उदयपुर में नशीली दवाइयों की बड़ी खेप पकड़ी:बिना परमिशन ग्रामीण इलाकों में धड़ल्ले से हो रही थी सप्लाई, पुलिस ने ट्रांसपोर्ट गोदाम पर रेड मारी
उदयपुर में पुलिस ने ट्रांसपोर्ट कंपनी के गोदाम से नशीली दवाइयों की बड़ी खेप पकड़ी है। गोवर्धनविलास थाना पुलिस और जिला स्पेशल टीम ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए 29 कार्टन में भरी 3820 शीशियां जब्त की हैं। मौके से एक आरोपी को पकड़ा गया है, जो बिना परमिशन इस दवा की सप्लाई कर रहा था। पुलिस अब नशीली दवाइयों के नेटवर्क की जांच कर रही है। एसपी योगेश गोयल ने बताया- पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन के जरिए संदिग्ध दवाइयां उदयपुर लाई गई हैं। इस पर शनिवार देर रात को बलीचा स्थित पुण्या ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन पर दबिश दी। पुलिस को देखते ही वहां मौजूद एक युवक घबरा गया और भागने की कोशिश करने लगा। इस पर टीम ने उसे पकड़ लिया। आरोपी पुष्करराज डांगी (31) पिता भंवरलाल डांगी निवासी बिछाड़ा, वल्लभनगर का रहने वाला है, जो पार्थ इंटरप्राइजेज का मालिक है। अहमदाबाद की फार्मा कंपनियों से भेजी गई थी नशीली दवाइयां पुलिस ने औषधि नियंत्रण अधिकारी को मौके पर बुलाया और गोदाम की तलाशी ली। जांच के दौरान 29 कार्टन मिले, जिनमें कुल 3820 शीशियां कोडीन युक्त सिरप की पाई गईं। जांच में सामने आया कि यह खेप अहमदाबाद की विभिन्न फार्मा कंपनियों से पार्थ इंटरप्राइजेज और सिद्धार्थ फार्मेसी के नाम पर उदयपुर भेजी गई थी। औषधि नियंत्रण अधिकारी ने पुष्टि की कि सिरप में मौजूद Codeine Phosphate ओपियम डेरिवेटिव है और एनडीपीएस एक्ट के तहत नियंत्रित श्रेणी में आता है। वहीं आरोपी के पास सिर्फ सामान्य खुदरा औषधि का लाइसेंस था और इस कैटेगरी की उसे दवाओं की बिक्री की परिमशन नहीं थी। आरोपी को किया गिरफ्तार पूछताछ में आरोपी ने बताया- जुनाग ट्रांसपोर्ट पर मेरी दवाइयों की डिलीवरी आई हुई है। जिन्हें लेने के लिए आया हूं। सख्ती दिखाने पर उसने दवाइयां ग्रामीण इलाकों में सप्लाई करने की बात स्वीकार की है। पुलिस ने एनडीपीएस एक्ट में मामला दर्ज आरोपी पुष्करराज को गिरफ्तार किया है। इस केस की जांच कोटड़ा थानाधिकारी प्रभुलाल को सौंपी गई हैं।
उदयपुर में पुलिस ने ट्रांसपोर्ट कंपनी के गोदाम से कोडीन युक्त नशीली दवाइयों की बड़ी खेप पकड़ी है। गोवर्धनविलास थाना पुलिस और जिला स्पेशल टीम ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए 29 कार्टन में भरी 3820 शीशियां जब्त की है। मौके से एक आरोपी को पकड़ा गया है, जो बिना परमिशन भी इस दवा की सप्लाई कर रहा था। पुलिस अब नशीली दवाइयों के नेटवर्क की जांच कर रही है। एसपी योगेश गोयल ने बताया कि पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन के जरिए संदिग्ध दवाइयां उदयपुर लाई गई हैं। इस पर शनिवार देर रात को बलीचा स्थित पुण्या ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन पर दबिश दी। पुलिस को देखते ही वहां मौजूद एक युवक घबरा गया और भागने की कोशिश करने लगा। इस पर टीम ने उसे पकड़ लिया। आरोपी पुष्करराज डांगी (31) पिता भंवरलाल डांगी निवासी बिछाड़ा, वल्लभनगर का रहने वाला है, जो पार्थ इंटरप्राइजेज का मालिक है। पुलिस ने औषधि नियंत्रण अधिकारी को मौके पर बुलाया और गोदाम की तलाशी ली। जांच के दौरान 29 कार्टन मिले जिनमें कुल 3820 शीशियां कोडीन युक्त सिरप की पाई गईं। जांच में सामने आया कि यह खेप अहमदाबाद की विभिन्न फार्मा कंपनियों से पार्थ इंटरप्राइजेज और सिद्धार्थ फार्मेसी के नाम पर उदयपुर भेजी गई थी। औषधि नियंत्रण अधिकारी ने पुष्टि की कि सिरप में मौजूद Codeine Phosphate ओपियम डेरिवेटिव है और एनडीपीएस एक्ट के तहत नियंत्रित श्रेणी में आता है। वहीं आरोपी के पास सिर्फ सामान्य खुदरा औषधि का लाइसेंस था और इस कैटेगरी की उसे दवाओं की बिक्री की परिमशन नहीं थी। पूछताछ में आरोपी ने बताया कि जुनाग ट्रांसपोर्ट पर मेरी दवाईयों की डिलीवरी आई हुई है। जिन्हें लेने के लिए आया हूं। सख्ती दिखाने पर उसने दवाइयां ग्रामीण इलाकों में सप्लाई करने की बात स्वीकार की है। पुलिस ने एनडीपीएस एक्ट में मामला दर्ज आरोपी पुष्करराज को गिरफ्तार किया है। इस केस की जांच कोटड़ा थानाधिकारी प्रभुलाल को सौंपी गई हैं।