लसाड़िया टोल के खिलाफ श्रमिक संगठनों का विरोध:स्थाई रूप से हटाने की मांग, सोमवार को कलेक्टर को सौंपेंगे ज्ञापन
गोयला मार्ग पर लसाड़िया ग्राम पंचायत क्षेत्र में हाल ही में लगाए गए नए टोल प्लाजा का सभी श्रमिक संगठनों ने कड़ा विरोध किया है। संगठनों का आरोप है कि यह टोल श्रमिकों, कर्मचारियों और स्थानीय निवासियों से वसूली के उद्देश्य से लगाया गया है। इसे स्थायी रूप से हटाने की मांग को लेकर सोमवार को जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा जाएगा। श्री सीमेंट से जुड़े प्रमुख श्रमिक संगठनों, जिनमें एटक (अखिल भारतीय ट्रेड यूनियन कांग्रेस), इंटक (इंडियन नेशनल ट्रेड यूनियन कांग्रेस) और बीएमएस (भारतीय मजदूर संघ) शामिल हैं, के पदाधिकारियों ने एक संयुक्त बैठक में इस टोल प्लाजा को अनुचित बताया। उनका कहना है कि यह टोल ब्यावर नगर परिषद की सीमा से मात्र एक किलोमीटर दूर है, जबकि नियमों के अनुसार इतनी कम दूरी पर टोल प्लाजा नहीं होना चाहिए। श्रमिक नेताओं ने बताया कि ब्यावर क्षेत्र में श्री सीमेंट रोजगार का एक प्रमुख स्रोत है। यहां काम करने वाले श्रमिक, कर्मचारी और अधिकारी इस स्टेट हाईवे का केवल दो से तीन किलोमीटर ही उपयोग करते हैं। इसके बावजूद उनसे पूरे टोल की राशि वसूली जा रही है, जिससे उन पर और आम नागरिकों पर अनावश्यक आर्थिक बोझ पड़ रहा है। बैठक को संबोधित करते हुए एटक यूनियन के अध्यक्ष स्माइल खान व सचिव पप्पू काठात, इंटक यूनियन के अध्यक्ष दिनेश शर्मा व सचिव हनुमान जांगिड़ तथा बीएमएस यूनियन के अध्यक्ष दिलीप टांक व सचिव शंकर सिंह रावत ने कहा कि यह टोल विशेष रूप से श्री सीमेंट के श्रमिकों, कर्मचारियों, अधिकारियों, ब्यावर शहर और आसपास की ग्राम पंचायतों में निवास करने वाले लोगों से वसूली के लिए लगाया गया है। ये लोग रोजमर्रा की जरूरतों—जैसे अस्पताल, बाजार, रिश्तेदारों से मिलना और मंदिर दर्शन—के लिए इसी मार्ग का उपयोग करते हैं। श्रमिक संगठनों ने आरोप लगाया कि अजमेर से अप-डाउन करने वाले कर्मचारियों और बाहर से आकर ब्यावर क्षेत्र में स्थायी रूप से रहने वाले लोगों, जिनकी गाड़ियों की आरसी अन्य स्थानों की है, उन पर 2100 रुपए का मासिक पास बनवाने का दबाव बनाया जा रहा है। जबकि पिपलाज टोल प्लाजा पर यही मासिक पास मात्र 300 रुपए में बन जाता है। इसके अलावा जिन लोगों ने पहले ही मासिक पास बनवा लिया है, उनसे माह समाप्त होने से पहले ही अगले महीने के नवीनीकरण का दबाव डाला जा रहा है। श्रमिक नेताओं ने यह भी कहा कि श्री सीमेंट द्वारा स्कूल के बच्चों, श्रमिकों और कर्मचारियों के आवाजाही के लिए लगाई गई निशुल्क बसों से भी टोल वसूला जा रहा है, जो पूरी तरह अनुचित है। इन सभी मुद्दों को लेकर श्रमिक संगठनों में भारी आक्रोश है। संगठनों ने निर्णय लिया है कि सोमवार को जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर लसाड़िया टोल प्लाजा को श्रमिकों, कर्मचारियों और स्थानीय निवासियों के हित में स्थाई रूप से हटाने की मांग की जाएगी। बैठक में सलीम काठात, जब्बार काठात, मनोहर सिंह, अजीत सिंह, रमजान काठात, नीरू काठात, छोटू काठात, भगवान सिंह, सोहन सिंह, हमीद काठात, जितेंद्र सिंह, राजू भाटी, रोशन काठात, पप्पू सिंह सहित बड़ी संख्या में श्रमिक नेता एवं कार्यकर्ता मौजूद रहे।