बाड़मेर में अरावली बचाने के लिए पहाड़ों पर चढ़े कांग्रेसी:सांसद बोले- डबल इंजन सरकार की नीयत साफ नहीं, जनता को लूटना मकसद
अरावली पहाड़ों को बचाने के लिए बाड़मेर कांग्रेस ने अनोखा प्रदर्शन किया। शहर से कुछ ही दूर स्थित हिली उद्यान पर चढ़ने के लिए पदयात्रा निकाली गई। फिर वहां की ऊंची पहाड़ियों पर चढ़ें। वहां पर सांसद, जिलाध्यक्ष पूर्व विधायकों ने प्रदर्शन किया। इस दौरान अरावली बचाओं और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। जिलाध्यक्ष ने कहा कि राजस्थान में अरावली का बहुत महत्व है। जल, जीवन और वायु के अरावली बहुत ही जरूरी है। दरअसल, राजस्थान में कांग्रेस पार्टी लगातार 'अरावली बचाओ' अभियान चला रही है। इसी कड़ी में शनिवार को पश्चिमी राजस्थान के बाड़मेर जिले में कांग्रेस ने प्रदर्शन किया। पार्टी कार्यकर्ताओं ने हिली उद्यान की लगभग 1000 मीटर ऊंची पहाड़ी पर चढ़कर पदयात्रा निकाली और अरावली के संरक्षण की मांग जोर-शोर से उठाई। यह पदयात्रा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के निर्देशानुसार 'अरावली बचाओ जन जागरण अभियान' के तहत आयोजित की गई। इसमें कांग्रेस जिलाध्यक्ष लक्ष्मणसिंह गोदारा के नेतृत्व में कांग्रेस सांसद उम्मेदाराम बेनीवाल, पूर्व विधायक पदमाराम मेघवाल, निवर्तमान सभापति दीपक माली समेत जनप्रतिनिधि पहुंचे। जिलाध्यक्ष लक्ष्मणसिंह गोदारा ने कहा- केंद्र सरकार की रिपोर्ट के आधार पर जो सुप्रीम कोर्ट ने जो व्याख्या की है। इसके विरोध में आज कांग्रेस पार्टी ने प्रदर्शन किया है। स्मृति हिल उद्यान के जरिए पर्यावरण का संरक्षण किया है। अवैध खनन और अतिक्रमण को रोकने के लिए उद्यान बनाया गया। रेगिस्तानी एरिया होने के कारण इनका बरसात में भी इसका महत्व है। अरावली बचाने का संदेश और ऑर्डर का विरोध के लिए यह प्रदर्शन किया है। भ्रम विपक्ष नहीं फैला रहा है। सरकार ने कोई रिपोर्ट नहीं पेश की है। सरकार बोल रही है लेकिन आदेश नहीं निकाला है। सांसद उम्मेदाराम बेनीवाल ने सरकार पर जुबानी हमला बोलते हुए कहा कि अरावली को खत्म करने की नीयत से और खनन माफिया को बढ़ाने के लिए, जनता को लूटने के लिए जो आदेश पारित किया है। 100 मीटर से कम पहाड़ियों में खनन हो सकता है। उसके खिलाफ में कांग्रेस पार्टी और पर्यावरण प्रेमी प्रदर्शन कर रहे है। अरावली राजस्थान की जीवन रेखा है जो मरुस्थल को आगे बढ़ने से रोकती है। हमारे यहां पर वातावरण को प्रतिकूल बनाती है। अरावली माला की वजह से मौसम का संतुलन रहता है। अरावली हमारी जीवन रेखा है। डबल इंजन की सरकार ने अरावली पर्वतमाला को खोखला करने की नीयत से कोर्ट के अंदर पैरवी नहीं की।