नए साल पर सांवलिया सेठ के दर्शन करने पहुंचे भक्त:घंटों लाइन में खड़े कर रहे इंतजार, मंदिर परिसर में सुरक्षा पर विशेष ध्यान
बदलते समय के साथ अब लोग नए साल मनाने के पुराने तरीकों को छोड़कर धार्मिक स्थलों की ओर ज्यादा आकर्षित हो रहे हैं। पहले जहां लोग 31 दिसंबर और 1 जनवरी को पार्टियों और पिकनिक पर ज्यादा ध्यान देते थे, वहीं अब बड़ी संख्या में लोग अपने परिवार के साथ मंदिरों और धार्मिक स्थलों में दर्शन करने पहुंच रहे हैं। चित्तौड़गढ़ जिले में स्थित मेवाड़ के कृष्ण धाम श्री सांवलिया सेठ के दरबार नए साल के मौके पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु मंदिर में दर्शन करने पहुंच रहे हैं। भक्त घंटों कतार में खड़े रहकर अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं। मंदिर का माहौल भक्तों के जयकारों और भक्ति गीतों से गूंज रहा है। भक्तों की उनकी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए मंदिर प्रशासन ने मंदिर परिसर में बैरिकेडिंग की व्यवस्था की गई है और दर्शन के लिए अतिरिक्त लाइनों का निर्माण किया गया है। नए साल की शुरुआत सांवरा सेठ के दर्शन के साथ भक्तों का मानना है कि अगर साल की शुरुआत ईश्वर के दर्शन और आशीर्वाद के साथ होती है, तो पूरा साल सुख, समृद्धि और शांति से भरा होता है। यही वजह है कि दूर-दराज के राज्यों से लोग अपने परिवार सहित सांवलिया सेठ के दर्शन करने यहां पहुंच रहे हैं। मंदिर मंडल और स्थानीय प्रशासन के अनुसार, पिछले कुछ दिनों से हर दिन लाखों की संख्या में श्रद्धालु मंदिर आ रहे हैं। मंदिर परिसर में भक्तों की भीड़ के बावजूद किसी में भी धैर्य और भक्ति की कमी नहीं दिख रही है। लोगों के उत्साह को देखकर यह साफ़ नजर आता है कि सांवलिया सेठ के प्रति लोगों का विश्वास अटूट है। सुरक्षा और व्यवस्थाओं का रखा जा रहा है पूरा ध्यान भक्तों की बढ़ती भीड़ और उनकी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए मंदिर प्रशासन और जिला प्रशासन ने विशेष प्रबंध किए हैं। मंदिर परिसर में बैरिकेडिंग की व्यवस्था की गई है और दर्शन के लिए अतिरिक्त लाइनों का निर्माण किया गया है। हर जगह पुलिस और सुरक्षा गार्ड तैनात हैं ताकि किसी प्रकार की अव्यवस्था न हो। प्रशासन का मानना है कि मंदिर में दर्शन करने आए हर भक्त को आसानी से दर्शन का मौका मिलना चाहिए और उन्हें किसी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े। मंदिर परिसर में व्यवस्थाओं का यह पूरा तंत्र श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा को प्राथमिकता देता है। श्रद्धालुओं का मानना : सच्चे मन से मांगी गई मुराद होती है पूरी सांवलिया सेठ मंदिर केवल धार्मिक दृष्टि से ही नहीं बल्कि अपने दान-वैभव और ऐतिहासिक महत्व के लिए भी जाना जाता है। भक्तों का मानना है कि यहां सच्चे मन से मांगी गई हर मुराद पूरी होती है। साल के अंत में लोग अपने दुख और चिंताओं को ईश्वर के चरणों में छोड़कर नई उम्मीदों के साथ अगले साल का स्वागत करने यहां आते हैं। यही कारण है कि यह मंदिर नए साल पर श्रद्धालुओं के लिए प्रमुख केंद्र बन गया है। मंदिर के माहौल में भक्ति, श्रद्धा और विश्वास का अनुभव हर आने वाले व्यक्ति को होता है। भक्तों ने बांटे अपने अनुभव मंदिर में दर्शन करने आए श्रद्धालुओं ने भी अपने अनुभव साझा किए। रतलाम से आई खुशी कलवानी ने कहा कि उन्होंने नए साल की शुरुआत सांवलिया सेठ के दर्शन से करने का फैसला किया। उन्होंने बताया कि लोग नए साल में कई बार घूमने और पिकनिक पर जाते हैं, लेकिन उनका उद्देश्य था कि वे ठाकुर जी के दर्शन करें। उन्होंने कहा,“हमारी पूरी श्रद्धा सांवलिया जी के प्रति है और हमें यहां आकर बहुत अच्छा लगा। मैं सभी से अपील करती हूं कि आप लोग भी सांवलिया जी के दर्शन करें, आपकी हर मन्नत पूरी होगी।” इसी तरह, जबलपुर की शिखा दुबे ने कहा कि सांवलिया सेठ वास्तव में सेठों के सेठ हैं और उनके आशीर्वाद से किसी भी काम की शुरुआत सफल होती है। उन्होंने बताया कि उनके लिए सांवलिया जी एक जीवन के पार्टनर के समान हैं, जो हर कदम पर उनका मार्गदर्शन करते हैं। उन्होंने कहा कि यहां आकर उन्हें अपने आभार जताने का मौका मिलता है और विश्वास है कि आने वाले समय में भी उनका साथ बना रहेगा। भक्तों के उत्साह में नहीं है कमी मंदिर परिसर में भक्तों की भीड़, जयकारों और भजन-कीर्तन के कारण माहौल बहुत जीवंत और श्रद्धापूर्ण रहता है। दर्शन करने आए लोग घंटों इंतजार के बावजूद खुश और संतुष्ट रहते हैं। मंदिर में व्यवस्थाओं और सुरक्षा के संपूर्ण इंतजाम के बावजूद भक्तों का उत्साह कम नहीं होता। प्रशासन और मंदिर समिति लगातार यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि दर्शन करने आए हर श्रद्धालु को सुविधा और सुरक्षा मिल सके। यही कारण है कि सांवलिया सेठ का मंदिर नए साल पर श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का प्रमुख केंद्र बन गया है।