टोंक के ग्रामीण इलाकों में छाया घना कोहरा:सुबह के समय वाहन चालक हुए परेशान, किसानों की भी बड़ी चिंता
टोंक जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में बुधवार सुबह एक बार फिर कोहरा छाया नजर आया। कोहरे के कारण सड़कों पर विजिबिलिटी काफी कम हो गई, जिससे खासकर दुपहिया वाहन सवारों और अन्य वाहन चालकों को परेशानी का सामना करना पड़ा। कई स्थानों पर वाहन चालकों को लाइट जलाकर धीमी गति से चलना पड़ा। साढ़े आठ बजे के बाद साफ हुआ मौसम सुबह सूर्योदय के करीब एक घंटे बाद, करीब साढ़े आठ बजे तक कोहरे का असर धीरे-धीरे खत्म हुआ। हालांकि, तब तक लोगों की दिनचर्या प्रभावित हो चुकी थी। ग्रामीण इलाकों में जहां कोहरे का असर ज्यादा रहा, वहीं टोंक शहर में कोहरा अपेक्षाकृत कम देखने को मिला और यातायात सामान्य बना रहा। तापमान में मामूली बदलाव, सर्दी का एहसास बरकरार कोहरे के चलते टोंक जिले में अधिकतम तापमान बुधवार को भी करीब 23 डिग्री सेल्सियस रहने के आसार हैं। वहीं न्यूनतम तापमान 9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो 24 घंटे पहले 8 डिग्री सेल्सियस था। तापमान में ज्यादा बदलाव नहीं होने के बावजूद सुबह, शाम और रात के समय सर्दी का एहसास बना हुआ है। इसी कारण लोगों ने ऊनी कपड़ों का सहारा लिया। इस बार न कड़ाके की सर्दी, न लगातार घना कोहरा आमतौर पर नवंबर महीने से ही टोंक जिले में ठिठुराने वाली सर्दी और घना कोहरा देखने को मिलता है, लेकिन इस बार दिसंबर के अंतिम दिनों तक न तो कड़ाके की सर्दी पड़ी और न ही लगातार घना कोहरा छाया। मौसम के इस बदले मिजाज ने लोगों के साथ-साथ किसानों की चिंता भी बढ़ा दी है। रबी फसलों की ग्रोथ पर असर, किसान चिंतित किसानों के अनुसार रबी फसलों, खासकर गेहूं की फसल के लिए ओस की बूंदों और ठंडे मौसम की जरूरत होती है। इस साल न तो घना कोहरा पड़ा और न ही लंबे समय तक कड़ाके की सर्दी रही। इसका असर रबी फसलों की ग्रोथ पर पड़ रहा है, जिससे किसानों की चिंता बढ़ती जा रही है।
टोंक जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में बुधवार सुबह एक बार फिर कोहरा छाया नजर आया। कोहरे के कारण सड़कों पर विजिबिलिटी काफी कम हो गई, जिससे खासकर दुपहिया वाहन सवारों और अन्य वाहन चालकों को परेशानी का सामना करना पड़ा। कई स्थानों पर वाहन चालकों को लाइट जलाकर
