मध्य प्रदेश: होमवर्क न करने पर सातवीं क्लास के बच्चों को अर्धनग्न कर सज़ा देने का मामला
मध्य प्रदेश के सीहोर ज़िले के एक निजी स्कूल में आठ बच्चों को होमवर्क न करने पर कपड़े उतरवाकर सज़ा देने का मामला सामने आया है. इस घटना के बाद बच्चों के परिजनों में ग़ुस्सा है, वहीं प्रशासन ने स्कूल के ख़िलाफ़ कार्रवाई की है.
मध्य प्रदेश: होमवर्क न करने पर सातवीं क्लास के बच्चों को अर्धनग्न कर सज़ा देने का मामला

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इमेज कैप्शन, सीहोर ज़िला शिक्षा अधिकारी संजय तोमर ने इस घटना की पुष्टि की है
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- Author, विष्णुकांत तिवारी
- पदनाम, बीबीसी संवाददाता, भोपाल से
- 3 घंटे पहले
मध्य प्रदेश के सीहोर ज़िले के जटखेड़ा इलाक़े में स्थित एक निजी स्कूल में सातवीं क्लास के आठ बच्चों को होमवर्क न करने पर कपड़े उतरवाकर खड़ा किया गया.
अंडरगार्मेंट्स में खड़े बच्चों की एक फ़ोटो 25-26 दिसंबर को सोशल मीडिया पर वायरल होने लगी.
इन्हीं में से एक बच्चे के परिजन ने बीबीसी न्यूज़ हिन्दी से बात करते हुए कहा, "हमें तो पता ही नहीं था. बच्चे ने शर्म के मारे नहीं बताया. लेकिन ऐसी शिक्षा से तो बच्चा अनपढ़ रह जाए तो बेहतर है. उसे सबके सामने कपड़े उतरवाकर सिर्फ़ अंडरगार्मेंट्स में खड़ा कर दिया, उसके दिमाग़ पर क्या असर पड़ेगा? वो कोई क्या अपराधी था?"
इस फ़ोटो के वायरल होने के बाद, सीहोर ज़िला शिक्षा अधिकारी संजय तोमर ने बीबीसी न्यूज़ हिन्दी से बात करते हुए कहा, "मुझे 26 दिसंबर को ही इस मामले की जानकारी मिली जिसके बाद मैं खुद स्कूल गया था. वहां बच्चों से बात करने के बाद यह कन्फ़र्म हुआ कि होमवर्क न करने के चलते बच्चों को कपड़े उतरवाकर एक कमरे में खड़ा किया गया था, जो कि सरासर ग़लत है."
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इस मामले में स्कूल की प्राचार्या समरीन ख़ान के फ़ोन नंबर पर जब बीबीसी न्यूज़ हिन्दी ने संपर्क किया तो उनके एक रिश्तेदार ने कहा कि समरीन इस वक़्त बात करने के लिए मौजूद नहीं हैं.
यह पूछने पर कि समरीन ख़ान से कब बात हो पाएगी तो उनके रिश्तेदार ने कहा, "ये हम नहीं बता सकते हैं. आप बाद में फ़ोन लगाएं."
हालांकि इसी मामले में प्राचार्या समरीन ख़ान ने 26 दिसंबर को पत्रकारों से कहा था, "यह एक राजनीतिक स्टंट है और हम क्या ही कह सकते हैं."
वहीं सीहोर ज़िला शिक्षा अधिकारी संजय तोमर ने कहा, "इस मामले में हमने स्कूल पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया है और प्राचार्या समरीन ख़ान, सुरक्षा गार्ड अमर सिंह वर्मा और ड्राइवर शिबू जाफ़री को तत्काल प्रभाव से बर्ख़ास्त करने के आदेश दिए हैं."

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इमेज कैप्शन, ज़िला शिक्षा अधिकारी ने प्राचार्या समरीन ख़ान को बर्ख़ास्त करने को कहा है
अभिभावकों का आरोप- 'यह ज़्यादती'
बच्चे के जिन परिजन से बीबीसी ने बातचीत की है, वो कहते हैं कि उन्होंने अपने बच्चे को बेहतर शिक्षा के लिए एक निजी स्कूल में भर्ती कराया था.
वो कहते हैं, "मैं एक छोटी सी किराने की दुकान चलाता हूं, मेरे दो बेटे हैं. छोटे वाले बेटे को बेहतर अंग्रेज़ी और पढ़ाई के लिए प्राइवेट स्कूल में भेजा था, लेकिन वहां मेरे बेटे के साथ ज़्यादती हो रही थी, इसका बिल्कुल अंदाज़ा नहीं था. अब जब पता चला तो मैंने बेटे से बात की. वो शर्मसार है, उसे लग रहा है कि उसने कोई बड़ा जुर्म कर दिया."
