अमायरा के पेरेंटस बोले- स्कूल की पूरी मान्यता रद्द हो:मां बोली– बड़े स्कूलों के नाम के चक्कर में न रहें पेरेंट्स, मैंने बेटी खो दी
नीरजा मोदी स्कूल की मान्यता CBSE ने रद्द कर दी है। स्कूल में छात्रा अमायरा के सुसाइड मामले में सीबीएसई ने माना कि स्कूल प्रशासन की तरफ से लापरवाही हुई थी। अब आठवीं तक की मान्यता के लिए अब राज्य सरकार के पाले में गेंद है। नीरजा मोदी स्कूल की क्लास 4 में पढ़ने वाली 9 साल की अमायरा ने 1 नवंबर को विद्याालय के चौथे फ्लोर से कूदकर जान दे दी थी। अमायरा के माता शिवानी और पिता विजय ने CBSE के इस फैसले के बाद कहा- वे इस फैसले से संतुष्ट हैं। सीबीएसई ने तो अपना काम कर दिया, लेकिन अब राज्य सरकार से मांग है कि वे स्कूल पर एक्शन लें। राज्य सरकार को अब स्कूल की मान्यता पूरी तरह रद्द करनी चाहिए। हमारी बेटी को अब भी इंसाफ का इंतजार है। उन्होंने कहा- स्कूल टीचर पुनीता शर्मा, रचना और इंदु दुबे के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज होना चाहिए। वहीं अमायरा की मां ने कहा- मैं पेरेंटस से निवेदन करूंगी कि बडे़ स्कूलों के नामों के चक्कर में मत आओ। बच्चे छोटे स्कूल में पढ़कर भी अच्छा नाम कमा सकते हैं। बड़े स्कूल के चक्कर में मैंने अपनी बेटी खो दी। बच्चे को खोने का दर्द मां-बाप ही जानते हैं। अमायरा के माता-पिता अपने रिश्तेदार के घर बुधवार को कोटा शहर आए। इस दौरान इनसे बातचीत हुई। पढ़िए अमायरा के माता-पिता से बातचीत के कुछ अंश... सवाल – CBSE ने स्कूल की मान्यता रद्द की है, क्या संतुष्ट हैं? पिता विजय – सीबीएसई ने जो जांच में फाइंड आउट किया है और जो कार्रवाई करते हुए स्कूल की मान्यता रद्द की है, उससे तो हम संतुष्ट हैं। मामले में स्कूल की लापरवाही पाई गई है, इसे सिस्टमेटिक फेल्योर बताया है। बच्चों की सुरक्षा को लेकर लापरवाही मानी है। किसी तरह के सुरक्षा के कोई बंदोबस्त नहीं थे। अमायरा की घटना रोकी जा सकती थी, लेकिन स्कूल की खामियों की वजह से नहीं रोकी जा सकी। उन्होंने जब माना है कि ये स्कूल 9 से 12वीं क्लास तक के स्टूडेंट्स के लिए सुरक्षित नहीं है तो वो तो पहली से लेकर आठवीं तक के बच्चों के लिए भी नहीं होगा। बच्चों को दूसरी स्कूल में शिफ्ट करना चाहिए। बच्ची ने कई बार शिकायत की। दो दिन में 9 बार शिकायत लेकर जाने के बाद भी सुनवाई नहीं हुई। क्लास टीचर अगर कोई कदम उठाती तो घटना को रोक सकते थे। ग्राउंड फ्लोर से बच्ची चौथी मंजिल तक पहुंच गई, किसी ने नहीं देखा। सवाल- सीबीएसई ने कार्रवाई कर दी। राज्य सरकार से आप मांग कर रहे हैं, क्या राज्य सरकार की तरफ से कुछ नहीं हुआ? पिता विजय – हमने मंत्री मदन दिलावर का इंटरव्यू सुना था कि मामले में सीबीएसई ही कार्रवाई करेगा। सीबीएसई ने तो कार्रवाई कर दी, लेकिन क्या राज्य का इसमें कुछ नहीं है। जब राज्य में स्कूल खुला है, राज्य सरकार और शिक्षा विभाग एनओसी देता है। राज्य सरकार की गाइड लाइन की पालना के बाद ही सीबीएसई मान्यता देता है। राज्य सरकार की जिम्मेदारी और जवाबदेही भी है। दो महीने हो गए हैं, इनकी जांच कमेटी गठित की थी। क्या हुआ उस कमेटी का। कमेटी ने स्कूल को नोटिस दिया था, शायद उसका जवाब तक स्कूल ने नहीं दिया है। राज्य स्तर पर तो कार्रवाई में ढिलाई हो रही है। मदन दिलावर और सीताराम जाट की तरफ से कोई एक्शन नहीं लिया जा रहा। पुलिस की तरफ से कोई कार्रवाई नहीं हुई। यही कहते हैं... कर रहे हैं... कर रहे हैं। सवाल- सीएम स्तर पर भी बात हुई थी आपकी? पिता विजय – हमने कोशिश की थी। डिप्टी सीएम दीया कुमारी और मंत्री किरोड़ीलाल से बात हुई थी तो उन्होंने कहा था कि सीएम से मिलवा कर आपकी परेशानी बताएंगे। दो महीने हो गए। अभी तक जो एक्शन हुआ है, वह बस सीबीएसई ने किया है। कानूनी कार्रवाई का क्या? सवाल- क्या लगता है अमायरा को अब भी इंसाफ का इंतजार है? मां शिवानी - मैं सीबीएसई की शुक्रगुजार हूं। उन्होंने सच में जो जांच की, उसी के आधार पर कार्रवाई की। उन्होंने कमेटी बनाई और कमेटी ने जांच में पाया कि स्कूल में किस स्तर तक लापरवाही बरती जा रही है। टीचर के आईडी कार्ड नहीं हैं। बच्चे भी आईडी कार्ड पहने हुए नहीं मिले। ऐसे में कोई हादसा हो जाए तो पहचान करना भी मुश्किल हो जाए कि बच्चा कौन था। अमायरा केस में भी यही हुआ। काफी देर तो यही नहीं पता लगा कि बच्ची कौनसी क्लास की है। सीबीएसई ने कई बातें नोट की और निष्कर्ष पर पहुंचकर स्कूल की मान्यता रद्द की। सवाल- स्टेट में क्यों एक्शन नहीं लिया जा रहा, क्या प्रभावशाली होने की वजह से कार्रवाई नहीं हो रही? मां शिवानी - बिल्कुल, स्कूल प्रबंधन के प्रभावशाली होने की वजह से कार्रवाई नहीं हो रही है। दिल्ली में शौर्य का केस हुआ है, उसमें स्पेशल कमेटी बना दी, जो जांच कर रही है। हमारे यहां तो पुलिस कह रही है कि अगर स्कूल में रेलिंग बड़ी भी लगी होती तो बच्ची उस पर चढ़कर कूद जाती। तो क्या मेरी बच्ची कोई बंदर थी या कोई लेजर्ड थी कि बडी रेलिंग पर चढ़ जाती। पूरा मैनेज किया हुआ है मामले को। पुलिस तक मैनेज कर दी गई है। पुलिस वाले कहते हैं कि टीचर्स पर दबाव नहीं डाल सकते तो क्यों नही डाल सकते, क्यों नहीं पूछ सकते कि आखिरी समय में क्या हुआ था। यही घटना घर पर होती तो पेरेंटस को लॉकअप में डाल देते। स्टूडेंट्स से नहीं पूछ सकते, लेकिन टीचर तो बालिग हैं न, उनसे क्यों नही पूछते। सवाल- क्या घटना के बाद आपकी टीचर्स से कोई बात हुई? मां शिवानी - मेरी तो कोई बात नहीं हुई। अमायरा के पिता से हुई थी तो टीचर ने कहा था कि मुझे अमायरा ने यही कहा था कि बच्चे परेशान कर रहे हैं। जबकि हकीकत में वह टीचर से करीब एक डेढ़ मिनट बात कर रही थी। टीचर से पूछो क्या बात हुई थी तो कोई जवाब नहीं मिलता। रचना मैडम तो कुछ नहीं बोलती। यही कहती है मुझे नहीं पता। सवाल- बुलिंग का शिकार काफी समय से हो रही थी। शिकायत की थी कई बार? मां शिवानी - कई बार शिकायत की थी। दो पेरेंटस जिनके बेटे ने डिजिटल स्लेट पर लिखा और जो लड़की आखिरी कम्प्लेन लेकर गई, उनको नाम-पता है। मैं उनके माता-पिता से हाथ जोड़कर कहती हूं। बता दो आखिर में बेटी के साथ क्या हुआ। आपके बच्चे का कहीं नाम नहीं ले रहे। सवाल- अब आपकी क्या मांग है राज्य सरकार से? मां शिवानी - स्टेट से तो यही चाहते हैं कि पहली से आठवीं तक की भी स्कूल की मान्यता रद्द की जाए। स्कूल के बच्चों को दूसरे स्कूल में शिफ्ट किया जाए। यह खबर भी पढ़ें... जयपुर के नीरजा मोदी स्कूल की CBSE मान्यता रद्द:छात्रा सुसाइड मामले में एक्शन; खुलासा- बच्ची ने मौत से पहले 5 बार टीचर से मदद मांगी केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने मंगलवार को जयपुर के नीरजा मोदी स्कूल की सीनियर सेकेंडरी स्तर तक की मान्यता (संबद्धता) तत्काल प्रभाव से रद्द कर दी। यह कार्रवाई स्कूल की एक छात्रा के सुसाइड के बाद की गई है। (पूरी खबर पढ़ें)