लापता पति का सर कुचला नग्न शव जंगल में मिला:हॉस्पिटल में दवा लेने गया था, वहीं से लापता; क्या थी कत्ल की कहानी? पार्ट-1
रविवार 14 जुलाई, 2019 का दिन। दोपहर के समय जालोर के तत्कालीन SP हिम्मत अभिलाष टाक को फोन पर सूचना मिली कि बोरटा-लेदरमेर ग्रेवल सड़क के पास फॉरेस्ट डिपार्टमेंट की जमीन पर एक युवक का शव नग्न हालत में पड़ा है। SP ने तत्काल भीनमाल के उस समय के CO हुकमाराम बिश्नोई को घटना की जानकारी दी। SP के निर्देश पर हुकमाराम बिश्नोई (CO) तत्काल घटनास्थल की ओर रवाना हो गए। इसके साथ ही उन्होंने स्थानीय थाना रामसीन में भी सूचना दे दी। उस दिन थाना रामसीन के तत्कालीन SHO छतरसिंह देवड़ा अवकाश पर थे। ऐसे में सूचना मिलते ही तत्कालीन कार्यवाहक थाना इंचार्ज साबिर मोहम्मद पुलिस टीम के साथ घटनास्थल पर पहुंच गए। आधा शव मिट्टी में दबा हुआ था घटनास्थल पर आसपास के गांव के लोगों की भीड़ इकट्ठी हो गई थी। वहां वन विभाग की खाई में एक आदमी का नग्न शव पड़ा था। आधा शव मिट्टी में दबा हुआ था। चेहरा कुचला हुआ था। शव से बदबू आ रही थी। इससे लग रहा था कि उसकी हत्या शायद कई दिन पहले कर दी गई थी। सबसे पहले शव को चरवाहे ने देखा शव को सबसे पहले एक चरवाहे ने देखा था। वह वहां सड़क किनारे बकरियां चरा रहा था। उसी चरवाहे ने यह खबर आसपास के लोगों को दी थी। इसके बाद कुछ और लोग घटनास्थल पर पहुंचे और उन्होंने पुलिस को सूचना दी। शव से 20 मीटर दूर फोर व्हीलर के पहियों के निशान मिले पुलिस ने शव को खाई से बाहर निकाल कर पहचान (शिनाख्त) कराने की कोशिश की। वहां जमा भीड़ में से कोई भी शव की शिनाख्त नहीं कर सका। शव से करीब 20 मीटर की दूरी पर किसी चौपहिया वाहन के टायरों के निशान मिले। खून से सना ईंट पड़ा था इससे पुलिस ने अंदाजा लगाया कि हत्यारे शव को किसी गाड़ी में लेकर आए और यहां डाल कर चले गए। पुलिस ने घटनास्थल से एविडेंस जुटाए। शव के पास ही खून से सनी सीमेंट की टूटी हुई ब्लॉक (ईंट) भी मिली। इससे लग रहा था कि उसी ईंट से युवक के चेहरे को कुचला गया था। कुचलते समय वह ईंट भी टूट गई थी। मौके की सारी कार्रवाई पूरी करने के बाद पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए राजकीय हॉस्पिटल में भिजवा दिया। हालांकि जब तक शव की शिनाख्त नहीं हो जाती, तब तक पुलिस इन्वेस्टिगेशन आगे नहीं बढ़ सकती थी। तमाम प्रयास के बाद भी शव की शिनाख्त नहीं हो पा रही थी शव की शिनाख्त के लिए पुलिस ने युवक की फोटो वाॅट्सऐप पर शेयर कर दिए। साथ ही फोटो भीनमाल, जालोर और बोरटा में तमाम लोगों को दिखाए। कोई भी उसे नहीं पहचान सका और उसकी पहचान के प्रयास फेल हो गए। घटना से दो दिन पहले गुमशुदगी दर्ज कराई इधर अब तक सोशल मीडिया पर युवक (मृतक) की फोटो वायरल हो चुकी थी। जालोर के थाना सिटी कोतवाली में 2 दिन पहले कालेटी गांव के शैतानदान चारण नाम के एक शख्स ने अपने रिश्तेदार डूंगरदान चारण की गुमशुदगी दर्ज कराई थी। ऐसे में कोतवाली प्रभारी को जब थाना रामसीन क्षेत्र में अज्ञात शव मिलने की जानकारी मिली तो उन्होंने केस से संबंधित बातों पर गौर किया। शव का हुलिया लापता डूंगरदान चारण के हुलिए से मिलता जुलता पाया। इसके बाद तत्कालीन कोतवाली प्रभारी बाघ सिंह ने डीएसपी भीनमाल हुकमाराम को सारी बातें बताईं। SP ने दो टीमों का गठन किया एसपी जालोर ने 2 पुलिस टीमों का गठन किया। इनमें एक टीम तत्कालीन भीनमाल थाना इंचार्ज साबिर मोहम्मद के नेतृत्व में गठित हुई। इसमें एएसआई रघुनाथ राम, हेड काॅन्स्टेबल शहजाद खान, तेजाराम, संग्राम सिंह, काॅन्स्टेबल विक्रम नैण, मदनलाल, ओमप्रकाश, रामलाल, भागीरथ राम, महिला काॅन्स्टेबल ब्रह्मा शामिल थी। दूसरी पुलिस टीम में रामसीन थाने के तत्कालीन एएसआई विरधाराम, हेड काॅन्स्टेबल प्रेम सिंह, नरेंद्र, काॅन्स्टेबल पारसाराम, राकेश कुमार, गिरधारी लाल, कुंपाराम, मायंगाराम, गोविंद राम और महिला कांस्टेबल धोली व ममता को शामिल किया गया। गुमशुदगी दर्ज कराने वाले ने शव की पहचान की CO हुकमाराम बिश्नोई दोनों पुलिस टीमों को लगातार दिशा-निर्देश दे रहे थे। जालोर के कोतवाली निरीक्षक बाघ सिंह ने उच्चाधिकारियों के आदेश पर डूंगरदान चारण की गुमशुदगी दर्ज कराने वाले शैतानदान को शव दिखाया। उसने शिनाख्त अपने रिश्तेदार डूंगरदान चारण के रूप में कर दी। 12 जुलाई, 2019 को जालोर के सरकारी हॉस्पिटल में दवा लेने गया था शिनाख्त होने के बाद पुलिस ने डूंगरदान (मृतक) के परिजनों से संपर्क किया। उन्हें इस मामले में अहम जानकारी मिली। डूंगरदान की पत्नी रसाल कंवर ने पुलिस को बताया कि उसके पति 12 जुलाई, 2019 को जालोर के सरकारी हॉस्पिटल में दवा लेने गए थे। वहां से घर लौटने के बाद वे लापता हो गए। इसकी थाने में सूचना भी दर्ज करा दी थी। रसाल कंवर ने पुलिस को हॉस्पिटल की पर्ची भी दिखाई। पुलिस टीम ने हॉस्पिटल की पर्ची के आधार पर जांच की। पुलिस को कुछ संदिग्ध नहीं लग रहा था पुलिस ने राजकीय हॉस्पिटल जालोर के 12 जुलाई, 2019 के सीसीटीवी फुटेज की जांच की तो पता चला कि डूंगरदान काले रंग की बोलेरो नंबर RJ14UB7612 में हॉस्पिटल तक आया था। डूंगरदान के साथ उसकी पत्नी रसाल कंवर के अलावा 2 व्यक्ति भी फुटेज में दिखे। रसाल ने उन्हें अपने और पति डूंगरदान की जान-पहचान वाले बताया था। इसके अलावा बाकी सब कुछ सामान्य था। पूछताछ और पड़ताल में भी कुछ संदिग्ध नजर नहीं आ रहा था। बच्चों की पढ़ाई के लिए गांव छोड़ा पुलिस ने डूंगरदान की हिस्ट्री खंगाली। इन्वेस्टिगेशन में सामने आया कि डूंगरदान चारण मूलरूप से जालोर जिले के बागौड़ा इलाके के गांव कालेटी का रहने वाला था। उसके पास खेती की थोड़ी सी जमीन थी। वह उस जमीन पर खेती के अलावा दूसरी जगह मेहनत मजदूरी करता था। उसकी शादी करीब एक दशक पहले जालोर की ही रसाल कंवर से हुई थी। करीब एक साल बाद रसाल कंवर एक बेटे की मां बनी तो परिवार में खुशियां बढ़ गईं। बाद में वह एक और बेटी की मां बन गई। जब डूंगरदान के बच्चे बड़े होने लगे तो वह उनके भविष्य को ले कर चिंतित रहने लगा। गांव में अच्छी पढ़ाई की व्यवस्था नहीं थी। लिहाजा डूंगरदान अपने बीवी बच्चों के साथ कालेटी छोड़ कर भीनमाल चला गया। वहां लक्ष्मीमाता मंदिर के पास किराए का कमरा लेकर रहने लगा था। भीनमाल बड़ा कस्बा है तो वहां डूंगरदान को मजदूरी भी मिल जाती थी। डूंगरदान की प्रोफाइल और पारिवारिक पड़ताल में भी पुलिस के हाथ कुछ खास नहीं लग पाया था। ऐसे में अब ये मामला बेहद ही पेचीदा हो गया था। पुलिस को डूंगरदान की हत्या की वजह जानने के लिए अभी इन अहम सवालों के जवाब तलाशना बाकी था ... कल राजस्थान क्राइम फाइल्स, पार्ट-2 में पढ़िए सभी सवालों के जवाब




