सिरोही मेडिकल कॉलेज इंटर्न्स को नहीं मिला स्टाइपेंड:पूर्व विधायक संयम लोढ़ा ने शीघ्र भुगतान की मांग की
SOURCE:Dainik Bhaskar Tech
पूर्व विधायक संयम लोढ़ा ने राजस्थान मेडिकल एजुकेशन सोसायटी (राजमेस) के निदेशक नरेश गोयल से दूरभाष पर बात की। उन्होंने राजकीय आयुर्विज्ञान महाविद्यालय सिरोही में इंटर्नशिप कर रहे विद्यार्थियों को स्टाइपेंड का भुगतान न होने पर चिंता व्यक्त की। लोढ़ा ने इसे राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग (एनएमसी) के निर्देशों का उल्लंघन बताया। लोढ़ा ने बताया कि राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग (एनएमसी) ने 16 अप्रैल 2024 और 11 जुलाई 2025 को सार्वजनिक सूचनाएं जारी की थीं। इनके अनुसार, देश के सभी चिकित्सा महाविद्यालयों में इंटर्नशिप करने वाले छात्रों को अनिवार्य रूप से स्टाइपेंड दिया जाना है। इसके बावजूद, राजमेस के अधीन आने वाले राजकीय आयुर्विज्ञान महाविद्यालय सिरोही में वर्ष 2024-25 से अब तक स्टाइपेंड की राशि हस्तांतरित नहीं की गई है। इससे यहां इंटर्नशिप कर रहे विद्यार्थियों को आर्थिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। लोढ़ा ने यह भी बताया कि राजमेस, जयपुर ने अपने अधीनस्थ केवल 8 चिकित्सा महाविद्यालयों को एमबीबीएस इंटर्न स्टाइपेंड भुगतान के लिए कुल 3126 लाख रुपये की राशि हस्तांतरित की है, जबकि सिरोही मेडिकल कॉलेज को इस भुगतान से वंचित रखा गया है। उन्होंने निदेशक गोयल से सिरोही मेडिकल कॉलेज के इंटर्न छात्रों को शीघ्र स्टाइपेंड का भुगतान सुनिश्चित करने का आग्रह किया। लोढ़ा ने सिरोही मेडिकल कॉलेज में प्राचार्य के रिक्त पद का मुद्दा भी उठाया। उन्होंने बताया कि पूर्व प्राचार्य डॉ. श्रवण मीणा को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो द्वारा पकड़े जाने के बाद से यह पद लंबे समय से खाली पड़ा है। इस कारण प्रशासनिक कार्यों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है, और उन्होंने इस पद पर तत्काल नियुक्ति की मांग की। इसके अतिरिक्त, लोढ़ा ने महाविद्यालय परिसर में बंद पड़ी कैंटीन को लेकर भी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि कैंटीन बंद होने से विद्यार्थियों को भोजन संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने इसे शीघ्र शुरू करवाने की आवश्यकता पर बल दिया। राजमेस निदेशक नरेश गोयल ने संयम लोढ़ा को आश्वासन दिया कि स्टाइपेंड भुगतान, प्राचार्य की नियुक्ति और कैंटीन के संचालन से संबंधित सभी मामलों में शीघ्र आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।
पूर्व विधायक संयम लोढ़ा ने राजस्थान मेडिकल एजुकेशन सोसायटी (राजमेस) के निदेशक नरेश गोयल से दूरभाष पर बात की। उन्होंने राजकीय आयुर्विज्ञान महाविद्यालय सिरोही में इंटर्नशिप कर रहे विद्यार्थियों को स्टाइपेंड का भुगतान न होने पर चिंता व्यक्त की। लोढ़ा ने
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लोढ़ा ने बताया कि राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग (एनएमसी) ने 16 अप्रैल 2024 और 11 जुलाई 2025 को सार्वजनिक सूचनाएं जारी की थीं। इनके अनुसार, देश के सभी चिकित्सा महाविद्यालयों में इंटर्नशिप करने वाले छात्रों को अनिवार्य रूप से स्टाइपेंड दिया जाना है।
इसके बावजूद, राजमेस के अधीन आने वाले राजकीय आयुर्विज्ञान महाविद्यालय सिरोही में वर्ष 2024-25 से अब तक स्टाइपेंड की राशि हस्तांतरित नहीं की गई है। इससे यहां इंटर्नशिप कर रहे विद्यार्थियों को आर्थिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
लोढ़ा ने यह भी बताया कि राजमेस, जयपुर ने अपने अधीनस्थ केवल 8 चिकित्सा महाविद्यालयों को एमबीबीएस इंटर्न स्टाइपेंड भुगतान के लिए कुल 3126 लाख रुपये की राशि हस्तांतरित की है, जबकि सिरोही मेडिकल कॉलेज को इस भुगतान से वंचित रखा गया है। उन्होंने निदेशक गोयल से सिरोही मेडिकल कॉलेज के इंटर्न छात्रों को शीघ्र स्टाइपेंड का भुगतान सुनिश्चित करने का आग्रह किया।
लोढ़ा ने सिरोही मेडिकल कॉलेज में प्राचार्य के रिक्त पद का मुद्दा भी उठाया। उन्होंने बताया कि पूर्व प्राचार्य डॉ. श्रवण मीणा को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो द्वारा पकड़े जाने के बाद से यह पद लंबे समय से खाली पड़ा है। इस कारण प्रशासनिक कार्यों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है, और उन्होंने इस पद पर तत्काल नियुक्ति की मांग की।
इसके अतिरिक्त, लोढ़ा ने महाविद्यालय परिसर में बंद पड़ी कैंटीन को लेकर भी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि कैंटीन बंद होने से विद्यार्थियों को भोजन संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने इसे शीघ्र शुरू करवाने की आवश्यकता पर बल दिया।
राजमेस निदेशक नरेश गोयल ने संयम लोढ़ा को आश्वासन दिया कि स्टाइपेंड भुगतान, प्राचार्य की नियुक्ति और कैंटीन के संचालन से संबंधित सभी मामलों में शीघ्र आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।