सांसद रोत और रावत में तकरार, एक-दूसरे पर बाहें चढ़ाईं, तैश में विधायक डामोर ने रावत को ललकारा- लड़ना है तो मैदान में आओ
भास्कर संवाददाता| डूंगरपुर जिला परिषद के ईडीपी हॉल में सोमवार को हुई दिशा बैठक सांसदों और विधायक की आपसी तू-तू मैं-मैं के चलते अपनी दिशा से भटक गई। विवाद इतना बढ़ गया कि बांसवाड़ा सांसद राजकुमार रोत और उदयपुर सांसद मन्नालाल रावत ने एक-दूसरे पर अंगुलियां तान दी। आसपुर विधायक उमेश डामोर तो तैश में आपा खोकर सांसद रावत को चुनौती दे बैठे। तीनों ने एक-दूसरे पर अंगुलियां तानी, बांहें चढ़ाई और कुर्सियां खिसकाते हुए खड़े हो गए। बैठक में इस तरह की स्थिति देखकर जिला कलेक्टर सहित सभी अधिकारी भी सकते में आकर खड़े हो गए। माहौल बिगड़ता देख तुरंत बीच-बचाव में आए अंगरक्षक दीवार बनकर खड़े हो गए। बाद में कलेक्टर ने समझाइश कर सांसदों को वापस बैठाया। इसके बाद कलेक्टर ने सभी अधिकारियों को निर्देश दिए कि केंद्र सरकार की योजनाओं के बिंदुओं के अनुसार जिले की स्थिति बताएं। इसके बाद बैठक दोबारा शुरू हुई, लेकिन दोनों सांसद बीच-बीच में एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाते रहे। करीब 3 घंटे चली यह बैठक खत्म हुई तब जाकर अधिकारियों ने राहत की सांस ली। अधिकारी समग्र शिक्षा और छात्रों के दुर्घटना बीमा पर अबात कर रहे थे। तभी सांसद रोत ने समग्र स्कूलों की रिपोर्ट को लेकर चर्चा की। सांसद रावत ने कहा- यह दिशा की बैठक में नहीं आता। इस पर चर्चा कर समय खराब न करें। बस इसी बात को लेकर दोनों में तकरार शुरू हुई। सांसद मन्नालाल रावत : समग्र शिक्षा का मुद्दा राज्य स्तर का है। दिशा बैठक में कृपया इस पर बहस करने के बजाय केंद्र सरकार की योजनाओं का जिक्र करें। बैठक के बाहर की बात नहीं हो। सांसद राजकुमार रोत : यहां मीटिंग चाहते हो या बर्बाद करना चाहते हो दिशा बैठक को? तुम बताओगे कि बैठक कैसे चलेगी? सांसद रावत : तुम क्या होता है? बात करने की तमीज नहीं है? संविधान और नियमों की ही तो बात की है! विधायक उमेश डामोर : लड़ाई करनी है तो बाहर आ जाना। यहां पर मत करना। मैदान में आओ खुलकर। सांसद रावत : हम संविधान के अनुसार बात करेंगे। कलेक्टर साहब ये क्या व्यवस्था है? ये हमें धमकी दे रहे हैं? सांसद रोत : कौन धमकी दे रहा है? सांसद रावत : कान बहरे हैं क्या? विधायक डामोर : राजनीति करनी है तो बाहर जाओ। सांसद रावत : यह सरकार का ऑर्डर है, उसी के अनुसार चर्चा होनी चाहिए। विधायक डामोर : हमें डूंगरपुर की चिंता है। सांसद रावत : हम सबको सबकी चिंता है। इस प्रकार तू-तू करके बात करते हैं? डूंगरपुर का क्या हाल हो रखा है! विधायक डामोर : आपको भाषण देना है तो बाहर जाओ। आतंक मत फैलाओ। सांसद रावत : किसने बनाया ऐसा डूंगरपुर को धमकी देने वाला? हम सही बात कर रहे हैं, उसको ये आतंक बोल रहे हैं? सांसद रोत : इनका उद्देश्य बैठक को बर्बाद करके बखेड़ा करना है। इसलिए उमेशजी चुप हो जाओ। सांसद रावत (दिशा बैठक के बिंदु दिखाते हुए) : ये बाबा साहब अंबेडकर के बनाए संविधान के अनुसार बैठक है। इसमें 96 बिंदु हैं। इससे बाहर क्यों आना चाहिए? ईडीपी हॉल में हुई यह घटना अचानक नहीं थी। वागड़ में पैर जमाने या पैर उखाड़ने के लिए पहले दो दलों में रस्साकशी चलती थी, अब तीन दल होने से वर्चस्व के लिए रार और बढ़ गई है। वागड़ में बीएपी की पकड़ बढ़ते देख भाजपा-कांग्रेस के नेता भी आक्रामक तेवर दिखाते रहे हैं। सांसद मन्नालाल रावत और जनजाति क्षेत्रीय विकास मंत्री बाबूलाल खराड़ी ने बीएपी के खिलाफ खुला मोर्चा खोल रखा है। वहीं, कांग्रेस में भी विधायक व जिलाध्यक्ष गणेश घोगरा लगातार आक्रामक तेवर दिखाते रहे हैं। जबकि बीएपी सांसद राजकुमार रोत और उनके समर्थक तो लगातार दोनों दलों पर हमलावर हैं ही। घोगरा भी इनके निशाने पर हैं। आक्रामकता के पीछे कारण देखें तो सभी की निगाहें युवाओं पर है, जो सोशल मीडिया पर सक्रिय रहता है। इन युवाओं में पैठ बनाने और बढ़ाने के लिए नेता आक्रामकता को हथियार बना रहे हैं। लेकिन इसका नतीजा वागड़ के विकास पर पड़ रहा है। जनहित के मुद्दों पर भी नेताओं में एकजुटता नहीं होने के कारण गांवों का विकास अवरुद्ध हो रहा है, रोजगार के अवसर सिमटते जा रहे हैं। योजनाएं धरातल पर नहीं उतर पा रहीं। शिविर लग रहे हैं लेकिन खानापूर्ति ही हो रही है। ^बैठक में माहौल बनाकर बिंदुओं से हटकर चर्चा की जी रही थी। विरोध किया तो मुझे धमकी मिली। यह इनके संस्कार हैं। पद का घमंड करते हुए मुझे संस्कारहीन बात कही है। योजनाओं को धरातल में लाने के लिए केंद्र सरकार प्रयास कर रही है। इन्हीं चर्चा करने को कह रहे थे। - मन्नालाल रावत, सांसद ^सांसद मन्नालाल रावत हर योजना का विरोध कर रहे थे। हमने क्षेत्र की जनता के हित की बात उठाई। बैठक में उन्होंने उकसाने का काम किया। जहां पर भ्रष्टाचार होगा वहां बीएपी बात करेगी। बैठक में जनता के हित के मुद्दे के लिए ही बात कही है। उन्होंने प्री-प्लान तरीके से माहौैल बिगाड़ने का काम किया। - राजकुमार रोत, सांसद