भाजपा के वरिष्ठ नेता छगनलाल भगत का निधन:डीडवाना में शोक की लहर, जितेंद्र सिंह जोधा ने जताया दुख
डीडवाना में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और माली-सैनी समाज के वरिष्ठ नेता छगनलाल भगत का 72 वर्ष की आयु में निधन हो गया है। उनके निधन से डीडवाना शहर में शोक का माहौल है। डीडवाना से भाजपा प्रत्याशी जितेंद्र सिंह जोधा ने छगनलाल भगत के निधन पर दुख व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि भगत का जाना पार्टी और समाज दोनों के लिए एक बड़ी क्षति है। जोधा ने बताया कि छगनलाल भगत जनसंघ और भाजपा के वरिष्ठ नेता हरिशंकर भाभड़ा के शिष्य थे। उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन में पार्टी संगठन को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। जोधा ने यह भी बताया कि छगनलाल भगत ने माली समाज के बीच भाजपा को लोकप्रिय बनाने का काम किया। वर्ष 2009 के नगर पालिका चुनाव में वे निर्विरोध चुने गए थे, जिससे माली समाज में भाजपा की पकड़ मजबूत हुई। यह उनकी दूरदर्शिता और संगठन क्षमता को दर्शाता है। छगनलाल भगत अपने सरल, मिलनसार और सेवाभावी व्यक्तित्व के लिए जाने जाते थे। उनके निधन से राजनीतिक और सामाजिक दोनों क्षेत्रों में एक रिक्तता आ गई है। उनकी श्रद्धांजलि सभा में भाजपा नेता जितेंद्र सिंह जोधा, सुरेश वर्मा, रामकिशन खीचड़, पवन कुमार टाक, योगेश लाल शर्मा, नितेश बाजारी, ओमप्रकाश मोदी, मनीष कुमार ओझा, जयप्रकाश पसारी, प्रवीण पुरुषोत्तम तेजस्वी, रामगोपाल बंजारा, विजय कुमार टाक, नेमीचंद पवार और पवन शर्मा सहित सैकड़ों भाजपा कार्यकर्ताओं तथा गणमान्य नागरिकों ने श्रद्धा सुमन अर्पित किए।
डीडवाना में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और माली-सैनी समाज के वरिष्ठ नेता छगनलाल भगत का 72 वर्ष की आयु में निधन हो गया है। उनके निधन से डीडवाना शहर में शोक का माहौल है।
.
डीडवाना से भाजपा प्रत्याशी जितेंद्र सिंह जोधा ने छगनलाल भगत के निधन पर दुख व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि भगत का जाना पार्टी और समाज दोनों के लिए एक बड़ी क्षति है। जोधा ने बताया कि छगनलाल भगत जनसंघ और भाजपा के वरिष्ठ नेता हरिशंकर भाभड़ा के शिष्य थे। उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन में पार्टी संगठन को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
जोधा ने यह भी बताया कि छगनलाल भगत ने माली समाज के बीच भाजपा को लोकप्रिय बनाने का काम किया। वर्ष 2009 के नगर पालिका चुनाव में वे निर्विरोध चुने गए थे, जिससे माली समाज में भाजपा की पकड़ मजबूत हुई। यह उनकी दूरदर्शिता और संगठन क्षमता को दर्शाता है।
छगनलाल भगत अपने सरल, मिलनसार और सेवाभावी व्यक्तित्व के लिए जाने जाते थे। उनके निधन से राजनीतिक और सामाजिक दोनों क्षेत्रों में एक रिक्तता आ गई है।