नोखा में आयकर विभाग की कार्यशाला, टैक्स जागरूकता और साइबर ठगी पर दिया गया सख्त संदेश
बीकानेर| आमजन और व्यवसायियों को आयकर नियमों के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से आयकर विभाग, नोखा की ओर से मंगलवार को आयकर कार्यालय नोखा में एक आउटरीच प्रोग्राम के तहत कार्यशाला आयोजित की गई। यह कार्यशाला संयुक्त आयकर आयुक्त रेंज-1 बीकानेर, कंचना राम मीना के निर्देशन में संपन्न हुई। इसमें नोखा कर सलाहकार संघ के सदस्य, प्रमुख व्यवसायी एवं ई-मित्र संचालकों ने सक्रिय भागीदारी निभाई। कार्यशाला के मुख्य वक्ता संयुक्त आयकर आयुक्त कंचना राम मीना, आयकर अधिकारी ललित कुमार छाबड़ा एवं आयकर निरीक्षक हनुमान प्रिय जैन रहे। मंच संचालन नारायण बच्छ और नवरतन तिवाड़ी ने किया। वक्ताओं ने आयकर से जुड़े मौजूदा नियमों, अनुपालन और डिजिटल युग में बढ़ रही वित्तीय धोखाधड़ी पर विस्तार से प्रकाश डाला। कार्यशाला में विशेष रूप से म्यूल बैंक खातों यानी अपने बैंक खातों को किराए पर देने की प्रवृत्ति पर गंभीर चिंता जताई गई। अधिकारियों ने बताया कि ऐसे खाते साइबर ठगी, फर्जी लेन-देन और अवैध धन के ट्रांजेक्शन में इस्तेमाल होते हैं, जिसकी जिम्मेदारी अंततः खाता धारक पर ही आती है। इसके अलावा अग्रिम कर जमा, पैन डुप्लीकेशन से बचाव, टीडीएस कटौती, तथा आयकर रिटर्न में गलत आय या छूट दर्शाने पर लगने वाले दंड व ब्याज की जानकारी दी गई। साथ ही राजनीतिक दलों के नाम पर फर्जी दान रसीदें लेकर धारा 80जीजीसी के तहत बोगस रिफंड लेने के मामलों में आयकर विभाग द्वारा की जाने वाली सख्त कार्रवाई के बारे में भी बताया गया। कार्यशाला के अंत में टैक्स बार के सदस्यों सहित अनिल जैन एवं रामस्वरूप धारणियां ने विभागीय अधिकारियों का आभार व्यक्त किया।
बीकानेर| आमजन और व्यवसायियों को आयकर नियमों के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से आयकर विभाग, नोखा की ओर से मंगलवार को आयकर कार्यालय नोखा में एक आउटरीच प्रोग्राम के तहत कार्यशाला आयोजित की गई। यह कार्यशाला संयुक्त आयकर आयुक्त रेंज-1 बीकानेर, कंचना राम
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कार्यशाला के मुख्य वक्ता संयुक्त आयकर आयुक्त कंचना राम मीना, आयकर अधिकारी ललित कुमार छाबड़ा एवं आयकर निरीक्षक हनुमान प्रिय जैन रहे। मंच संचालन नारायण बच्छ और नवरतन तिवाड़ी ने किया। वक्ताओं ने आयकर से जुड़े मौजूदा नियमों, अनुपालन और डिजिटल युग में बढ़ रही वित्तीय धोखाधड़ी पर विस्तार से प्रकाश डाला। कार्यशाला में विशेष रूप से म्यूल बैंक खातों यानी अपने बैंक खातों को किराए पर देने की प्रवृत्ति पर गंभीर चिंता जताई गई। अधिकारियों ने बताया कि ऐसे खाते साइबर ठगी, फर्जी लेन-देन और अवैध धन के ट्रांजेक्शन में इस्तेमाल होते हैं, जिसकी जिम्मेदारी अंततः खाता धारक पर ही आती है। इसके अलावा अग्रिम कर जमा, पैन डुप्लीकेशन से बचाव, टीडीएस कटौती, तथा आयकर रिटर्न में गलत आय या छूट दर्शाने पर लगने वाले दंड व ब्याज की जानकारी दी गई।