े किए हैं।
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सालों से श्रद्धालुओं के लिए खुले रास्ते को बंद करने का विरोध
पुजारी-सेवक महासंघ की ओर से भेजे गए पत्र में बताया गया कि 29 दिसंबर 2025 को एसडीएम मोनिका सामोर और ईओ ओमप्रकाश ने खसरा नंबर 2481 स्थित मंदिर मार्ग को आम रास्ता मानते हुए बंद करवाने की कार्रवाई की है। आरोप है कि यह रास्ता वर्षों से श्रद्धालुओं के लिए उपयोग में लिया जा रहा है और बिना किसी कानूनी प्रक्रिया के इसे बंद करना गलत है।