अरावली सेंसिटिव इकोलॉजिकल जोन हो, भूपेंद्र इस्तीफा दें : भानु
जयपुर| युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष उदय भानु चिब ने मंगलवार को जयपुर पहुंच कर अरावली और मनरेगा को लेकर सरकार पर हमला बोला। साथ ही झूठ फैलाने के लिए केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव का इस्तीफा भी मांगा। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अरावली पर्वतमाला को सेंसिटिव इकोलॉजिकल जोन घोषित करने की मांग की। उदय भानु चिब ने पीसीसी में प्रेसवार्ता में कहा कि खास उद्योगपति मित्रों को फायदा पहुंचाने के लिए केंद्र सरकार हेरा फेरी कर सकती है, इसीलिए हम सबको अलर्ट रहने की जरूरत है। अरावली रेंज को खत्म नहीं होने देंगे। इसकी लड़ाई लड़ने के लिए हम पूरी तरीके से तैयार हैं। मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के कई जंगल अपने उद्योगपति मित्र को दे दिए, लेकिन उत्तर भारत के लोगों का धन्यवाद जिन्होंने अरावली बचाने के लिए सरकार का विरोध किया। अब 21 जनवरी के फैसले का इंतजार उन्होंने कहा कि 7 जनवरी से 20 जनवरी तक अरावली को लेकर राजस्थान के तमाम जिलों में हमारी पदयात्राएं और रैलियां होनी थीं, लेकिन अब 21 जनवरी का इंतजार है. इसके बाद ही हम आगे की रैलियां और नुक्कड़ सभाएं करेंगे। यह कार्यक्रम रुकने वाले नहीं हैं। अरावली क्षेत्र में आने वाले 20 जिलों में यह कार्यक्रम निरंतर चलते रहेंगे।
जयपुर| युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष उदय भानु चिब ने मंगलवार को जयपुर पहुंच कर अरावली और मनरेगा को लेकर सरकार पर हमला बोला। साथ ही झूठ फैलाने के लिए केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव का इस्तीफा भी मांगा। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अरा
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उदय भानु चिब ने पीसीसी में प्रेसवार्ता में कहा कि खास उद्योगपति मित्रों को फायदा पहुंचाने के लिए केंद्र सरकार हेरा फेरी कर सकती है, इसीलिए हम सबको अलर्ट रहने की जरूरत है। अरावली रेंज को खत्म नहीं होने देंगे। इसकी लड़ाई लड़ने के लिए हम पूरी तरीके से तैयार हैं। मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के कई जंगल अपने उद्योगपति मित्र को दे दिए, लेकिन उत्तर भारत के लोगों का धन्यवाद जिन्होंने अरावली बचाने के लिए सरकार का विरोध किया।
अब 21 जनवरी के फैसले का इंतजार
उन्होंने कहा कि 7 जनवरी से 20 जनवरी तक अरावली को लेकर राजस्थान के तमाम जिलों में हमारी पदयात्राएं और रैलियां होनी थीं, लेकिन अब 21 जनवरी का इंतजार है. इसके बाद ही हम आगे की रैलियां और नुक्कड़ सभाएं करेंगे। यह कार्यक्रम रुकने वाले नहीं हैं। अरावली क्षेत्र में आने वाले 20 जिलों में यह कार्यक्रम निरंतर चलते रहेंगे।