खैरथल में स्वामी लीलाशाह जयंती निकली शोभायात्रा:हजारों की संख्या में जुटे श्रद्धालु, भंडारे में बांटा प्रसाद
खैरथल के बल्लभग्राम स्थित स्वामी लीलाशाह आश्रम कुटिया में शनिवार को स्वामी लीलाशाह महाराज की जयंती पर दो दिवसीय धार्मिक महोत्सव शुरू हुआ। कार्यक्रम की शुरुआत सुबह आरती, पूजा-पाठ और वैदिक मंत्रोच्चार के साथ हवन से हुई, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लिया। पूजन के बाद निकली शोभायात्रा पूजन के बाद सुबह करीब 11:15 बजे स्वामी लीलाशाह कुटिया से एक शोभायात्रा निकाली गई। यह शोभायात्रा खैरथल शहर के प्रमुख मार्गों और बाजारों से होकर गुजरी। इसमें संत-महात्मा, धार्मिक ध्वज, भजन-कीर्तन और जयकारे शामिल थे। शहर के विभिन्न इलाकों में स्थानीय नागरिकों, सामाजिक संगठनों और व्यापारियों ने पुष्प वर्षा कर शोभायात्रा का स्वागत किया। कई स्थानों पर श्रद्धालुओं के लिए प्रसाद वितरण की व्यवस्था भी की गई। व्यापारियों ने शोभायात्रा में शामिल संतों और देश के विभिन्न हिस्सों से आए अतिथियों का स्वागत किया। इस जयंती महोत्सव में दिल्ली, जयपुर, अजमेर, जोधपुर सहित मध्य प्रदेश और गुजरात के कई प्रमुख शहरों से हजारों श्रद्धालु खैरथल पहुंचे। दूर-दराज से आए भक्तों की उपस्थिति ने इस आयोजन को व्यापक बना दिया। श्रद्धालुओं ने किया विशाल भंडारा शोभायात्रा खैरथल के बाजार क्षेत्र से होती हुई वापस लीला शाह आश्रम कुटिया पहुंची और विधिवत विसर्जित की गई। इसके बाद श्रद्धालुओं के लिए विशाल भंडारे का आयोजन किया गया, जिसमें सभी वर्गों के लोगों ने प्रसादी ग्रहण की। शाम को महा आरती का आयोजन हुआ, जिसके बाद रात्रि भोज प्रसादी के साथ पहले दिन के कार्यक्रमों का समापन हुआ। आयोजकों के अनुसार, जयंती महोत्सव के दूसरे दिन भी सत्संग, प्रवचन और अन्य धार्मिक अनुष्ठानों का आयोजन किया जाएगा। इसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के शामिल होने की उम्मीद है।
खैरथल के बल्लभग्राम स्थित स्वामी लीलाशाह आश्रम कुटिया में शनिवार को स्वामी लीलाशाह महाराज की जयंती पर दो दिवसीय धार्मिक महोत्सव शुरू हुआ। कार्यक्रम की शुरुआत सुबह आरती, पूजा-पाठ और वैदिक मंत्रोच्चार के साथ हवन से हुई, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु
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पूजन के बाद निकली शोभायात्रा पूजन के बाद सुबह करीब 11:15 बजे स्वामी लीलाशाह कुटिया से एक शोभायात्रा निकाली गई। यह शोभायात्रा खैरथल शहर के प्रमुख मार्गों और बाजारों से होकर गुजरी। इसमें संत-महात्मा, धार्मिक ध्वज, भजन-कीर्तन और जयकारे शामिल थे।
शहर के विभिन्न इलाकों में स्थानीय नागरिकों, सामाजिक संगठनों और व्यापारियों ने पुष्प वर्षा कर शोभायात्रा का स्वागत किया। कई स्थानों पर श्रद्धालुओं के लिए प्रसाद वितरण की व्यवस्था भी की गई। व्यापारियों ने शोभायात्रा में शामिल संतों और देश के विभिन्न हिस्सों से आए अतिथियों का स्वागत किया।