अरावली-मनरेगा पर संकट, जन आंदोलन ही अंतिम रास्ता: लोढ़ा:मनादर से झाड़ोली वीर तक पैदल मार्च, अरावली बचाने का संदेश
पूर्व मुख्यमंत्री के सलाहकार और पूर्व विधायक संयम लोढ़ा ने कहा है कि अरावली पर्वतमाला और मनरेगा योजना केंद्र सरकार की नीतियों के कारण गंभीर संकट में हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि जनता संगठित होकर संघर्ष नहीं करती, तो आने वाली पीढ़ियों को जल, जंगल और स्वच्छ पर्यावरण नहीं मिलेगा। लोढ़ा रविवार को 'अरावली बचाओ-नरेगा बचाओ जन अधिकार आंदोलन' के तहत मनादर से झाड़ोली वीर तक निकाले गए पैदल मार्च के दौरान कार्यकर्ताओं और ग्रामीणों को संबोधित कर रहे थे। पर्यावरणीय संतुलन बिगड़ जाएगा लोढ़ा ने केंद्र सरकार के उस निर्णय की आलोचना की, जिसके तहत अरावली में केवल 100 मीटर से अधिक ऊंची पहाड़ियों को ही अरावली की श्रेणी में रखा जाएगा। उन्होंने तर्क दिया कि अरावली की लगभग 90 प्रतिशत पहाड़ियां 100 मीटर से कम ऊंचाई की हैं। उनके अनुसार, यह फैसला खनन माफियाओं के लिए वरदान और पर्यावरण के लिए अभिशाप साबित होगा, जिससे अवैध खनन को बढ़ावा मिलेगा और राजस्थान का पर्यावरणीय संतुलन बिगड़ जाएगा। उन्होंने अरावली पर्वतमाला के महत्व पर प्रकाश डालते हुए बताया कि इसका लगभग 80 प्रतिशत हिस्सा राजस्थान में है। यह थार मरुस्थल की रेत को रोकने, भूजल रिचार्ज करने और जलवायु संतुलन बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। लोढ़ा ने चेतावनी दी कि अरावली के नष्ट होने से भूजल स्तर तेजी से गिरेगा, तापमान बढ़ेगा, बीमारियां फैलेगी और ग्रामीणों को बड़े पैमाने पर पलायन करना पड़ेगा। लोढ़ा ने केंद्र सरकार पर मनरेगा जैसी ग्रामीण और श्रमिक हितैषी योजना को जानबूझकर कमजोर करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि मजदूरी भुगतान में देरी, काम के दिनों में कटौती, बजट में लगातार कमी और जटिल ऑनलाइन प्रक्रियाओं के माध्यम से गरीबों को इस योजना के फायदे से वंचित किया जा रहा है। उनके अनुसार, इससे गांवों में रोजगार के अवसर कम हो रहे हैं और मजदूरों को शहरों की ओर पलायन करने पर मजबूर होना पड़ रहा है। मनरेगा ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ लोढ़ा ने कहा कि मनरेगा केवल रोजगार योजना नहीं, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। मनरेगा को कमजोर करने का मतलब पर्यावरण संरक्षण की जड़ों को काटना है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की नीतियों के कारण आज ग्रामीण मजदूर बेरोजगारी, महंगाई और असुरक्षा के चक्रव्यूह में फंसता जा रहा है। लोढ़ा ने कार्यकर्ताओं व ग्रामीणों से भाजपा सरकार के इस निर्णय का खुल कर विरोध करने की अपील की। रामझरोखा भूमि के संबंध में हो कार्रवाई संयम लोढ़ा ने चेतावनी दी कि यदि रामझरोखा मंदिर भूमि से संबंधित पट्टों पर तत्काल कार्रवाई नहीं हुई, तो सिरोही जिले में 'रामझरोखा भूमि बचाओ जन जागरण यात्रा' शुरू की जाएगी। लोढ़ा ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि रामझरोखा मंदिर की भूमि के संबंध में जारी किए गए आठ पट्टों को निरस्त करने और एक निजी स्कूल के नाम पर 99 साल की लीज के मसले पर सरकार ने तत्परता से कार्रवाई नहीं की है। उन्होंने इस मुद्दे पर त्वरित कार्रवाई की मांग की। पैदल मार्च में इनकी रही मौजूदगी इस अवसर पर आयोजित पैदल मार्च में ब्लॉक अध्यक्ष प्रवीण रावल, नगर अध्यक्ष डॉ हनवंत सिंह मेड़तिया, यूथ कांग्रेस जिलाध्यक्ष प्रकाश मीणा, चंपालाल तीरगर, पूरनसिंह बागसीन, पन्नाराम हीरागर, राजू रावल, तेजाराम मीणा, प्रवीण पुरोहित, उम सिंह देवड़ा,परबत सिंह, चंपालाल, ईश्वरसिंह वेरा, मोटाराम देवासी, थांवला राम गरासिया, ऊषा देवासी, विमला देवासी, हनवंत सिंह देवड़ा, अंबालाल पुरोहित, सोनू चौधरी, देशा राम चौधरी,लाभूराम देवासी, रतन देवासी ओडा सहित कई कार्यकर्ता एवं ग्रामीण शामिल थे।