अरावली बचाने के लिए कांग्रेस का विरोध-प्रदर्शन:कांग्रेस का आरोप- प्रदेश में अरावली का सौदा करने वाली ‘गूंगी-बहरी’ सरकार
सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर बनी अरावली की नई परिभाषा के विरोध में शनिवार को कांग्रेस ने अलवर में अपने अभियान की शुरुआत कर दी। प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली सहित बड़ी संख्या में कांग्रेसियों ने कटी घाटी स्थित नगर वन की पहाड़ियों पर चढ़कर अरावली बचाने का संदेश दिया। कांग्रेसियों ने एक सुर में कहा कि सरकार खनन माफिया के सामने झुक चुकी है। इसका सीधा सा प्रमाण है सुप्रीम कोर्ट का फैसला आते ही आनन-फानन में 52 लीज देने का टेंडर निकाल दिया। इससे पहले सभी कांग्रेसी अपने दोपहर 2:30 बजे के प्रस्तावित कार्यक्रम के तहत कटी घाटी मोड़ पर एकत्रित हुए। 3:25 बजे पहाड़ी पर चढ़े। विरोध करने वालों में शामिल एआईसीसी महासचिव भंवर जितेंद्र सिंह सहित नेता व कार्यकर्ताओं ने कटी घाटी से मिनी सचिवालय तक पैदल मार्च निकाला। इस दौरान युवाओं और आदिवासी महिलाओं ने गीतों और नृत्यों के माध्यम से अरावली बचाने का संदेश दिया। भ्रष्टाचार के आरोपों पर जूली के तीखे प्रहार जूली ने आरोप लगाया कि 6 माह पहले प्रधानमंत्री कार्यालय में शिकायत की गई थी कि खनन माफिया 5 करोड़ की रिश्वत मांग रहे हैं। यही शिकायत सीबीआई, सीआईडी और एसीबी को भी दी गई, लेकिन 5 माह बीत जाने के बाद भी जांच तक शुरू नहीं हुई। यह स्पष्ट करता है कि सरकार खनन माफियाओं को संरक्षण दे रही है। बीजेपी नेताओं के धंधे के लिए जनता की जान खतरे में डोटासरा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने ‘खनन माफिया का नाश’ का नारा देते हुए भाजपा सरकार पर कड़ा प्रहार किया। डोटासरा ने कहा- भाजपा के नेताओं के निजी व्यापार और 'धंधे' के लिए आम जनता की जीवन रेखा (अरावली) को खतरे में नहीं डाला जा सकता। सरकार अरावली को टारगेट कर रही है। यह ‘गूंगी, बहरी और निकम्मी’ सरकार के खिलाफ सिर्फ शुरुआत है, अंजाम अभी बाकी है। अजमेर : डीजे बजने पर सीआई के साथ विवाद अजमेर | पर्यावरण संरक्षण को लेकर शहर कांग्रेस की ओर से शनिवार को पैदल मार्च निकाला गया। पैदल मार्च प्रदेश कांग्रेस के आह्वान पर निकाला गया। अरावली बचाओ जन आंदोलन व मनरेगा को लेकर डीजे की तेज आवाज में निकल रही रैली को सीआई शंभूसिंह ने रोक दिया। सीआई का कहना था कि डीजे की आवाज काफी तेज है। इसे कम करो। इसे लेकर माहौल गरमा गया। शहर अध्यक्ष डॉ. राजकुमार जयपाल ने इसे लेकर विरोध जताया। समझाइश के बाद मामला शांत हुआ। इसके बाद नारेबाजी करते हुए कांग्रेसी ज्योतिबा फुले सर्किल से कचहरी रोड होते हुए गांधी भवन पहुंचे।