सरपंच पर भ्रष्टाचार के आरोप, समर्थन में उतरे ग्रामीण:बोले-राजनीतिक रंजिश और सुनियोजित साजिश; विकास के कई काम हुए
टोंक में सरपंच पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे तो गांव वाले सरपंच के समर्थन में उतर गए। उनका कहना है कि आरोप राजनीतिक रंजिश के कारण सुनियोजित साजिश के तहत लगाए जा रहे हैं। जबकि पंचायत में विकास के अभूतपूर्व कार्य हुए हैं। गांव वालों ने कलेक्टर को ज्ञापन भी दे दिया। मामला जिले की निवाई पंचायत समिति की ग्राम पंचायत बड़ागांव का है। बता दें कि बड़ागांव की सरपंच पिंकी सांखला पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं। सोमवार को आरोपों के खिलाफ ग्रामीणों का गुस्सा फूट पड़ा। ग्रामीण कलेक्ट्रेट पहुंचे और प्रदर्शन किया। साथ ही सरपंच पिंकी सांखला के पक्ष में कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा। कलेक्टर कल्पन अग्रवाल से ग्रामीणों ने कहा कि आरोप निराधार हैं और राजनीतिक रंजिश के कारण लगाए जा रहे हैं। सीमित बजट के बावजूद विकास के कई काम हुए ज्ञापन में बताया कि वर्ष 2020 में हुए पंचायत चुनाव के बाद पिंकी सांखला के कार्यकाल में सीमित बजट के बावजूद ग्राम पंचायत में अनेक विकास कार्य कराए गए। जो इससे पहले कभी नहीं हुए थे। सभी विकास कार्य ग्राम सभा की सर्वसम्मति से हुए। उनका विवरण ग्राम सभा की बैठकों और कैश बुक रिकॉर्ड में विधिवत दर्ज है। ग्रामीणों ने कार्यों की गुणवत्ता और पारदर्शिता पर संतोष जताया। ग्रामीणों का कहना है कि सरपंच सांखला द्वारा किसी भी विकास कार्य में भेदभाव नहीं किया गया और पिछले पाँच वर्षों से अधिक समय में न तो कोई विवाद सामने आया और न ही सरकारी धन के दुरुपयोग का कोई आरोप सिद्ध हुआ है। इसके बावजूद कुछ लोग चुनावी रंजिश और वैचारिक मतभेदों के चलते सरपंच पिंकी सांखला एवं उनके पति विनोद सांखला को बदनाम करने का प्रयास कर रहे हैं। कुछ लोगों को गलतफहमी ज्ञापन में यह भी बताया गया कि आंगनवाड़ी सहायिका पद पर मौसम चौधरी के चयन को जिला परिषद टोंक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने निरस्त कर दिया था। पद पर दोबारा भर्ती प्रक्रिया के आदेश दिए गए थे। इस निर्णय को लेकर कुछ लोग गलतफहमी में सरपंच और उनके पति को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। जबकि इस मामले से उनका कोई लेना-देना नहीं है। ग्रामीणों ने कलेक्टर से मांग की है कि सरपंच के खिलाफ दी जा रही झूठी शिकायतों की निष्पक्ष जांच कराई जाए और दोषियों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाए। ज्ञापन देने में शंकर गुर्जर लगरी , बद्रीलाल गुर्जर, रामलाल रैगर , अमृत खींची, हरजीलाल रैगर, रतनलाल रैगर, मुकेश बैरवा, सुरेश बैरवा, भवरलाल गुर्जर बोरवाली, सुरेंद्र बागड़ी, शिवराज सैनी , रामजीलाल कीर, जितेन्द्र खटिक, रामदयाल सांखला, मोहनलाल खटीक , देवनारायण रैगर , देशराज खटीक आदि ग्रामीण शामिल थे।