नंद के घर आनंद भयो, जय कन्हैयालाल की... नंदोत्सव में झूम उठे सभी श्रद्धालु
ब्यावर| मसूदा रोड स्थित प्रभु की बगिया में श्री जगन्नाथ भक्त मंडल के सान्निध्य में भागवत कथा के चौथे दिन कृष्ण जन्म का प्रसंग आने पर नंदोत्सव मनाया गया। इस अवसर पर नंद के घर आनंद भयो जय कन्हैयालाल की... से पांडाल गूंज उठा और श्रद्धालु भाव-विभोर होकर नृत्य करने लगे। व्यासपीठ पर विराजित संत उमाशंकर दास महाराज ने कहा कि कोई तीर्थ या कोई सामाजिक कार्य करने पर अभिमान करता है। वहीं कोई किसी की प्रशंसा करें तो वह अभिमानी हो जाता है, लेकिन उसका वही हश्र होता है जो ठाकुर विष्णु भगवान द्वारा जय-विजय को द्वारपाल बनाने पर अभिमान हो जाने से हुआ था। उन्होंने सनद कुमार और चारों भाई को प्रवेश करने से रोक दिया। जिनके श्राप से उन्हें हिरण रूप मिला। महाराज ने कहा कि प्रशंसा होने पर भी व्यक्ति को संयम बरतना चाहिए। रविवार की कथा में समुद्र मंथन, मोहिनी रूप प्रसंग, वामन भगवान प्रसंग, शिव-पार्वती प्रंसग, राम जन्म प्रसंग का उल्लेख आने पर इन सभी के महत्व पर विस्तार से उल्लेख किया।
ब्यावर| मसूदा रोड स्थित प्रभु की बगिया में श्री जगन्नाथ भक्त मंडल के सान्निध्य में भागवत कथा के चौथे दिन कृष्ण जन्म का प्रसंग आने पर नंदोत्सव मनाया गया।
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इस अवसर पर नंद के घर आनंद भयो जय कन्हैयालाल की... से पांडाल गूंज उठा और श्रद्धालु भाव-विभोर होकर नृत्य करने लगे। व्यासपीठ पर विराजित संत उमाशंकर दास महाराज ने कहा कि कोई तीर्थ या कोई सामाजिक कार्य करने पर अभिमान करता है। वहीं कोई किसी की प्रशंसा करें तो वह अभिमानी हो जाता है, लेकिन उसका वही हश्र होता है जो ठाकुर विष्णु भगवान द्वारा जय-विजय को द्वारपाल बनाने पर अभिमान हो जाने से हुआ था। उन्होंने सनद कुमार और चारों भाई को प्रवेश करने से रोक दिया। जिनके श्राप से उन्हें हिरण रूप मिला। महाराज ने कहा कि प्रशंसा होने पर भी व्यक्ति को संयम बरतना चाहिए। रविवार की कथा में समुद्र मंथन, मोहिनी रूप प्रसंग, वामन भगवान प्रसंग, शिव-पार्वती प्रंसग, राम जन्म प्रसंग का उल्लेख आने पर इन सभी के महत्व पर विस्तार से उल्लेख किया।