ओबीसी आयोग अध्यक्ष ने किया जन संवाद, नगर निकाय व पंचायतीराज संस्थाओं में राजनीतिक प्रतिनिधित्व पर की चर्चा
आयोग अध्यक्ष ने कहा कि संविधान में समानता का मूलभूत अधिकार है उसकी पूर्ण पालना करवाने के लिए हम प्रतिबद्ध है। ओबीसी वर्ग की जिन जातियों का प्रतिनिधित्व कम है उनके संबंध में प्राप्त सुझावों पर आयोग विचार करेगा। आयोग अध्यक्ष ने कहा कि यह एक खुला मंच है। आज यहां सभी अपने सुझाव विचार प्रस्तुत कर सकते है। सभी के विचार सुने जाएंगे। उन्होंने कहा कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों की अनुपालन में आयोग को राज्य के ग्रामीण एवं शहरी स्थानीय निकायों में सभी स्तरों पर अन्य पिछड़ा वर्ग के पिछड़ेपन की प्रकृति, उसकी तीव्रता एवं उसके प्रभावों का समसामयिक एवं अनुभवजन्य अध्ययन करना है। इस अध्ययन के आधार पर आयोग को पंचायती राज संस्थाओं एवं नगरीय निकायों के निर्वाचन में ओबीसी आरक्षण के संबंध में समयबद्ध अनुशंसाएं राज्य सरकार को प्रस्तुत करनी हैं। भाटी ने कहा कि आयोग का उद्देश्य राजस्थान में सामाजिक एवं शैक्षिक रूप से पिछड़े वर्गों के समुचित राजनीतिक प्रतिनिधित्व को सुनिश्चित करना है। खुली परिचर्चा के दौरान हनुमानगढ़ विधायक गणेशराज बंसल ने कहा कि नगरीय निकायों एवं पंचायती राज संस्थाओं में मूल पिछड़ा वर्ग के लोगों का प्रतिनिधित्व नगण्य है। आंकड़े इकट्ठे करके पिछड़ा, मध्य पिछड़ा व अति पिछड़ा वर्ग में वर्गीकृत करके वंचित लोगों को इनका हक दिलवाए ताकि ये भी अपना प्रतिनिधित्व राजनीतिक रूप से कर सके। वंचित वर्ग के लोगों को उनका हक दिलाया जाए और उनकी पीड़ा को महसूस किया जाए। इसके अतिरिक्त स्वामी समाज, कुम्हार समाज, भाट समाज, मरासी समाज के नागरिकों सहित विभिन्न जन प्रतिनिधियों एवं संगठनों के प्रतिनिधियों ने आयोग अध्यक्ष के समक्ष अपने विचार रखे व ज्ञापन प्रस्तुत किए। भासकर संवाददाता| हनुमानगढ़ राजस्थान अन्य पिछड़ा वर्ग (राजनीतिक प्रतिनिधित्व) आयोग के अध्यक्ष न्यायाधीश (सेनि.) मदनलाल भाटी ने सोमवार को कलेक्ट्रेट सभागार में नगरीय निकायों एवं पंचायती राज संस्थानों में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के राजनीतिक प्रतिनिधित्व को लेकर जनप्रतिनिधियों, सामाजिक संगठनों एवं प्रतिभागियों के साथ प्रत्यक्ष संवाद एवं खुली परिचर्चा की। राजस्थान ओबीसी आयोग के जनसंपर्क अधिकारी विक्रम राठौड़ ने बताया कि अन्य पिछड़ा आयोग अध्यक्ष मदनलाल भाटी ने कहा कि इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य आयोग की ओर से आमजन से सीधे संवाद स्थापित कर ओबीसी वर्ग से जुड़े क्षेत्रवार मुद्दों, विकास संबंधी आवश्यकताओं, सामाजिक-आर्थिक चुनौतियों एवं कल्याण से जुड़ी समस्याओं, अपेक्षाओं एवं सुझावों को संकलित करना है, ताकि इनके आधार पर पंचायती राज एवं नगरीय निकायों में अन्य पिछड़ा वर्ग के राजनीतिक प्रतिनिधित्व को लेकर एक समग्र एवं तथ्यात्मक रिपोर्ट राज्य सरकार को प्रस्तुत की जा सके। आयोग अध्यक्ष ने कहा कि अगर न्याय मिलने में देरी होती है तो वह न्याय नहीं अन्याय है। अगर किसी मजलूम के कानूनी अधिकार का हनन होता है और वह न्यायालय में आता है, मजलूम को न्याय उसका दर्द मिटने से पहले और मजदूर को उसकी मजदूरी पसीना सूखने से पहले मिल जानी चाहिए। उन्होंने आश्वासन दिया कि जो वास्तव में वंचित वर्ग है कमीशन उनकी सटीक रिपोर्ट भेजेगा। सभी को कानून सम्मत न्याय आयोग द्वारा दिया जाएगा। कार्यक्रम में पंचायती राज एवं नगरीय निकायों के जनप्रतिनिधियों के साथ एडीएम उम्मेदी लाल मीना, एसीईओ देशराज बिश्नोई, आर्थिक एवं सांख्यिकी सहायक निदेशक ममता बिश्नोई, आयुक्त नगरपरिषद सुरेंद्र यादव, भाजपा जिलाध्यक्ष प्रमोद डेलू, पूर्व जिलाध्यक्ष बलवीर बिश्नोई, मुकेश भार्गव सहित अन्य समाजों के प्रतिनिधि मौजूद रहे। हनुमानगढ़ कलेक्ट्रेट सभागार में जनसंवाद करते ओबीसी आयोग अध्यक्ष मदन भाटी।